गोरखपुर में दवाओं की कालाबाजारी शुरू, भाप लेने वाली मशीन व पल्स आक्सीमीटर की वसूली जा रही मनमानी कीमत

कोरोना से बचाव से जुड़ी ज्यादातर दवाएं बाजार में ज्यादा दाम पर बिक रही हैं। पिछले साल कोरोना की पहली लहर में अच्छे क्वालिटी का जो मास्क थोक में अधिकतम दो रुपये में मिल जाता था वह इस समय छह रुपये में मिल रहा है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Tue, 20 Apr 2021 09:45 AM (IST) Updated:Tue, 20 Apr 2021 09:45 AM (IST)
गोरखपुर में दवाओं की कालाबाजारी शुरू, भाप लेने वाली मशीन व पल्स आक्सीमीटर की वसूली जा रही मनमानी कीमत
गोरखपुर में कोरोना से संबंधित दवाओं की कालाजाबारी शुरू हो गई है। - प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जेएनएन। कोरोना का संक्रमण बढ़ने के साथ ही थोक दवा मंडी भालोटिया मार्केट में दवाओं की कालाबाजारी शुरू हो गई है। कोरोना से बचाव से जुड़ी ज्यादातर दवाएं बाजार में ज्यादा दाम पर बिक रही हैं। फुटकर दवा व्यापारियों को भी दवाओं के लिए परेशान होना पड़ रहा है। आलम यह है कि पिछले साल कोरोना की पहली लहर में अच्छे क्वालिटी का जो मास्क थोक में अधिकतम दो रुपये में मिल जाता था वह इस समय छह रुपये में मिल रहा है।

सामान्य क्वालिटी के मास्क भी तीन से चार रुपये में बेचे जा रहे हैं। कोरोना संक्रमण की जांच में वरदान साबित हो रहे पल्स आक्सीमीटर दो हजार रुपये तक में बेचे जा रहे हैं। सामान्य दिनों में ब्रांडेड कंपनियों के पल्स आक्सीमीटर अधिकतम छह से आठ सौ रुपये में मिल जाते थे। लोकल कंपनियों के पल्स आक्सीमीटर तीन से चार सौ में मिलते थे। इसके साथ ही भाप लेने वाली इलेक्ट्रानिक मशीन की भी मांग है। तकरीबन डेढ़ से दो सौ रुपये की यह मशीन पांच सौ रुपये से ज्यादा में बिक रही है।

इन दवाओं की ज्यादा मांग

एजिथ्रोमाइसिन 500 मिलीग्राम, डाक्सीसाइक्लीन 100 मिलीग्राम, विटामिन सी, जिंक, आइवरमेक्टिन 12 मिलीग्राम, पैरासीटामाल 650 मिलीग्राम, मिथाइल प्रेडनीसोलोन 16 मिलीग्राम, मांटेलुकास्ट व फेक्सोफेनाडिन काम्बीनेशन, फेबीफ्लू 400 मिलीग्राम, रेमडेसिविर इंजेक्शन, पोविडोन आयोडिन गार्गल लिक्विड दो फीसद।

सैनिटाइजर भी बेच रहे मनमाने रेट पर

भालोटिया मार्केट में सैनिटाइज भी मनमाने रेट पर बेचा जाने लगा है। कोरोना की पहली लहर में केंद्र सरकार ने सैनिटाइजर का रेट निर्धारित कर दिया था। कई कंपनियों ने सैनिटाइजर का उत्पादन शुरू किया तो बाजार में रेट कम होते गए। बाद में कोरोना का खौफ कम हुआ तो कई कंपनियों ने उत्पादन बंद कर दिया। अब फिर मांग बढ़ी तो सामान्य दिनों में 400-450 रुपये में बिकने वाला पांच लीटर का सैनिटाइजर अब एक हजार रुपये से ज्यादा में बिक रहा है।

दवा व्यापार सेवा से जुड़ा है। लोगों की सेवा में सभी व्यापारी जुटे हैं। दवा, सैनिटाइजर, मास्क आदि कम से कम कीमत पर बेचने की सभी से अपील की गई है। - योगेंद्र नाथ दुबे, अध्यक्ष, दवा विक्रेता समिति

दवा की कालाबाजारी यदि हो रही है तो गंभीर मामला है। इसे हर हाल में रोका जाएगा। बाजार पर नजर रखी जा रही है। टीम भेजकर गोपनीय तरीके से दवाओं की खरीद कराई जाएगी। जो ज्यादा कीमत वसूलेगा उसके खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाएगी। - अभिनव रंजन श्रीवास्तव, सिटी मजिस्ट्रेट

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