गरीबी में जन्मे अभयनंदन ने बच्चों को दिलाया मुकाम
दृढ़ इच्छाशक्ति की बदौलत सफलता चूम रही परिवार के कदम
संतकबीर नगर : सफलता, पद और पैसा यह सभी मेहनत, त्याग व तपस्या मांगते हैं। जिन्होंने मेहनत के रास्ते को चुना वह सफल हुए। कुछ इसी प्रकार की कहानी है छोटे से कस्बे मेंहदावल निवासी अभयनंदन त्रिपाठी की। गरीबी में जन्मे अभयनंदन ने लगभग दो सौ रुपये से प्राथमिक शिक्षक की नौकरी शुरू की। लेकिन उन्होंने अपने तीन बच्चों की शिक्षा में कोई कसर नहीं छोड़ी। मेंहदावल के औरही प्राथमिक विद्यालय से सेवानिवृत्त हो चुके हैं लेकिन अपने बच्चों को सफलता के मुकाम पर पहुंचा दिया है। परिवार में सभी फैसले उनकी सलाह पर होते हैं। एक छत के नीचे 15 लोगों का कुनबा निवास करता है। विधायक, शिक्षक और जेई हैं बच्चे
शिक्षण कार्य करने के साथ अतिरिक्त मेहनत करते हुए अभयनंदन ने पूजा-पाठ व कर्मकांड को भी आय का जरिया बनाया। अपने बड़े पुत्र शिवा पति त्रिपाठी को इंजीनियर बनाया। शिवापति बघौली ब्लाक में तकनीकी सहायक के पद पर तैनात हैं। दूसरे पुत्र गिरिजेश पति त्रिपाठी पूर्व माध्यमिक विद्यालय में शिक्षक हैं। उनको एमएससी, बीएड, बीटीसी तक की शिक्षा दिलाई। सबसे छोटे पुत्र अखिलेश पति त्रिपाठी दिल्ली के मुखर्जीनगर में रहकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे थे। वह परास्नातक हैं। अन्ना हजारे आंदोलन से भी जुड़े। आज वह दिल्ली के माडल टाउन विधानसभा से ही तीसरी बार आम आदमी पार्टी के विधायक हैं। विधायक, शिक्षक व जेई पुत्र अपने पिता को ही इस सफलता का जनक मानते हैं। सभी अपनी सफलता और परिवार की खुशहाली के पीछे अपने माता-पिता के कठिन परिश्रम और उनके आशीर्वाद का हाथ बताते हैं। बच्चों को सेवा का दिलाया है संकल्प
अभयनंदन ने गरीबी को करीब से देखी है। उन्होंने अपने बच्चों को गरीबों की सेवा का संकल्प दिलाया है। उनके बीच के पुत्र गिरिजेश मेंहदावल में गरीब बच्चों को मुफ्त कोचिग देते हैं। गरीबों की मदद को परिवार हमेशा आगे रहता है। विधायक अखिलेश मेंहदावल व जनपद से दिल्ली जाने वाले कई लोगों का उपचार कराकर उन्हें जिदगी प्रदान कर चुके हैं। वह लोगों की सेवा में हमेशा खड़े दिखाई देते हैं। अखिलेश का दिल्ली में विधायक होना मेंहदावल के लोगों के लिए बड़ा संबल है। मेंहदावल में अभयनंदन त्रिपाठी के परिवार की सफलता को लोग उदाहरण के तौर पर सामने रखते हैं।