महिलाओं के दर्द से व्यवस्था बेरहम, इलाज कराना टेढ़ी खीर
गर्भवती महिलाओं को भी कोविड जांच के लिए लाइन में लगना मजबूरी परिसर में जलभराव ओपीडी पर्ची के लिए भी परेशान हो रहे हैं मरीज
जागरण संवाददाता, बस्ती : महिलाओं के दर्द से व्यवस्था बेरहम हो गई है। महिला अस्पताल में इलाज कराना टेढ़ी खीर हो गया है। जिला महिला अस्पताल की ओपीडी में चिकित्सीय परामर्श लेने से लेकर भर्ती तक के लिए लंबे संघर्ष से गुजरना पड़ रहा है। गर्भवती महिलाओं को घंटों लाइन में खड़े करके धूप व अव्यवस्था के बीच कोविड जांच कराने के लिए विवश किया जा रहा है। इतना ही नहीं ओपीडी पर्ची के लिए भी यहां लंबी लाइन का हिस्सा बनना लोगों की मजबूरी है।
सोमवार को सुबह से ही कोविड जांच काउंटर पर गर्भवती महिलाओं की लंबी कतार लगी रही। 33 केवी विद्युत पोल व केबल के पास ही गर्भवती महिलाएं खड़ी होकर कोविड जांच कराती दिखी। बगल में ही जलभराव है। महिलाओं ने कहा कि ओपीडी में दिखाने के लिए कोविड जांच अनिवार्य कर दिया गया है। जांच कार्य सुस्त होने से महिलाओं को समस्या हो रही है। ऊपर से धूप से बचाव का कोई इंतजाम नहीं है। टीनशेड तक नहीं लगा है। सोमवार को ओपीडी के दो काउंटर में से एक बंद था। इससे समस्या और बढ़ गई। प्रतिदिन ओपीडी में ही 100 महिलाओं की कोविड जांच कराई जा रही है।
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ब्लड जांच व अल्ट्रासाउंड के लिए परेशान हैं महिलाएं
ओपीडी में तो किसी तरह से यदि गर्भवती महिलाएं परामर्श ले लेती हैं, तो ब्लड जांच और अल्ट्रासाउंड के लिए उन्हें परेशान होना पड़ता है। इससे बचने के लिए अधिकतर मरीज वहां घूम रहे दलालों के चक्कर में फंस जाते हैं और जांच के नाम पर बाहर ठग लिए जाते हैं। कई मरीजों के पास वापस लौटने के लिए किराए तक को पैसे नहीं बचते हैं। दो दिन पहले विधायक दयाराम चौधरी ने सीएमएस को अस्पताल की व्यवस्था सुधारने के निर्देश दिए थे लेकिन इसका कोई असर नहीं नजर आया।
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ओपीडी में परामर्श लेने आने वाली गर्भवती महिलाओं को जाचं की भी निश्शुल्क सुविधा दी जा रही है। शेड्यूल के अनुसार अल्ट्रासाउंड कराया जा रहा है। कोविड जांच में आ रही समस्या को दिखवाया जाएगा। जलभराव की समस्या दूर होगी।
डा. सुषमा सिन्हा, सीएमएस, महिला अस्पताल