कम हो गया संक्रमण का ग्राफ,अभी सावधानी बरतने की जरूरत

कोरोना खात्मे के लिए हर दिन हो रहे हैं नए-नए प्रयासजांच की गति तेज वैक्सिनेशन में भी काफी तेजी आई

By JagranEdited By: Publish:Fri, 11 Jun 2021 05:49 AM (IST) Updated:Fri, 11 Jun 2021 05:49 AM (IST)
कम हो गया संक्रमण का ग्राफ,अभी सावधानी बरतने की जरूरत
कम हो गया संक्रमण का ग्राफ,अभी सावधानी बरतने की जरूरत

जागरण संवाददाता, बस्ती : कोरोना संक्रमण का ग्राफ कम हो गया है, पर अभी उतनी ही सतर्कता और सावधानी बरतनी होगी, जितनी बरतते हुए अब तक चले आ रहे हैं। कोरोना खात्मे के लिए यह जरूरी है। इसके लिए प्रशासन समेत स्वास्थ्य विभाग हर दिन नए-नए प्रयास कर रहा है। साथ ही कोरोना जांच की गति और वैक्सिनेशन में भी तेजी आई है, जो संक्रमण के खतरे को कम कर रहा है।

विशेषज्ञ बता रहे हैं कि संक्रमित व्यक्ति डरे नहीं बल्कि हौसले से कोरोना से लड़ो। पौष्टिक आहार लेते रहे, तभी कोरोना की चेन टूटेगा। मन में उत्साह कम न होने दें। कोरोना की दूसरी लहर घातक साबित हुई है। फिर भी मन से मजबूत और शरीर की हर्ड इम्युनिटी रखने वाले लोग इस लहर में भी कोरोना से बच निकले हैं, ऐसा सबको करना होगा। इम्युनिटी बढ़ाते रहे। निरंतर चिकित्सकों के संपर्क में रहें। सकारात्मक रहें। योग करें। खानपान और दिनचर्या में और सुधार लाएं। कोरोना संक्रमितों की संख्या पहले से कम हुई है, रिकवरी दर भी बढ़ी है, फिर भी सावधानी जरूरी है। कोरोना को हराने के लिए मास्क लगाते रहें। कोविड प्रोटोकाल का ठीक से पालन करें। विभिन्न बीमारियों से जूझ रहे लोग परेशान न हों और भोजन में पौष्टिक आहार वाले खाद्य पदार्थों का सेवन अधिक करें। सैनिटाइजर का इस्तेमाल जरूर करें। चिकित्सकों के अनुसार संक्रमण फेफड़ों पर ही अधिक वार करता है, ऐसे में पहले से बीमार व्यक्ति बाहर न निकलें। चिकित्सकों के अनुसार घर पर ही रहकर कोरोना को हराया जा सकता है।

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हौसले से जीती जा सकती है कोरोना से जंग :

मेडिकल कालेज की चिकित्सक डा. बबिता पांडेय ने बताया कि कोविड महामारी में लोग घबराएं नहीं। चूंकि यह रोग खतरनाक है, ऐसे में हौसला बनाए रखें, इससे कोरोना पर जीत आसानी से सुनिश्चित होगी। किन्हीं कारणवश कोई संक्रमित हो भी जाएं तो चिकित्सक से परामर्श लेकर दवाओं का सेवन करें। प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाएं और कुछ सावधानियां बरतें। कोरोना हार जाएगा। चिकित्सक ने बताया कि लगातार कोविड वार्ड में ड्यूटी करते हुए कोरोना को मात दे रहे हैं। वैक्सीन कोरोना होने के बाद स्वस्थ होने पर लगवाई जा सकती है। कोरोना महामारी जानलेवा है, लेकिन बचाव व सावधानी के साथ लड़ाई जीत सकते हैं। शरीर में हर्ड इम्युनिटी विकसित करें। इसके लिए प्रोटीनयुक्त भोजन करना होगा। संक्रमण काल में हौसला न तोड़ें। खुद पर भरोसा बनाए रखें। बच्चों के साथ खुद भी गर्म पानी पीते रहे। बदलते मौसम में सावधानी बरतें। यदि कहीं आते-जाते हैं तो संदिग्ध व्यक्ति से दूर रहें। उसके संपर्क में यदि आ भी गए हैं तो हाथ धुले। सैनिटाइजर का प्रयोग करें। गले में खरास हो तो दिन में गरारा सेंधा नमक अथवा हल्दी के साथ करें। भाप भी लेते रहे। गर्भवती महिलाएं विशेष सावधानी बरतें। शुगर, बीपी के मरीज भी विशेष ध्यान दें। स्वास्थ्य खराब होने पर यदि खांसी, बुखार व जुकाम जैसे लक्षण दिख रहे हों तो तत्काल कोविड की जांच कराएं। इससे घबराएं नहीं। लक्षण दिखने पर खुद को परिवार से अलग कर लें। जांच रिपोर्ट पाजिटिव आए भी तो चिकित्सक से संपर्क करके दवा का सेवन करते रहें। नियमित साबुन से हाथ धुलते रहें। सैनिटाइजर का प्रयोग करें। मास्क जरूर लगाते रहें। जरूरी कार्य न हो तो बाहर कत्तई न निकलें। योग को नियमित दिनचर्या में शामिल करें। रात में बाहर सोने से बचें। नीबू, संतरा, आंवला का अधिक सेवन अधिक करें। हरी सब्जी का प्रयोग करें। सलाद भी लेते रहे। चिकित्सकों के अनुसार दवा लें।

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योग के जरिये कोरोना को हराएं :

डा. वीरेंद्र त्रिपाठी ने बताया कि योग में प्राणायाम व आसन के अलावा योग मुद्राएं भी शरीर व मन पर सकारात्मक प्रभाव डालती हैं, इससे कोरोना को हराया जा सकता है। मुद्राएं देखने व करने में सरल दिखती जरूर हैं पर इनका प्रभाव बहुत गहरा और स्थायी होता है। योग से शरीर को चुस्त-दुरुस्त रखा जा सकता है। पद्मासन और सिद्धासन में बैठकर किया जाने वाला ध्यान ही सबसे प्रसिद्ध और अनुकूल होता है। पद्मासन या सिद्धासन में आंखें बंदकर बैठना ध्यान आसन कहलाता है। इसके लिए पद्मासन या सुखासन में बैठकर दोनों हाथों की कोहनियों को घुटनों पर रखते हुए दोनों हाथों के अंगूठे के प्रथम पोर को तर्जनी अंगुली के प्रथम पोर से मिला दें अर्थात अंगूठे को तर्जनी अंगुली से स्पर्श करते हुए शेष तीन अंगुलियों को सीधा तान दें। यह ध्यान या ज्ञान मुद्रा है। इसमें हाथों की आकृति ज्ञान मुद्रा जैसी बनती है इसीलिए इसे ध्यान या ज्ञान मुद्रा कहा जाता है। इस मुद्रा में बैठकर ध्यान लगाया जाता है। बैठकर लम्बी सांसे लेना व छोड़ना दीर्घ श्वसन कहलाता है जिससे हमारे फेफड़े मजबूत होते हैं और शरीर में आक्सीजन स्तर अनुकूल बना रहता है। इस मुद्रा के अभ्यास से ध्यान में स्थायित्व आता है और हाथों का वर्तुल बनने से ऊर्जा का संचार भी होता रहता है। इस मुद्रा में बैठने के कारण धीरे-धीरे शरीर का भारीपन समाप्त हो जाता है। खासकर आपने जो भोजन किया है उससे जो ऊर्जा उत्पन्न होती है उस ऊर्जा या ओज को अमिट आभा में बदलने के लिए यह मुद्रा सर्वोत्तम है। ऊर्जा का संरक्षण करना जरूरी है तभी ध्यान में गति मिलती है। विद्यार्थियों के लिए यह बहुत ही अच्छी और आसान मुद्रा है। इससे उनकी धारणा शक्ति बढ़ती है और याददाश्त कमजोर नहीं होने पाती। --

घर पर ही करें पूजा-पाठ :

ससना शिव मंदिर के पुजारी पं. भुनेश्वर प्रसाद दूबे ने लोगों से आह्वान किया कि कोरोना संक्रमण का खतरा अभी टला नहीं है, ऐसे में घर में पूजा-पाठ करें। संभव हो तो कुछ दिन मंदिरों में जाने से बचें। पूजा-पाठ के लिए कहीं बाहर जा भी रहे हैं तो बचाव के साथ अर्चन करें। मंदिरों में अनावश्यक भीड़ न बढ़ाएं। नियमित रूप से अभी मास्क लगाएं। करना होगा। मंदिर व धार्मिक स्थलों पर यदि जरूरी न हो तो जाने से बचें। घर में मन से पूजा करने पर उतना ही फल मिलेगा जितना कि मंदिर में जाकर पूजन-अर्चन करने से होगा। श्रद्धाभाव से पूजा पाठ करने से हर जगह फल मिलेगा। सभी का कर्तव्य है कि इस महामारी की लड़ाई में साथ दें और खुद के साथ दूसरों को भी सुरक्षित करें। संक्रमण की रोकथाम में सबका सहयोग जरूरी है। जन-जागरूकता से ही महामारी से बच सकते हैं। कोशिश करें कि नियमित हवन-पूजन का क्रम चलता रहे। संकट के इस दौर में धैर्य व हौसला बनाए रखें। अफवाहों से सावधान रहें। खुद के साथ दूसरे को भी बचाएं। अभी संक्रमण का खतरा टला नहीं है, सावधानी से पूजा-पाठ करें।

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