बोआई में देरी के कारण खाद से भरे गोदाम

समिति से लेकर निजी क्षेत्र की दुकानों के गोदाम भी खाद से भरे रबी सीजन की बोआई में देरी की वजह से डंप हुआ खाद का स्टाक

By JagranEdited By: Publish:Mon, 18 Oct 2021 06:57 AM (IST) Updated:Mon, 18 Oct 2021 06:57 AM (IST)
बोआई में देरी के कारण खाद से भरे गोदाम
बोआई में देरी के कारण खाद से भरे गोदाम

जागरण संवाददाता, बस्ती : रबी सीजन की बोआई में देरी के चलते सहकारी समिति से लेकर निजी क्षेत्र की दुकानों के गोदाम खाद से भरे हुए हैं। खेत में धान की फसलें खड़ी हैं, जिसके चलते किसान रबी की बोआई के लिए तैयारी तक नहीं शुरू कर पाए हैं। इस बार समय से पहले ही खाद की उपलब्धता बनाए रखने को लेकर कृषि विभाग सतर्क हो गया है।

अक्सर रबी सीजन में खाद व बीज की कालाबाजारी शुरू हो जाती है। लेकिन इस बार विभाग सक्रिय है। बाजार में खाद की किल्लत न हो इसके लिए समितियों से लेकर कोआपरेटिव और निजी क्षेत्र की दुकानों पर खाद उपलब्ध है। डीएपी के अलावा सुपर खाद हर समिति व दुकान पर उपलब्ध है। बाजार में अभी खाद की मांग नहीं है। जिले में डीएपी खाद सात हजार टन यानी की एक लाख 40 हजार बोरी और सुपर खाद आठ हजार टन यानी दो लाख 60 हजार बोरी उपलब्ध है। विशेषज्ञों ने बताया कि डीएपी में 46 फीसद फास्फेट और सुपर में 16 फीसद फास्फेट होता है। डीएपी का मूल्य 12 सौ रुपये जबकि सुपर खाद का मूल्य 350 रुपये निर्धारित है। इसी दर पर बिक्री के लिए दुकानदारों को निर्देश दिए गए हैं।

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जिले में हैं खाद की 1053 दुकानें जिले में कुल 1053 खाद की दुकानें हैं। इसमें से साधन सहकारी समिति की 109 हैं। कोआपरेटिव क्षेत्र की 211 और निजी क्षेत्र की 733 दुकानें संचालित हैं। इन सभी पर खाद की उपलब्धता बनी हुई है। सभी पर प्वाइंट आफ सेल (पीओएस) मशीन उपलब्ध हैं।

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जिले में डीएपी व सुपर खाद की कोई कमी व किल्लत नहीं है। यहां रबी सीजन की बोआई शुरू नहीं हुई है, ऐसे में खाद की डिमांड न बराबर है। फिर भी सभी दुकानदारों को निर्देश दिए गए हैं कि खाद तय मूल्य पर ही किसानों को दें। कालाबाजारी करने पर कार्रवाई की जाएगी।

मनीष कुमार सिंह, जिला कृषि अधिकारी बस्ती

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