गोरखपुर के खंड शिक्षा अधिकारियों की होगी जांच, तब होगा कार्यदायित्व का निर्धारण
राष्ट्रीय प्रेरणा मिशन के तहत शिक्षकों के ब्लाक स्तरीय प्रशिक्षण के दौरान सभी खंड शिक्षाधिकारी कार्यालयों को शासन स्तर से संसाधन उपलब्ध कराए गए थे। मुहैया कराए गए संसाधनों की भौतिक रूप से कार्यालय में उपलब्धता की जांच की जाएगी।
गोरखपुर, जेएनएन। पर्याप्त संसाधनों की उपलब्धता के बावजूद अपेक्षित परिणाम नहीं मिलने पर शासन ने खंड शिक्षाधिकारी कार्यालयों की पड़ताल कराने का निर्णय लिया है। इसकी जिम्मेदारी डायट प्राचार्यों को सौंपी गई है। वे जनपद के कार्यालयों का निरीक्षण कर पंद्रह दिन में गोपनीय रिपोर्ट शासन को उपलब्ध कराएंगे। उसके आधार पर शासन बीईओ के उत्तरदायित्व का निर्धारण करेगा। इस जांच के बाद कई बीईओ संकट में पड़ सकते हैं। संसाधनों के बावजूद अपने दायित्व का निर्वहन करने में ढिलाई बरतने वाले ऐसे खंड शिक्षा अधिकारियों पर विभाग नकेल कस सकता है। न केवल विभागीय कार्यवाही हो सकती है अपितु दायित्व पर पुनर्विचार भी किया जा सकता है।
बीईओ कार्यालयों में यह है सुविधा
राष्ट्रीय प्रेरणा मिशन के तहत शिक्षकों के ब्लाक स्तरीय प्रशिक्षण के दौरान सभी खंड शिक्षाधिकारी कार्यालयों को शासन स्तर से संसाधन उपलब्ध कराए गए थे। इनमें कंप्यूटर, फोटोकापी मशीन, इंवर्टर, लैपटाप, प्रोजेक्टर, बैट्री आदि शामिल हैं। शिक्षकों के जलपान के लिए अलग से बजट भी अवमुक्त किए गए थे। इन सभी का सदुपयोग हुआ है या नहीं। मुहैया कराए गए संसाधन भौतिक रूप से कार्यालय में उपलब्ध हैं या नहीं। इन बिंदुओं पर पड़ताल कर राज्य परियोजना कार्यालय को रिपोर्ट भेजनी है।
शिकायत मिलने पर हो रही जांच
राज्य परियोजना को कई जनपदों से शिकायत मिली थी कि ब्लाकों से जो जानकारियां मांगी जाती हैं वह समय से नहीं मिलती हैं। विलंब का कारण संसाधनों की अनुपलब्धता बताई जाती है। जबकि प्रत्येक बीईओ कार्यालयों में पर्याप्त संसाधनों के साथ-साथ अनुदेशक, लेखा व आपरेटर भी उपलब्ध हैं।
डायट प्राचार्य डा. बीके सिंह का कहना है कि राज्य परियोजना कार्यालय से समय-समय पर ब्लाक स्तरीय कार्यों व अभिलेखों की जानकारियां मांगीं जाती हैं। पहले यह बीएसए से मांगी जाती है, जिसे वह खंड शिक्षाधिकारियों से मंगाकर शासन को उपलब्ध कराते हैं। परियोजना कार्यालय को कई जनपदों से मांगी गई जानकारियों के समय से न मिलने तथा पर्याप्त संसाधन उपलब्ध न होने की शिकायत मिली। जल्द ही निरीक्षण पूरा कर परियोजना कार्यालय को रिपोर्ट भेज दी जाएगी।