असंगठित क्षेत्र के कामगारों के पंजीकरण में बस्ती प्रदेश में पांचवें नंबर पर

मंडल में अब 5.16 लाख कामगार करा चुके हैं ई-श्रम पोटल पर पंजीकरण156 प्रकार के कार्य करने वाले कामगार करा सकते हैं आनलाइन पंजीकरण

By JagranEdited By: Publish:Sat, 09 Oct 2021 05:38 AM (IST) Updated:Sat, 09 Oct 2021 05:38 AM (IST)
असंगठित क्षेत्र के कामगारों के पंजीकरण में बस्ती प्रदेश में पांचवें नंबर पर
असंगठित क्षेत्र के कामगारों के पंजीकरण में बस्ती प्रदेश में पांचवें नंबर पर

जागरण संवाददाता, बस्ती : असंगठित क्षेत्र के कामगारों के पंजीकरण में बस्ती प्रदेश में पांचवें नंबर पर है। मंडल में असंगठित क्षेत्र के कामगारों की कुल संख्या 8.88 लाख है। इसमें से 14143 कामगारों का पंजीकरण कराकर बस्ती पांचवें स्थान पर है। 273334 कामगारों का पंजीकरण कराकर सिद्धार्थनगर तीसरे और 102078 का पंजीकरण करा संतकबीर नगर जनपद छठवें स्थान पर है। इस तरह मंडल के तीनों जिलों में अब तक 516555 कामगार पंजीकरण करा चुके हैं।

उपश्रमायुक्त दिव्य प्रताप सिंह ने बताया कि श्रम एवं रोजगार मंत्रालय भारत सरकार संगठित और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों की जीवन दिशा और मर्यादित जीवन के लिए कामगारों के हितों की सुरक्षा, संरक्षा और कल्याण संवर्धन एवं सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए सतत कार्यशील है। कोरोना काल में अप्रवासी कामगारों का कोई डाटाबेस न होने के चलते उन्हें तात्कालिक राहत पहुंचाने में सरकार को काफी मशक्कत करनी पड़ी। ई-श्रम पोटल पर पंजीकरण कराकर असंगठित क्षेत्र के कामगार श्रम और रोजगार मंत्रालय की ओर चलाई जाने वाली योजनाओं का लाभ उठा सकेंगे। फिलहाल वर्तमान में पंजीकरण कराते ही प्रधानमंत्री बीमा सुरक्षा योजना के तहत दो लाख के बीमित हो जाएंगे।

गृह आधारित, स्व नियोजन अथवा असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले ऐसे श्रमिक जो ईएसआइसी और ईपीएफओ सेवा के पात्र नहीं हैं, वह ही इसमें पंजीकरण करा सकते हैं। सिंह ने बताया कि गत 24 अगस्त को यह पोर्टल लांच किया गया। इसमें पंजीकरण कराने की होड़ सी मची हुई है। शहर से लेकर गांव तक कामन सर्विस सेंटर में पंजीकरण कराने के लिए लाइन लग रही है। ड्राइवर, कंडक्टर, कोचिग संचालक भी करा सकेंगे पंजीकरण

असंगठित क्षेत्र के कामगारों की श्रेणी में ड्राइवर, कंडक्टर, आपरेटर, कुम्हार, बढ़ई, पलंबर, चित्रकार समेत 156 प्रकार के काम से जुड़े लोग पंजीकरण करा सकते हैं। इसके लिए आधार कार्ड, पासबुक और मोबाइल नंबर की जरूरत होती है। कामन सर्विस सेंटर के जरिए निश्शुल्क इसका पंजीकरण कराया जा सकता है। पंजीकरण करने वाली संस्था को इस कार्य के लिए 20 रुपये प्रति पंजीकरण सरकार देगी। पंजीकरण होते ही यूनिक आइकार्ड जारी हो जाएगा। इसके जरिये श्रमिकों की विभिन्न गतिविधियों और वह किस राज्य से किस राज्य में जा रहे हैं, उसे भी आसानी से ट्रैक किया जा सकेगा। आपदा के समय इन असंगठित श्रमिकों तक आसानी से मदद पहुंचाई जा सकेगी।

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