ट्रेन की बोगी में फैला बेसिन का पानी, शोपीस बने चार्जर प्वाइंट, यात्री परेशान Gorakhpur News
कोच डी सेवन के यात्री अपनी सीटों से खड़े हो गए। उनका कहना था कि सीट के नीचे पानी पसरा है। कोच में लगे बेसिन का पानी बोगी में फैल रहा था।
गोरखपुर, जेएनएन। गोरखपुर आने वाली 12532 इंटरसिटी सुपरफास्ट एक्सप्रेस लखनऊ जंक्शन के प्लेटफार्म एक पर लग गई। इंतजार कर रहे यात्री निर्धारित बोगियों में चढ़ गए। सबके मोबाइल लगभग डिस्चार्ज थे। सब चार्जर लेकर प्वाइंटों पर दौडऩे लगे। अधिकतर बोगियों में चार्जर प्वाइंट काम नहीं कर रहे थे। उनके पास रेलवे को कोसने के अलावा कोई चारा नहीं था।
यात्रियों ने सोचा शायद ट्रेन के चलने पर प्वाइंट काम करे। सवा चार बजे के आसपास ट्रेन रवाना हो गई। यात्री फिर प्वाइंटों में चार्जर लगाने लगे, लेकिन निराशा ही हाथ लगी। सीट नंबर एक पर बैठे यात्री प्रकाश नारायण इस संवाददाता से उदास मन से बोले, अब तो घर भी बात नहीं हो पाएगी। बगल वाली सीट पर परिवार के साथ बैठे आलम और मनीष का कहना था कि दिन भर मौका ही नहीं मिला कि मोबाइल चार्ज करें। अब रास्ता काटना मुश्किल हो जाएगा। 4.45 बजे के आसपास ट्रेन बादशाह नगर पहुंच गई और देखते ही देखते सभी बोगियां भर गईं। यात्री परेशान हो उठे।
पानी देखते ही सीट से खड़े हो गए यात्री
इसी बीच कोच डी सेवन के यात्री अपनी सीटों से खड़े हो गए। उनका कहना था कि सीट के नीचे पानी पसरा है। कोच में लगे बेसिन का पानी बोगी में फैल रहा था। पानी की सफाई के लिए यात्रियों ने ओबीएचएस कर्मी को खोजना शुरू किया। पास में ओबीएचएस स्टाफ केबिन (सफाईकर्मी केबिन) में एक यात्री लेटा हुआ था।
बाराबंकी में हुई सफाई
बाराबंकी में सफाईकर्मी पहुंचे और पल्ला झाड़ते हुए सफाई की खानापूरी कर गए। यात्री भी भारी मन से अपनी-अपनी सीटों पर बैठ गए। अति आधुनिक एलएचबी कोच भी पूरी तरह बदहाल था। ऊपर झाले और नीचे पानी मन को खिन्न कर रहे थे। अधिकतर सीटों के हत्थे टूट थे। शाम के 5.45 बज चुके थे। यात्री गुमसुम बैठे थे, लेकिन ट्रेन जहांगीराबाद पहुंचकर खड़ी हो गई। एकबार फिर परेशानी बढ़ गई। एक तो अव्यवस्था और ऊपर से विलंबन कोढ़ में खाज का काम करने लगा। एक घंटे की देरी से ट्रेन आगे बढ़ी।
गोरखपुर सवा घंटे लेट पहुंची इंटरसिटी
समय से रवाना होने के बाद भी इंटरसिटी एक्सप्रेस सवा घंटे की देरी से रात 9.35 की जगह 10.45 बजे के आसपास गोरखपुर पहुंची। ठंड बढ़ चुकी थी। लोग तेज कदमों से घर की तरफ बढ़ गए।