बीएचयू के छात्रों ने जानी जंगल के राजा की दिनचर्या, चिडिय़ाघर 14 दिन रुक कर जानेंगे वन्‍यजीवों स्‍वभाव

बीएचयू में पशु चिकित्‍सक की पढाई कर रहे छात्रों दल वन्‍यजीवों के व्‍यवहार का अध्‍ययन करने के लिए गोरखपुर चिडियाघर आई है। वे 14 दिन तक चिडियाघर में रुक कर वन्‍यजीवों के रहन-सहन और खान-पाने के बारे में जानेंगे।

By Navneet Prakash TripathiEdited By: Publish:Fri, 24 Sep 2021 04:30 PM (IST) Updated:Fri, 24 Sep 2021 04:30 PM (IST)
बीएचयू के छात्रों ने जानी जंगल के राजा की दिनचर्या, चिडिय़ाघर 14 दिन रुक कर जानेंगे वन्‍यजीवों स्‍वभाव
बीएचयू के छात्रों ने जानी जंगल के राजा की दिनचर्या। चिडियाघर का फाइल फोटो

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में अध्ययनरत पशु चिकित्सकों की टीम ने गुरुवार को गोरखपुर चिडिय़ाघर में जंगल के राजा शेर के स्वभाव की जानकारी ली। पता चला कि वह सिर्फ नाम के ही राजा नहीं, बल्कि उनका अंदाज भी नवाबों वाला है। उन्हें गंदगी पसंद नहीं है। वह पानी में भीगना नहीं चाहते हैं। उन्हें ऊंचे स्थान पर बैठना पसंद है। दिन भर में वह 10 से 12 किलो मांस खा जाते हैं।

जंगल में शेर ऊंचे स्‍थान पर बैठकर रखता है चारो तरफ नजर

जंगल के राजा के विषय में अध्ययनरत पशु चिकित्सकों को जानकारी मिली तो वह बेहद उत्साहित नजर आए। उनकी टीम जब चिडिय़ाघर पहुंची तो पटौदी(शेर) अपने बाड़े में रैंप के नीचे बैठा दिखा। अध्ययनरत पशु चिकित्सकों ने उसके विषय में पशु चिकित्साधिकारी डा.योगेश प्रताप सिंह से पूछा तो उन्होंने बताया कि आमतौर पर इसका यह स्वभाव नहीं है, लेकिन धूप से बचने के लिए वह रैंप के नीचे बैठा हुआ है। जंगल में वह ऊंचे स्थान पर बैठता है और वहीं से वह पूरे जंगल पर नजर रखता है।

बाघ के स्‍वभाव में शामिल है टहलते रहना

पशु चिकित्सकों की टीम पटौदी के बाड़े से आगे बढ़ी तो अमर(बाघ) अपने बाड़े में टहलता नजर आया, जबकि मैलानी(बाघिन) अपने क्राल में रही। उनके बगल में नारद(तेंदुआ) अपने बाड़े में पूरी तरह से शांत दिखा चिडिय़ाघर के पशु चिकित्साधिकारी ने बताया कि टहलना बाघ का स्वभाव है, जबकि तेंदुआ शांत रहता है।

इंटर्नशिप के लिए चिडियाघर आई है बीएचयू के छात्रों की टीम

बता दें बीएचयू में अध्ययनरत पशु चिकित्सकों की यह प्रथम टीम है जो इंटर्नशिप के लिए गोरखपुर चिडिय़ाघर आई हुई है। अध्ययनरत पशु चिकित्सकों की टीम में राजस्थान के डा. रामनरेश, सुधेश चौधरी, विपिन तिवारी, अंबेडकरनगर के डा. अखिलेश वर्मा, बरेली की डा.सालिनी, हिमांचल की डा.जयामाला आदि मौजूद रहे। पशु चिकित्साधिकारी डा.योगेश प्रताप सिंह ने बताया कि यह टीम 14 दिवसीय प्रशिक्षण पर चिडिय़ाघर आई हुई है। इनके जाने के बाद बीएचयू की दूसरी टीम यहां प्रशिक्षण पर आएगी।

chat bot
आपका साथी