इस बारफेल होगा कालाबाजारी का खेल, किसानों का होगा सत्‍यापन Gorakhpur News

धान की खरीद खाद्य विभाग के विपणन शाखा के साथ ही कई सहकारी एजेंसियों के केंद्रों से भी की जाती है। विपणन शाखा पर धान क्रय के आंकड़े तो लगातार बढ़ते हैं लेकिन कुछ एजेंसियों के लक्ष्य समय से पूरे नहीं हो पाते।

By Satish chand shuklaEdited By: Publish:Mon, 25 Jan 2021 11:11 AM (IST) Updated:Mon, 25 Jan 2021 06:40 PM (IST)
इस बारफेल होगा कालाबाजारी का खेल, किसानों का होगा सत्‍यापन Gorakhpur News
धान खरीद केंद्र के संबंध में फाइल फोटो।

गोरखपुर, जेएनएन। धान क्रय में लगी कुछ एजेंसियों के लक्ष्य हर साल आखिरी दिनों में ही पूरे होते हैं। खरीद की पूरी अवधि के दौरान सुस्त रफ्तार और अंतिम दिनों में अचानक आने वाली तेजी से कालाबाजारी की आशंका रहती है। कालाबाजारी के इस खेल की आशंका ही न रहे, इसके लिए फरवरी महीने में 15 तारीख के बाद धान क्रय केंद्रों तक आने वाले हर किसान का सत्यापन कराया जाएगा।

धान की खरीद खाद्य विभाग के विपणन शाखा के साथ ही कई सहकारी एजेंसियों के केंद्रों से भी की जाती है। विपणन शाखा पर धान क्रय के आंकड़े तो लगातार बढ़ते हैं लेकिन कुछ एजेंसियों के लक्ष्य समय से पूरे नहीं हो पाते। पिछले कुछ सालों के आंकड़ों के अध्ययन के दौरान यह बात सामने आयी है। आखिरी दिनों में इक्का-दुक्का किसान ही केंद्रों तक पहुंचते हैं, इसलिए अधिक धान की खरीद नहीं हो पाती लेकिन एजेंसियों के केंद्रों पर अंतिम तिथि बीतने पर भारी मात्रा में धान की खरीद हो जाती है। चूंकि सभी किसानों का पहले से पंजीकरण कराया जाता है, इसलिए उन्हीं में से किसी के नाम पर व्यापारियों का खाद्यान्न खपाने की शिकायत आती रही है।

ऐसे होगा सत्यापन

इस साल अभी तक लक्ष्य के सापेक्ष 115 फीसद से अधिक धान की खरीद की जा चुकी है। 28 फरवरी तक क्रय केंद्र खुले रहेंगे। इस समय किसानों का आना काफी कम हो गया है। कालाबाजारी की आशंका को पूरी तरह से समाप्त करने के लिए संभागीय खाद्य नियंत्रक ने 15 फरवरी के बाद आने वाले किसानों का सत्यापन कराने का फैसला किया है। सत्यापन के दौरान यह देखा जाएगा कि किसान सही है या नहीं। किसान यदि पंजीकृत है तो उसके पास कितना धान है। खेत के सापेक्ष उसकी तुलना भी की जाएगी। सत्यापन में पुष्टि होने पर खरीद होगी। गीडा के सीडीओ इंद्रजीत सिंह का कहना है कि धान क्रय के लिए सभी केंद्रों पर पर्याप्त व्यवस्था की गई है। वहां आने वाले किसानों को सहूलियत मिल रही है। अभी तक 115 फीसद से अधिक खरीद हो चुकी है।  अंतिम दिनों में भी वास्तविक किसान से ही खरीद हो, इसके लिए उनका सत्यापन कराया जाएगा।

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