टूटा महाव तटबंध, सैकड़ों एकड़ खेत जलमग्न

महराजगंज जिले के नौतनवा तहसील क्षेत्र में स्थित महाव तटबंध पहली बरसात में ही चार स्थानों पर

By JagranEdited By: Publish:Wed, 16 Jun 2021 06:15 AM (IST) Updated:Wed, 16 Jun 2021 06:15 AM (IST)
टूटा महाव तटबंध, सैकड़ों एकड़ खेत जलमग्न
टूटा महाव तटबंध, सैकड़ों एकड़ खेत जलमग्न

महराजगंज: जिले के नौतनवा तहसील क्षेत्र में स्थित महाव तटबंध पहली बरसात में ही

चार स्थानों पर टूट गया। जिसके कारण नाले के रेत मिश्रित पानी से सैकड़ों एकड़ खेत जलमग्न हो गए। तटबंध के खंड-खंड टूटने से धान की रोपाई में जुटे किसानों की उम्मीदों पर पानी फिर गया है। नाले का पानी तेजी से गांवों की तरफ बढ़ रहा है।

पहाड़ों पर हुई झमाझम बारिश के कारण महाव नाले का जलस्तर मंगलवार की दोपहर खतरे के निशान को पार कर गया था। नाला खतरे का निशान पांच फीट से ऊपर साढ़े आठ फीट पर बह रहा है। शाम पांच बजे तक पानी के दबाव को न झेल पाने के कारण नाला अपने पश्चिमी तटबंध को खैरहवा दुबे गांव के सामने रणजीत सिंह के खेत में 20 मीटर व चंद्रशेखर सिंह के खेत के सामने 30 मीटर व विशुनपुरा गांव के समीप दोगहरा निवासी सफाद अली के खेत के सामने 30 मीटर तोड़कर तबाही मचाना शुरू कर दिया। जबकि नाले का पूर्वी तटबंध अमहवा में बिरई यादव के खेत के सामने 10 मीटर टूट गया। महाव का पानी सैकड़ों एकड़ खेत को जलमग्न कर अब गांवों की तरफ बढ़ रहा है। नौतनवा तहसीलदार अशोक कुमार गुप्ता ने महाव तटबंध पर पहुंचकर जर्जर बांध व कटान स्थलों का निरीक्षण किया। उन्होंने किसानों को आश्वासन दिया कि जल्द ही महाव के टूटे तटबंध के मरम्मत का कार्य शुरू करा दिया जाएगा। सिचाई खंड दो महराजगंज के अधिशासी अभियंता राजीव कपिल ने बताया कि नेपाल में भारी बारिश व वन क्षेत्र में नाले की सफाई न होने के कारण ओवरफ्लो होने से बंधा टूटा है। शीघ्र की बंधे की मरम्मत करा कर नाले की सफाई कराई जाएगी। ---------------

किसानों ने प्रशासन पर लगाया लापरवाही का आरोप :मानसूनी बारिश शुरू होते ही महाव का बांध चार स्थानों पर टूटने से बाढ़ प्रभावित दोगहरा, विशुनपुरा, अमहवा, खैरहवा दुबे गांवों के किसान काफी आक्रोशित हैं। विशुनपुरा गांव के किसान प्रमोद चौधरी, जयप्रकाश तिवारी, अगस्त मुनि चौधरी व खैरहवा दुबे गांव के किसान सुनील मिश्र, मनदीप यादव, जोखू आदि ने बताया कि नाले की तबाही से बचाने के लिए प्रशासन द्वारा समय रहते कोई उपाय नहीं किया गया । जिसका खामियाजा क्षेत्रीय किसानों को भुगतना पड़ रहा है। खैरहवा दुबे गांव के सामने महाव के टूटे कटान स्थल के रास्ते नाले का पानी गांव को नौतनवा- ठूठीबारी मार्ग से जोड़ने वाली सड़क पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। सड़क पर दो फीट पानी बहने से ग्रामीणों को आने जाने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। ------

नदियों का जलस्तर बढ़ा, मंडराने लगा बाढ़ का खतरा फोटो : 15 एमआरजे: 50

निचलौल : तराई क्षेत्रों व नेपाल के पहाड़ों पर तीन दिनों से लगातार हो रही बारिश से भारत मे आने वाली नदियों का जलस्तर मंगलवार को तेजी से बढ़ा। जिससे नारायणी नदी का जलस्तर एक लाख क्यूसेक से बढ़कर 2.64 लाख क्यूसेक हो गया। वहीं चंदन व झरही नदी व भौरहिया नाला के उफनाने से नदी किनारे के खेत जलमग्न हो गए हैं। झुलानीपुर संवाददाता के अनुसार नेपाल राष्ट्र के नवलपरासी जिला अंतर्गत सुस्त गांव पालिका को छूकर बहने वाली नारायणी गंडक नदी के जलस्तर ने अपने अधिकतम सीमा रेखा को पार कर लिया है। यह जानकारी नारायणी नदी देवघाट स्थित बाढ़ मापन केंद्र के द्वारा दी गई है। मंगलवार की शाम चार बजे तक नदी का जलस्तर दो लाख 64 हजार क्यूसेक चल रहा था। जिसे रात तक तीन लाख क्यूसेक के पार हो जाने की संभावना जताई जा रही थी। ठूठीबारी संवाददाता के अनुसार पहाड़ी नदी चंदन व झरही खतरे के निशान तक पहुंच गई है। वहीं इससे जुड़ी भौराहिया नाला भी उफान पर है। ----

नदी, नाला के जल स्तर पर एक नजर नदी, नाला खतरे का निशान जल स्तर

गंडक 369.80 फीट 358.20 फीट

राप्ती 82.08 मी. 75.620 मी.

त्रिमुहानी 82.44 मी. 78.710 मी.

भौराबारी 79.00 मी. शून्य

चंदन 101.05 मी. 101.15 मी.

प्यास 102.75 मी. 102.50 मी.

महाव पांच फीट साढ़े आठ फीट

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