कोरोना की तीसरी लहर के लिए तैयार हुआ बीआरडी मेडिकल कालेज, संक्रमित बच्‍चों के लिए बना अलग ICU वार्ड

बाबा राघवदास मेडिकल कालेज गोरखपुर में संक्रमित हुए बच्चों के लिए अलग से आइसीयू वार्ड की व्यवस्था की योजना भी बना ली गई है। गांवों में संक्रमित हुए बच्चों के इलाज के लिए पांच सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर पीकू की व्यवस्था को समृद्ध किया जा रहा है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Wed, 12 May 2021 07:30 AM (IST) Updated:Wed, 12 May 2021 07:30 AM (IST)
कोरोना की तीसरी लहर के लिए तैयार हुआ बीआरडी मेडिकल कालेज, संक्रमित बच्‍चों के लिए बना अलग ICU वार्ड
बीआरडी मेडिकल कॉलेज ने कोरोना की तीसरी लहर से निपटने की तैयारी शुरू कर दी है। - प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, दुर्गेश त्रिपाठी। तीसरी लहर में बच्चों पर कोरोना के असर की आशंका को देखते हुए बचाव की तैयारियां तेज हो हो गई हैं। स्वास्थ्य विभाग के साथ ही चिकित्सा शिक्षा विभाग ने संक्रमण की स्थिति में बच्चों को तत्काल इलाज देने के लिए पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट पीकू को समृद्ध किया जा रहा है। बाबा राघवदास मेडिकल कालेज में संक्रमित हुए बच्चों के लिए अलग से आइसीयू वार्ड की व्यवस्था की योजना भी बना ली गई है। गांवों में संक्रमित हुए बच्चों के इलाज के लिए पांच सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर पीकू की व्यवस्था को समृद्ध किया जा रहा है।

बच्‍चों पर है अधिक खतरा

विशेषज्ञों ने कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों पर संक्रमण का ज्यादा खतरा बताया है। आशंका जताई जा रही है कि प्रतिरोधक क्षमता कम होने के कारण बच्चे तीसरी लहर में कोरोना संक्रमण की चपेट में आ सकते हैं। दूसरी लहर में आक्सीजन समेत अन्य संसाधनों की कमी को देखते हुए शासन ने बच्चों के इलाज के लिए अभी से तैयारी पूरी करने के निर्देश दिए हैं।

इंसेफ्लाइटिस वार्ड पहले से ही समृद्ध

बाबा राघवदास मेडिकल कालेज का इंसेफ्लाइटिस वार्ड पहले ही बच्चों के इलाज के लिए उपकरणों से लैस है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की खुद इंसेफ्लाइटिस के मामलों पर नजर रहती है। इस कारण इस वार्ड में संसाधनों की कोई कमी ही नहीं है। इलाज की अच्छी व्यवस्था और स्वच्छता के प्रति लोगों की जागरूकता के कारण इंसेफ्लाइटिस के मामले काफी कम हो गए हैं। इक्का-दुक्का मामले मिलते भी हैं तो इलाज से बच्चे पूरी तरह स्वस्थ हो जा रहे हैं।

इन सीएचसी में है व्यवस्था

जिले के पांच सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में पीकू की व्यवस्था है। यहां दो-दो बेड का वेंटीलेटर है। इसकी व्यवस्था इंसेफ्लाइटिस से गंभीर हुए बच्चों के तत्काल इलाज के लिए की गई थी। अब इंसेफ्लाइटिस के मामले हैं नहीं तो यह पूरी व्यवस्था कोरोना से संक्रमित बच्चों के इलाज के लिए वरदान साबित होगी। सहजनवां, पिपराइच, कैंपियरगंज, चौरीचौरा और बासगांव सीएचसी में पीकू की व्यवस्था है।

जिला अस्पताल में भी भर्ती करने के इंतजाम

जिला अस्पताल में काफी पहले से इंसेफ्लाइटिस आइसीयू वार्ड बनाया गया है। इस वार्ड में बच्चों को भर्ती किया जाता है। कोरोना के बच्चों के प्रभाव की आशंका को देखते हुए जिला अस्पताल प्रशासन इस वार्ड को बच्चों के इलाज के लिए व्यवस्थित करने में जुटा है।

महिला अस्पताल में भी तैयारी

जिला महिला अस्पताल में 10 बेड का सिक न्यू बार्न केयर यूनिट एसएनसीयू में दो बेड कोरोना संक्रमित बच्चों के इलाज के लिए रिजर्व कर दिया गया है। प्रसव के बाद मां के संक्रमित रहने की स्थिति में यदि बच्चे की जांच में कोरोना की पुष्टि हुई तो बच्चे को इसी एसएनसीयू में भर्ती किया जाएगा।

बच्चे यह करें

हरी सब्जियां, प्रोटीन वाली खाद्य सामग्री जैसे दूध, पनीर, चने की दाल आदि खिलाएं।

बच्चों को घर में व्यायाम और योग कराएं

मल्टीविटामिन सीरप उम्र के अनुसार डाक्टर की सलाह पर ले सकते हैं

ज्यादा समय तक मास्क का इस्तेमाल करें, घर के बाहर न जाने दें

परिवार को जो सदस्य ज्यादा समय तक बाहर रहता है और फिर घर वापस आता है उससे बच्चों को दूर ही रखें तो बेहतर

कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए बाबा राघवदास मेडिकल कालेज डटा हुआ है। बच्चों के इलाज की भी पूरी व्यवस्था है। उपकरणों को दुरुस्त करा दिया गया है। तीसरी लहर में यदि बच्चे ज्यादा संक्रमित हुए तो उनका इलाज काफी आसान हो जाएगा। - डा. अनीता मेहता, विभागाध्यक्ष, बाल रोग, बाबा राघवदास मेडिकल कालेज।

स्वास्थ्य विभाग ने अपनी तैयारी तेज कर दी है। जिला अस्पताल, जिला महिला अस्पताल, पांच सीएचसी के साथ ही स्वास्थ्यकर्मियों को बच्चों के इलाज के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है। बच्चों पर कोरोना का प्रभाव न पड़े इसके लिए निरोधात्मक उपाय भी शुरू की जाएंगे। - डा. सुधाकर पांडेय, सीएमओ।

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