शिक्षकों से पैसा लेने के आरोप में बीईओ निलंबित

सेवानिवृत्त व मृतक आश्रित शिक्षकों के प्रकरण में हीलाहवाली करना बीईओ मिठवल रीता गुप्ता को भारी पड़ गया। शोषण करने व शिक्षकों से पैसा लेने के आरोप में रीता गुप्ता को निलंबित कर डायट बांसी में संबद्ध कर दिया गया है। यह कार्रवाई अपर शिक्षा निदेशक बेसिक सरिता तिवारी ने की है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 05 Mar 2021 06:00 AM (IST) Updated:Fri, 05 Mar 2021 06:00 AM (IST)
शिक्षकों से पैसा लेने के आरोप में बीईओ निलंबित
शिक्षकों से पैसा लेने के आरोप में बीईओ निलंबित

सिद्धार्थनगर : सेवानिवृत्त व मृतक आश्रित शिक्षकों के प्रकरण में हीलाहवाली करना बीईओ मिठवल रीता गुप्ता को भारी पड़ गया। शोषण करने व शिक्षकों से पैसा लेने के आरोप में रीता गुप्ता को निलंबित कर डायट बांसी में संबद्ध कर दिया गया है। यह कार्रवाई अपर शिक्षा निदेशक बेसिक सरिता तिवारी ने की है। निलंबित बीईओ अपने कार्यप्रणाली को लेकर पहले से चर्चा में रही हैं। वह शिक्षक संगठनों के निशाने पर रही हैं। राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के जिलाध्यक्ष आदित्य शुक्ला ने इसकी शिकायत शासन में की थी। उप्र प्राथमिक शिक्षक संघ के मिठवल ब्लाक इकाई ने भी बीईओ के खिलाफ मोर्चा खोला था। पिछले दिनों महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरण आनंद के जनपद दौरे के समय बीआरसी पर कार्यरत लिपिक ने भी बीईओ की शिकायत करते हुए कहा था कि वह उनसे कार्य न लेकर दूसरे लोगों से कार्य लेती हैं। बीईओ के निलंबन से विभाग में हड़कंप मच गया है। चर्चा है कि अभी एक-दो बीईओ पर कार्रवाई की जा सकती है। भारतीय संस्कृति में है महिलाओं का सम्मान सिद्धार्थनगर : सिद्धार्थ विश्वविद्यालय में गुरुवार को मिशन शक्ति कार्यक्रम के चौथे दिन घरेलू हिसा से महिलाओं की सुरक्षा विषयक आनलाइन व्याख्यानमाला हुई। महिलाओं की सुरक्षा पर चर्चा की गई। संविधान में महिलाओं को मिले अधिकार को बताया। भारतीय संस्कृति के आधार पर नारी को देवी तुल्य कहा।

प्रोफेसर पल्लवी गुप्ता ने कहा घरेलू हिसा से महिलाओं के बचाव के लिए कड़े कानून बनाए गए हैं। पुलिस के अधिकार के दायरा को बढ़ाया गया है। भारतीय समाज में महिलाओं को सम्मान दिया गया हैं। वेदों में देवी तुल्य बताया गया है। इनके सम्मान और स्वाभिमान को हमेशा सर्वोपरि को बरकरार रखना सभी का कर्तव्य है। यशस्वी परंपरा में महिलाओं के प्रति सम्मान का भाव निहित है। संविधान में भी महिलाओं को मौलिक अधिकार में न्याय और समानता प्रदान किया है। यह महिलाओं को आगे बढ़ने के लिए पूरा अवसर प्रदान करता है। संविधान के अनुच्छेद 24 में महिलाओं की सुरक्षा को सुरक्षा देने में पर्याप्त है। घरेलू हिसा को रोकने के लिए अशिक्षा भी जिम्मेदार है। आर्थिक शोषण भी एक प्रकार का घरेलू हिसा माना गया है। एनजीओ की भी भूमिका महत्वपूर्ण है। पीड़ित महिलाओं को राहत देने के भी प्रावधान हैं। किसी भी महिला को जबरदस्ती उसके घर से नहीं निकाला जा सकता। उसे सम्मान पूर्वक उसी घर पर रहने का अधिकार है। संचालन डा. नीता यादव ने किया।

chat bot
आपका साथी