दस दिसंबर को गोरखपुर से चलेगी भारत दर्शन यात्रा ट्रेन, दक्षिण भारत के मंदिरों का होगा दर्शन

दक्षिण भारत के प्रसिद्ध मंदिरों व पर्यटक स्थलों को देखने की इच्छा रखने वाले पूर्वांचल के लोगों के लिए राहत भरी खबर है। इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कार्पोरेशन (आइआरसीटीसी) ने दस दिसंबर को गोरखपुर से दक्षिण भारत दर्शन यात्रा ट्रेन चलाने की घोषणा की है।

By Navneet Prakash TripathiEdited By: Publish:Fri, 26 Nov 2021 12:36 PM (IST) Updated:Fri, 26 Nov 2021 12:36 PM (IST)
दस दिसंबर को गोरखपुर से चलेगी भारत दर्शन यात्रा ट्रेन, दक्षिण भारत के मंदिरों का होगा दर्शन
दस दिसंबर को गोरखपुर से चलेगी भारत दर्शन यात्रा ट्रेन। प्रतीकात्‍मक फोटो

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। दक्षिण भारत के प्रसिद्ध मंदिरों व पर्यटक स्थलों को देखने की इच्छा रखने वाले पूर्वांचल के लोगों के लिए राहत भरी खबर है। इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कार्पोरेशन (आइआरसीटीसी) ने दस दिसंबर को गोरखपुर से दक्षिण भारत दर्शन यात्रा ट्रेन चलाने की घोषणा की है। यह ट्रेन गोरखपुर से रवाना होकर देवरिया, बेल्थरा रोड, मऊ, वाराणसी, जौनपुर सिटी, सुल्तानपुर, लखनऊ, कानपुर और झांसी में रुकते हुए आगे के लिए रवाना होगी।

12 रात व 13 दिन का है टूर पैकेज

आइआरसीटीसी के मुख्य क्षेत्रीय प्रबंधक अजीत कुमार सिन्हा के अनुसार ट्रेन दस दिसंबर को चलकर 22 दिसंबर को वापस होगी। कुल 12 रात और 13 दिन का टूर पैकेज तैयार किया गया है। यात्री रामेश्वरम, मदुरई, कोवलम बीच, तिरुवनंतपुरम, तिरुचुरापल्ली, पद्मावती मंदिर, कपिलेश्वरा स्वामी, इस्कान मंदिर, कालाहस्ती मंदिर और मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग का दर्शन कर सकेंगे। टूर पैकेज के तहत यात्रियों को नाश्ता और भोजन शाकाहारी दिया जाएगा।

धर्मशालाओं में होगी ठहरने की व्‍यवस्‍था

ठहरने की व्यवस्था धर्मशालाओं में होगी। किराया प्रति व्यक्ति 12285 रुपये निर्धारित है। टिकटों की बुकिंग शुरू है। इच्छुक व्यक्ति लखनऊ गोमतीनगर स्थित कार्यालय या वेबसाइट पर आनलाइन टिकट बुक कर सकते हैं। यहां जान लें कि जल्द ही भारत गौरव ट्रेन के नाम से प्राइवेट ट्रेनें भी चलने लगेंगी। रेल मंत्रालय ने इसकी तैयारी भी शुरू कर दी है। यह ट्रेनें आइआरसीटीसी की तर्ज पर ही चलेेंगी। संचालन रेलवे करेगा, जबकि अन्य व्यवस्थाएं निजी हाथों में होंगी।

निजी कंपनियों को लीज पर दिए जाएंगे कोच

इसके लिए पूर्वोत्तर रेलवे सहित देशभर से पुराने कोचोें की व्यवस्था की जा रही है। जिसे निजी कंपनियों को लीज पर दिया जाएगा। पूर्वोत्तर रेलवे में भी 23 कोच चिन्हित किए गए हैं। प्राइवेट ट्रेनों के चल जाने से आमजन भारत के धार्मिक और पर्यटक स्थलाें को देख सकेंगे। इन ट्रेनों को संचालित करने के लिए बोर्ड ने निजी कंपनियों को आमंत्रित किया है। साथ ही देशभर के संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक कर मंथन शुरू कर दिया है।

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