Coronavirus lockdown: गोरखपुर में समस्याओं से रूबरू हुए सांसद रविकिशन, समाधान का दिया अश्वासन Gorakhpur News
लॉकडाउन में थम चुकी जिंदगी को रफ्तार देने की आकांक्षा भरे सवालों के साथ शहर के विभिन्न क्षेत्रों के प्रमुख प्रतिनिधि गोरखपुर के सांसद रवि किशन से रूबरू हुए।
गोरखपुर, जेएनएन। कोरोना संक्रमण से सुरक्षा के साथ लॉकडाउन में थम चुकी जिंदगी को रफ्तार देने की आकांक्षा भरे सवालों के साथ शहर के विभिन्न क्षेत्रों के प्रमुख प्रतिनिधि सांसद रवि किशन से रूबरू हुए। दैनिक जागरण की पहल पर आयोजित ऑनलाइन रूबरू कार्यक्रम में उद्योगपतियों, व्यापारियों, स्कूल प्रबंधकों और चिकित्सकों ने जनता से जुड़ी अपनी समस्याएं बताईं और समाधान की उम्मीद जताई। सांसद ने बारी-बारी से सभी के सवाल और सुझाव को ध्यानपूर्वक सुना और लॉकडाउन के मानक के अंदर यथासंभव समाधान का आश्वासन दिया। साथ ही कोरोना से जंग के लिए सभी से धैर्य बनाए रखने की अपील की।
उन्होंने कहा कि जहां इस समय कोरोना के संक्रमण में पूरी दुनिया परेशान है, वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सूझबूझ भरे फैसलों से भारत में इसे काफी हद का नियंत्रित करने में सफलता पाई है। लड़ाई लंबी है, इसमें सबका सहयोग जरूरी है। ऐसा करके ही हम दुनिया के लिए नजीर बन सकेंगे। इस साख का फायदा आने वाले समय में हमारे देश को मिलेगा। पूरी दुनिया के उद्योगपति निवेश के लिए हमारी ओर हाथ बढ़ाएंगे और हमारा देश आर्थिक रूप से समृद्ध होगा।
उद्योगों को चलाने के लिए चाहिए और सहूलियत
चेंबर ऑफ इंडस्ट्रीज के पूर्व अध्यक्ष एसके अग्रवाल ने सांसद को बताया कि सरकार के सहयोग से उद्योगों की शुरुआत तो हो गई है लेकिन लॉकडाउन के चलते श्रमिकों के न आ पाने से उसे चलाने में काफी असुविधा हो रही है। दुकानों के बंद होने से जरूरी स्पेयर पाट्र्स और क'चा माल भी नहीं मिल रहा। इसमें भी थोड़ी सहूलियत मिल जाए तो उद्योगों के संचालन में सुविधा होगी। इसके अलावा उद्योगों से बनने वाले माल के लिए बाजार अगर उपलब्ध नहीं होगा तो भी उन्हें लंबे समय तक चलाना संभव नहीं हो सकेगा।
मानक के दायरे में उपलब्ध कराएं सामान और मजदूर
शहर के प्रतिष्ठित व्यापारी अतुल सर्राफ ने कहा कि लॉकडाउन में उनका आभूषण का व्यवसाय तो ऑनलाइन माध्यम से कुछ हद तक हो जा रहा है लेकिन रीयल इस्टेट के काम में कई तरह की बाधा आ रही है। मजदूर नहीं मिल रहे। साथ ही निर्माण कार्य के लिए जरूरी सामान की सप्लाई नहीं हो पा रही। मानक का पालन करते हुए अगर मजदूरों और सामान की उपलब्धता सुनिश्चित कर दी जाए तो सुविधा होगी।
एकल क्लीनिक खोलने की मिले अनुमति
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. एससी कौशिक ने कहा कि इस समय सामान्य ओपीडी बंद है। ऐसे में हार्ट, ब्लड प्रेशर, डायबिटीज आदि के मरीज चिकित्सकों से संपर्क नहीं कर पा रहे। अगर फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए एकल क्लीनिक को निर्धारित समयावधि के लिए खोलने की अनुमति मिल जाए तो लोगों को काफी सहूलियत होगी।
ताकि थमने न पाए निजी अस्पतालों का संचालन
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के सचिव डॉ. राजेश गुप्ता ने कहा कि इस समय जो निजी अस्पताल मरीजों के लिए उपलब्ध हैं, वहां एक भी कोरोना पॉजिटिव मरीज मिल जा रहा है तो प्रशासन द्वारा उसे सील कर दिया जा रहा है। इसकी वजह से अन्य मरीजों को काफी दिक्कत हो रही है। इस संबंध में गाइड लाइन तय हो, जिससे अस्पताल का संचालन थमने न पाए। कोरोना और सामान्य सभी तरह के मरीजों को चिकित्सीय सुविधा मिलती रहे।
गर्भवती महिलाओं को अटेंड करने में आ रही समस्या
फेडरेशन ऑफ आब्स्टेट्रिक गाइनाकोलॉजिकल सोसाइटीज ऑफ इंडिया की सचिव डॉ. मीनाक्षी गुप्ता ने सांसद से पूछा कि गर्भवती महिलाओं में कोविड पॉजिटिव का अंदेशा होने पर उन्हें किस तरह से अटेंड किया जाए? कई महिलाएं इस बात को लेकर जिद पर अड़ जाती हैं कि उन्होंने नौ महीने उन्हें दिखाया है तो कोरोना होने पर भी उन्हें ही देखना होगा। सांसद ने डॉ. मीनाक्षी को बताया कि ऐसे महिलाओं को सरकारी अस्पताल में रेफर कर दें, इसे लेकर प्रशासन की पूरी तैयारी है। महिलाओं को बीमारी की गंभीरता के बारे में बताएं।
शिक्षकों और कर्मचारियों को स्कूल आने की मिले अनुमति
गोरखपुर स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय शाही ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान लगभग सभी स्कूलों ने ऑनलाइन शिक्षा शुरू कर दी है। ऐसा करने को लेकर कोई तैयारी न होने से कई स्कूलों के सामने तकनीकी दिक्कत आ रही है। ऐसे में शिक्षकों और कुछ जरूरी कर्मचारियों को स्कूल तक पहुंचने की अनुमति दी जाए। साथ ही इ'छुक अभिभावकों को स्कूल की फीस जमा करने के लिए स्कूल तक आने की अनुमति दी जाए, जिससे शिक्षकों और कर्मचारियों की तनख्वाह देने में प्रबंधन को दिक्कत न आए। सांसद ने उनसे इसे लेकर लिखित आवेदन मांगा।
कोरोना योद्धाओं मे हो दवा विक्रेताओं की गिनती
गोरखपुर दवा विक्रेता समिति के महामंत्री आलोक चौरसिया ने बताया कि लॉकडाउन में दवा के व्यवसायी अपने सीमित संसाधनों से हर व्यक्ति की दवा की मांग पूरी कर रहे हैं। जरूरत के मुताबिक दवा की होम डिलीवरी की जा रही है। उन्होंने सांसद से मांग की कि हाई रिस्क के साथ काम कर रहे दवा विक्रेताओं की गिनती भी कोरोना योद्धाओं में होनी चाहिए। उन्हें वही सम्मान मिलना चाहिए।
फीस न मिलने पर स्कूल संचालन में आ रही दिक्कत
गोरखपुर स्कूल एसोसिएशन के महामंत्री हेमंत मिश्रा ने सांसद से कहा कि अप्रैल बीतने के बाद भी अधिकतर स्कूलों में दो फीसद अभिभावकों ने ही फीस जमा किया है। ऐसे में स्कूल चलाना मुश्किल हो रहा है। उधर सरकार शिक्षकों और कर्मचारियों को वेतन देने की बात कह रही है, बिना फीस के यह संभव नहीं हो सकेगा। इसके अलावा सरकार ने स्कूल बस की फीस न लेने का भी निर्देश जारी किया है। ऐसा करने पर बसों का मेंटिनेंस, टैक्स, बीमा और चालक-परिचालक की तनख्वाह, बैंक की किस्त देना संभव नहीं होगा। इस पर सरकार को विचार करना चाहिए।
लॉकडाउन समाप्त हो जाने के बाद सांसद करेंगे बैठक
सांसद रवि किशन ने ऑनलाइन रूबरू कार्यक्रम सम्पन्न होने के बाद आश्वासन दिया कि लॉकडाउन समाप्त होने के बाद वह विभिन्न क्षेत्रों के प्रमुख लोगों के साथ बैठक करेंगे और उनकी समस्याओं को सुनकर समाधान की कोशिश करेंगे। जिला स्तर की समस्याओं के लिए जिला प्रशासन से बात करेंगे और शासन स्तर की समस्याओं के लिए सरकार तक उनकी बात पहुंचाएंगे। हर दिक्कत में जनता के साथ खड़े नजर आएंगे।
सांसद को मिले 30 हजार फंसे लोगों के आवेदन
सांसद रवि किशन ने एक वेबसाइट के माध्यम से ऐसे लोगों से आवेदन मांगा था, जो लॉकडाउन की वजह से कहीं फंसे हुए हैं। उस वेबसाइट पर सांसद को एक दिन में ही 30 हजार आवेदन प्राप्त हुए हैं। सबने अपने-अपने घर पहुंचाने की व्यवस्था कराने की मांग की है। अपने कार्य के परिणाम की जानकारी उन्होंने पत्र के माध्यम से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को दी है। साथ ही यह अनुरोध किया है कि वह फंसे लोगों को घर पहुंचने में मदद की व्यवस्था करें। उन्होंने पत्र में कहा है कि गोरखपुर के जो लोग लॉकडाउन की वजह से अपने घर नहीं पहुंच पा रहे, वह काफी परेशान हैं। सांसद ने बाहर से आ रहे मजदूरों से भी अनुरोध किया है कि कानून-व्यवस्था का पालन करते हुए खुद के स्वास्थ्य चेकअप में जिला प्रशासन का सहयोग करें।