गोरखपुर में मकान बनवाने वाले लोगों को बड़ी राहत, आबादी के 50 मीटर दायरे से बाहर भी मानचित्र स्वीकृत करेगा गीडा
गीडा के क्षेत्र में आबादी के 50 मीटर के दायरे के बाहर भी लोग मानचित्र पास करा सकेंगे। इससे अवैध निर्माण पर रोक लगेगी और गीडा की आय भी बढ़ेगी। गीडा बोर्ड की वर्चुअल बैठक में मानचित्र पास करने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजने पर सहमति बनी।
गोरखपुर, जेएनएन। गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) क्षेत्र में आने वाले गांवों के लोग अब महायोजना 2032 के भू उपयोग (लैंड यूज) के अनुसार आबादी के 50 मीटर के दायरे के बाहर भी मानचित्र पास करा सकेंगे। इससे अवैध निर्माण पर रोक लगेगी और गीडा की आय भी बढ़ेगी। गीडा बोर्ड की शुक्रवार को संपन्न वर्चुअल बैठक में मानचित्र पास करने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजने पर सहमति बनी। बोर्ड बैठक की अध्यक्षता अपर मुख्य सचिव इंफ्रास्ट्रक्चर एंड इंउस्ट्रियल डेवलपमेंट अरविंद कुमार ने की। माना जा रहा है कि शासन से इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल जाएगी। इसके अतिरिक्त कई अन्य बिन्दुओं पर भी बोर्ड बैठक में सहमति बनी है।
ऐसे स्वीकृत होंगे मानचित्र
अभी तक गीडा ने जिन गांवों को नोटिफाई किया है, वहां बिना अनुमति के निर्माण नहीं कराया जा सकता और जमीन की खरीद-बिक्री भी नहीं हो सकती। गीडा के क्षेत्र में आने वाले गांवों में आबादी के 50 मीटर के दायरे में ही निर्माण किया जा सकता है। पर, महायोजना 2032 में पूरे क्षेत्र में भू उपयोग तय किया जा चुका है। बैठक में सहमति बनी कि 50 मीटर दायरे के बाहर भी आवासीय एवं वाणिज्यिक भवनों के निर्माण के लिए मानचित्र पास किया जा सकता है। औद्योगिक श्रेणी के भू उपयोग वाले भूखंडों पर यह नियम नहीं लागू होगा। अबतक 50 मीटर के दायरे के बाहर मानचित्र स्वीकृत न होने से लोग अवैध रूप से निर्माण कराते थे।
सेक्टर 13 में बनेगी फ्लैटेड फैक्ट्री
बोर्ड बैठक में एक जिला एक उत्पाद में शामिल रेडीमेड गारमेंट के लिए फ्लैटेड फैक्ट्री के निर्माण पर भी सहमति बनी। बैठक में बताया गया कि रेडीमेड गारमेंट को बढ़ावा देने के लिए फ्लैटेड फैक्ट्री के निर्माण पर सैद्धांतिक सहमति बन गई है। बोर्ड ने इसका प्रस्ताव भारत सरकार को भेजने की अनुमति भी दे दी है। बोर्ड की बैठक में तय हुआ कि जो भी परियोजनाएं गतिमान हैं, उन्हें प्रमुखता से पूरा किया जाएगा। भीटी रावत स्थित सेक्टर 26 में जल्द ही भूखंडों का आवंअटन कर देने की जानकारी भी बोर्ड को दी गई।
ग्रेटर नोएडा की तर्ज पर बिछेगी गैस पाइपलाइन
गीडा क्षेत्र में भी ग्रेटर नोएडा की तर्ज पर गैस पाइप लाइन बिछाने पर सहमति बनी है। इससे आवासीय कालोनी के घरों में एलपीजी तथा औद्योगिक क्षेत्र की इकाइयों में गैस का आपूर्ति हो सकेगी। इकाइयां गैस से संचालित होंगी, जिससे प्रदूषण कम करने में मदद मिलेगी। जो भी फर्म पाइप लाइन बिछाना चाहे, उसे अनुमति देने पर बोर्ड में सहमति बनी है। गीडा की फैक्ट्रियों से निकलने वाले दूषित पानी के शोधन के लिए प्रस्तावित कामन इंफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (सीईटीपी) पर भी चर्चा की गई। बताया गया कि इसपर आने वाले खर्च का 50 फीसद हिस्सा नमामि गंगे योजना के तहत खर्च होगा। 25 फीसद धनराशि राज्य सरकार देगी तथा इतनी ही धनराशि गीडा खर्च करेगा।
739 करोड़ का प्रस्तावित बजट हुआ पास
गीडा बोर्ड में 739 करोड़ रुपये का प्रस्तावित बजट पास किया गया। इसमें से 500 करोड़ रुपये जमीन अधिग्रहण पर खर्च किए जाएंगे। यानी औद्योगिक गलियारे के साथ अन्य इकाइयों के लिए जमीन की उपलब्धता में अब तेजी आ सकेगी। शेष 239 करोड़ रुपये आधारभूत संरचना एवं मरम्मत कार्यों पर खर्च किए जाएंगे। बैठक में अपर मुख्य सचिव अरविंद कुमार, मंडलायुक्त रवि कुमार एनजी, जिलाधिकारी के. विजयेंद्र पाण्डियन, सीईओ गीडा पवन अग्रवाल, जीडीए उपाध्यक्ष आशीष कुमार, एसीईओ गीडा रत्नेश सिंह, वरिष्ठ प्रबंधक सिविल एससी मिश्रा, चेतराम, प्रबंधक सिविल संजय तिवारी आदि शामिल रहे।
बोर्ड की बैठक में 739 करोड़ का प्रस्तावित बजट पास किया गया। साथ ही गीडा क्षेत्र के गांवों में आबादी के 50 मीटर दायरे के बाहर भी मानचित्र स्वीकृत करने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजने पर सहमति बनी। फ्लैटेड फैक्ट्री के बारे में भी निर्णय लिया गया। - पवन अग्रवाल, सीईओ गीडा।