Coronavirus के डेल्टा प्लस वैरिएंट को लेकर बीआरडी मेड‍िकल कालेज व आरएमआरसी ने शुरू की तैयारी

कोरोना वायरस के डेल्टा प्लस वैरिएंट को लेकर अभी से तैयारियां शुरू हो गई हैं। रीयल टाइम पालीमरेज चेन रियेक्शन (आरटीपीसीआर) जांच के लिए आठ नई मशीनें मंगाई गई हैं। ताकि बड़े पैमाने पर जांच कर कोरोना के इस नए वैरिएंट की रोकथाम की जा सके।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Thu, 24 Jun 2021 11:50 AM (IST) Updated:Thu, 24 Jun 2021 11:50 AM (IST)
Coronavirus के डेल्टा प्लस वैरिएंट को लेकर बीआरडी मेड‍िकल कालेज व आरएमआरसी ने शुरू की तैयारी
कोरोनावायरस के डेल्टा प्लस वैरिएंट को लेकर बीआरडी मेड‍िकल कालेज व आरएमआरसी ने तैयारी शुरू कर दी है।

गोरखपुर, जेएनएन। देश के तीन राज्यों में मिल चुके कोरोना वायरस के डेल्टा प्लस वैरिएंट को लेकर अभी से तैयारियां शुरू हो गई हैं। रीयल टाइम पालीमरेज चेन रियेक्शन (आरटीपीसीआर) जांच के लिए आठ नई मशीनें मंगाई गई हैं। ताकि बड़े पैमाने पर जांच कर कोरोना के इस नए वैरिएंट की रोकथाम की जा सके।

नए वैरिएंट की रोकथाम के लिए हो सकेगी बड़े पैमाने पर जांच

बाबा राघव दास (बीआरडी) मेडिकल कालेज के माइक्रोबायोलाजी विभाग में मात्र एक मशीन थी। इस साल मई व जून में छह मशीनें और आ गई हैं। क्षेत्रीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान केंद्र (आरएमआरसी) में दो मशीनों से जांच हो रही थी, इस माह दो और मशीनें मंगाई गई हैं। अब दोनों संस्थानों के पास कुल मिलाकर 11 आरटीपीसीआर मशीनें हो गई हैं। दोनों संस्थान एक दिन में लगभग पांच हजार जांच कर रहे थे। अब इनकी क्षमता बढ़कर लगभग 18 हजार हो गई है। मतलब एक दिन में 18 हजार नमूनों की जांच गोरखपुर में हो सकती है।

जिला अस्पताल में 17 बेड के पीकू को 50 बेड का बनाने की तैयारी

तीसरी लहर में बच्‍चों के प्रभावित होने की आशंका जताई जा रही है। इसे ध्यान में रखते हुए बीआरडी मेडिकल कालेज 50 बेड का पीडियाट्रिक आइसीयू (पीकू) व 50 बेड का नेटल आइसीयू (नीकू) तैयार कर लिया गया है। जिला अस्पताल में 17 बेड के पीकू को 50 बेड का बनाने की तैयारी चल रही है। साथ ही तीन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में तीन-तीन बेड के पीकू हैं, उन्हें बढ़ाकर पांच-पांच बेड का किया जाएगा।

हमारे पास आरटीपीसीआर जांच के लिए पर्याप्त मात्रा में मशीनें आ चुकी हैं। अब बड़े पैमाने पर जांच हो सकेगी और संक्रमण की सही स्थिति का पता चल सकेगा। इससे उसकी रोकथाम में मदद मिलेगी। - डा. अशोक पांडेय, वायरोलाजिस्ट, आरएमआरसी।

आक्सीजन बैंक बनाने की तैयारी

कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए नर्सिंग होम एसोसिएशन ने आक्सीजन बैंक बनाने की तैयारी की है। 100 जंबो सिलेंडरों का बैंक बनाया जाएगा। ताकि जरूरत पडऩे पर तत्काल किसी भी हास्पिटल को उपलब्ध कराया जा सके। एक सिलेंडर में 46.5 लीटर आक्सीजन आता है। इस तरह 4650 लीटर आक्सीजन स्टोर रहेगा। अध्यक्ष डा. केए अब्बासी ने बताया कि दूसरी लहर में आक्सीजन की कमी से दिक्कतें बढ़ गई थीं। इसलिए तीसरी लहर के लिए अभी से व्यवस्था की जा रही है।

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