रेलवे के पचास हजार कर्मचारियों को बड़ी राहत, प्राइवेट अस्पतालों में भर्ती कर्मचारियों का खर्च उठाएगा रेलवे

Indian railways प्राइवेट अस्पतालों में बिना रेफर के अचानक भर्ती होने पर अब सभी कर्मचारियों के इमरजेंसी का खर्च रेलवे प्रशासन उठाएगा। इमरजेंसी केस नहीं होने की दशा में भी 24 घंटे चले इलाज में आने वाला व्यय रेलवे प्रशासन वहन करेगा।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Thu, 17 Jun 2021 05:10 PM (IST) Updated:Thu, 17 Jun 2021 05:10 PM (IST)
रेलवे के पचास हजार कर्मचारियों को बड़ी राहत, प्राइवेट अस्पतालों में भर्ती कर्मचारियों का खर्च उठाएगा रेलवे
पूर्वोत्‍तर रेलवे ने पचास हजार से अधिक कर्मचार‍ियों को बड़ी राहत दी है। - प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जेएनएन। पैनल में शामिल प्राइवेट अस्पतालों में बिना रेफर के अचानक भर्ती होने पर अब सभी कर्मचारियों के इमरजेंसी का खर्च रेलवे प्रशासन उठाएगा। इमरजेंसी केस नहीं होने की दशा में भी 24 घंटे चले इलाज में आने वाला व्यय रेलवे प्रशासन वहन करेगा। उसके बाद रेलकर्मी खुद के खर्चे पर इलाज करा सकता है। रेलवे बोर्ड ने पहले से चल रही इमरजेंसी इलाज व्यवस्था में यह संशोधन करते हुए सिर्फ पूर्वोत्तर रेलवे के ही लगभग 50 हजार रेलकर्मियों और उनके संबंधित स्वजन को लाभ पहुंचाया है।

इमरजेंसी नहीं होने की दशा में भी रेलकर्मियों को मिल जाएगा उपचार का लाभ

अभी तक उन रेलकर्मियों को ही इमरजेंसी इलाज व्यवस्था का लाभ मिल रहा था, जिन्हें भर्ती होने के बाद रेलवे के पैनल में शामिल संबंधित अस्पताल इमरजेंसी केस मानता था। इमरजेंसी केस नहीं होने पर रेलकर्मी को 24 घंटे तक चले इलाज का खर्च भी खुद वहन करना पड़ता था।

दरअसल, रेलकर्मियों को जनवरी 2021 से इमरजेंसी इलाज की सुविधा मिल रही है। घर पर या कहीं भी अचानक तबीयत खराब होने, दुर्घटना होने या किसी भी आपात स्थिति में रेलकर्मी रेलवे के पैनल में शामिल नजदीक के किसी भी अस्पताल में बिना रेफर के भी उम्मीद कार्ड दिखाकर भर्ती हो सकते हैं। अस्पताल प्रबंधन बिना देरी किए इलाज शुरू करता है। उपचार में आने वाला खर्च भी नहीं मांगता है। 24 घंटे के अंदर भर्ती रेलकर्मी का व्यौरा रेलवे प्रशासन को उपलब्ध करा देता है।

रेलवे बोर्ड ने चल रही व्यवस्था में किया संशोधन

इमरजेंसी केस होने पर रेलवे प्रशासन भर्ती मरीज का पूरा खर्च उठाता है। अन्यथा की स्थिति में रेलकर्मी को इलाज का स्वयं खर्च उठाना पड़ता है। नियमानुसार रेलवे अस्पताल से रेफर प्रक्रिया के बाद ही पैनल में शामिल अस्पताल में कैशलेस इलाज की सुविधा मिलती है। रेलवे बोर्ड के इस नई व्यवस्था पर एनई रेलवे मजदूर यूनियन ने प्रसन्नता जताई है। महामंत्री केएल गुप्त ने बोर्ड के प्रति आभार जताते हुए कर्मचारियों को राहत प्रदान करने वाला फैसला बताया है।

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