योग से दूर हुआ शरीर का ऐंठन, खुल गई जुबान

सिद्धार्थनगर नियमित योग से न केवल जिदगी संवारी जा सकती है बल्कि सेहत भी अच्छी रह सकती है। य

By JagranEdited By: Publish:Mon, 21 Jun 2021 06:21 AM (IST) Updated:Mon, 21 Jun 2021 06:21 AM (IST)
योग से दूर हुआ शरीर का ऐंठन, खुल गई जुबान
योग से दूर हुआ शरीर का ऐंठन, खुल गई जुबान

सिद्धार्थनगर : नियमित योग से न केवल जिदगी संवारी जा सकती है बल्कि सेहत भी अच्छी रह सकती है। योग का चमत्कार एक ऐसे युवक में दिखा है, जो 17 वर्ष तक लगातार बीमार रहा।

शहर के खजुरिया रोड के राहुलनगर में रहने वाले 26 वर्षीय आफताब आलम की जुबान दवा के साथ योग और प्राणायाम से खुल गई है। शरीर का ऐंठन भी समाप्त हो गया है और मानसिक संतुलन भी ठीक हो गया है। अब यह अपने पिता आबिद के कार्यों में हाथ भी बंटाने में लगे हैं।

जन्म के बाद से ही आफताब के शरीर में विकृति आ गई थी। दोनों हाथ ऐंठ चुके थे। दोनों हाथ हिलते थे और ठीक से चल भी नहीं पाते थे। शरीर का बायां हिस्सा काम नहीं कर रहा था। लगातार दवा चल रही थी, इसी बीच 17 वर्ष की उम्र में आफताब योगाचार्य राहुल श्रीवास्तव के संपर्क में आए। राहुल खुद अपनी गाड़ी में बैठाकर रोज इन्हें उद्यान पार्क में ले जाते। सुबह योग सिखाने लगे और प्राणायाम कराने लगे। शुरू में तो कुछ परेशानी हुई, लेकिन अब यह एक से डेढ़ घण्टे तक नियमित योग कर लेते हैं। 25 मिनट तक कपालभांति करते हैं। उज्जाई, भर्तिका, अनुलोम-विलोम, भ्रामरी और अन्य योग की विधा से शरीर का हिलना ठीक हो गया है और साफ बोलने लगे हैं। बताया कि सुधार होने में पांच वर्ष के समय लग गए।

आबिद ने बताया कि बेटे को लेकर 17 वर्ष तक मैं ज्यादा परेशान रहा। पहले लोगों को ईट-पत्थर भी चलाकर मार देता था। यह बीमारी अब नियंत्रित है। यह दवा के साथ योग का चमत्कार है। गोरखपुर में डा. भूपेंद्र भाटिया को दिखाया। कोई खास फायदा नहीं मिला तो लखनऊ के चिकित्सक डा. मजहर हुसैन से काफी दिनों तक इलाज कराया। उन्होंने बताया कि टिटनेश का इंजेक्शन न लगने से यह बीमारी हुई। यह भी बताया कि हाथ पैर का ऐंठन जाना मुश्किल है। बाद में केजीएमयू मेडिकल कालेज में डा. अतुल अग्रवाल से लगातार ढाई वर्ष तक इलाज कराया। वहां भी कोई खास सुधार नहीं दिखा। डा. अतुल ने पीजीआई में डा. सुनील प्रधान के पास भेजा। जहां पिछले छह-सात साल से नस और दिमाग की दवा चल रही है। दवा के साथ बेटे ने योग शुरू किया तो रिजल्ट भी मिलने लगा।

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योग में हर बीमारी का इलाज

योगाचार्य राहुल श्रीवास्तव ने बताया कि नियमित योग और प्राणायाम से हर बीमारी का इलाज संभव है। योग की सभी क्रियाओं से शरीर की विकृतियां दूर होती हैं। दवा के साथ यदि कोई व्यक्ति नियमित योग को अपनाए तो निश्चित तौर पर फायदा मिलेगा। यह चमत्कार मैंने खुद आफताब में देखा है। पिछले सात साल से मेरे साथ आफताब नियमित तौर से योग करते हैं। उज्जाई, भ्रामरी और अनुलोम-विलोम से आफताब अब सिर्फ न केवल बोल पाते हैं, बल्कि अपने घर का भी काम करते हैं। आवाज खुलने में सबसे अधिक योगदान उज्जाई प्रणायाम का होता है। जिसका संबंध गले से है। सांस गले और लंस के बीच कुछ देर तक रोकनी पड़ती है। इसमें सिर भी झुकाना पड़ता है।

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