हारी विधानसभा सीटों को जीतने पर भाजपा का जोर, सीएम व प्रदेश अध्‍यक्ष ने खुद संभाली कमान

भाजपा ने व‍िधान सभा चुनाव 2021 के चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। पिछले चुनाव में हारी सीटों को जीतने के लिए पार्टी कोई कोर-कसर छोड़ने के मूड में नहीं है। इस बार उन्हें जीतने के लिए पार्टी नेतृत्व ने पुख्ता योजना बनाई है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Fri, 17 Sep 2021 01:10 PM (IST) Updated:Fri, 17 Sep 2021 01:10 PM (IST)
हारी विधानसभा सीटों को जीतने पर भाजपा का जोर, सीएम व प्रदेश अध्‍यक्ष ने खुद संभाली कमान
सीएम योगी आद‍ित्‍यनाथ व भाजपा प्रदेश अध्‍यक्ष स्‍वतंत्र देव स‍िंह। - फाइल फोटो

गोरखपुर, डा. राकेश राय। पिछले विधानसभा चुनाव में जीती सीटों को दोबारा अपने नाम करने पर तो भाजपा का जोर है ही, हारी सीटों को जीतने के लिए पार्टी कोई कोर-कसर छोड़ने के मूड में नहीं है। इस बार उन्हें जीतने के लिए पार्टी नेतृत्व ने पुख्ता योजना बनाई है। इसकी कमान खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने संभाली है। योजना को चुनाव आचार संहिता लागू होन से पहले पूरा करने की पार्टी का लक्ष्य है।

सभा कर जुटा रहे समर्थन, विकास योजनाओं पर दे रहे जोर

योजना के मुताबिक मुताबिक ऐसे सभी विधानसभा क्षेत्र में बारी-बारी से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह खुद जाएंगे और जनसभा करेंगे। वहां की जनता को भाजपा सरकार की खूबियां बताएंगे और इस सरकार की जरूरत बताकर भाजपा प्रत्याशी को जीताने की अपील करेंगे। इस योजना का क्रिन्यावयन भी शुरू हो गया है। इस क्रम में ही मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष ने बीते दिनों कुशीनगर के तमकुही राज और रामकोला विधानसभा क्षेत्र में जनसभा को संबोधित किया। यही नहीं विकास की कई परियाेजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण कर यह भी साबित करने की कोशिश की कि भाजपा पार्टी और सरकार ही उनकी असली हितैषी है।

पार्टी इस योजना पर कर रही कार्य

इसके अलावा पार्टी ने इन क्षेत्रों के सभी मोर्चो, प्रकोष्ठों और विभागों के पदाधिकारियों को पार्टी की पैठ मजबूत करने के लिए लगाया है। उन्हें यह कहा गया है कि वह अपने-अपने क्षेत्र के लोगों के पास जाएं। जरूरत पड़ने पर बैठकों और सम्मेलनों का आयोजन करें। उन्हेंं सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं के बारे में बताएं और उसका लाभ दिलाएं। ऐसा जनमत तैयार करें, जिससे आगामी चुनाव में वह सीट भाजपा के हाथ से निकलने न पाए। क्षेत्रीय और जिले स्तर के पदाधिकारियों को भी इस कार्य में लगाया गया है।

18 हारी सीटों के लिए है भाजपा की मशक्कत

गोरखपुर संगठनात्मक क्षेत्र की बात करें तो इसके 10 जिले कुल 62 सीटें हैं, जिनमें से 18 सीटें पिछले चुनाव में भाजपा नहीं जीत सकी। सर्वाधिक हर आजममगढ़ जिले में मिली थी, जहां 10 में से नौ सीटों पर भाजपा प्रत्याशियों को हार का मुंह देखना पड़ा था। बलिया व कुशीनगर में दो-दो और मऊ, सिद्धार्थनगर, गोरखपुर, महराजगंज व देवरिया में एक-एक सीटें भाजपा को नहीं मिल सकी थीं।

इन सीटों पर मिली भी भाजपा को हार

बांसडीह (बलिया) - सपा

रसड़ा (बलिया) - बसपा

अतरौलिया (आजमगढ़) - सपा

गोपालपुर (आजमगढ़) - सपा

सगड़ी (आजमगढ़) - बसपा

मुबारकपुर (आजमगढ़) - बसपा

आजमगढ़ सदर - सपा

निजामाबाद (आजमगढ़) - सपा

दीदारगंज (आजमगढ़) - बसपा

लालगंज (आजमगढ़) - बसपा

मेहनगर (आजमगढ़) - सपा

भाटपार रानी (देवरिया) - सपा

रामकोला (कुशीनगर) - भासपा

तमकुहीराज (कुशीनगर) - कांग्रेस

नौतनवां (कुशीनगर) - निर्दल

शोहरतगढ़ (सिद्धार्थनगर) - अपना दल

चिल्लूपार (गोरखपुर) - बसपा

मऊ सदर - बसपा

जिन सीटों पर भाजपा के विधायक नहीं हैं, वहां सरकार की कल्याणकारी और विकास की योजनाएं बहुत से लोगों तक नहीं पहुंच सकी हैं। ऐसे स्थानों पर मुख्यमंत्री स्वयं जा रहे हैं और विकास की योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास कर रहे हैं। साथ ही कल्याकारी योजनाओं की जानकारी भी दे रहे हैं। तमकुहीराज और रामकोला से इसकी शुरुआत हो चुकी है। पूरी कोशिश है कि आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा के प्रत्याशी को ऐसी सभी सीटों पर भारी बहुमत से जीत हासिल हो, जिनमें पिछली बार हार का सामना करना पड़ा था। - डा. धर्मेंद्र सिंह, क्षेत्रीय अध्यक्ष, भाजपा।

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