बस्ती समेत 11 जनपदों को स्वेटर वितरण में मिली बैड-इंट्री

36 जिलों के प्राथमिक स्कूलों में रातो रात स्वेटर वितरण हो गया। हालांकि इस प्रक्रिया में समय लगता है, पर विभाग के करामाती लोगों इसे कर दिखाया।

By Edited By: Publish:Wed, 21 Nov 2018 09:15 AM (IST) Updated:Wed, 21 Nov 2018 09:15 AM (IST)
बस्ती समेत 11 जनपदों को स्वेटर वितरण में मिली बैड-इंट्री
बस्ती समेत 11 जनपदों को स्वेटर वितरण में मिली बैड-इंट्री
गोरखपुर, जेएनएन। सूबे के परिषदीय स्कूलों में स्वेटर वितरण का ग्राफ अप्रत्याशित रूप से बढ़ रहा है। 36 जनपदों में तो रातोंरात ग्राफ बढ़ गया। 16 नवंबर तक इन जनपदों में 50 से 96 फीसद स्वेटर वितरण का आंकड़ा तैयार हुआ था। अन्य 28 जनपदों ने 30 से पचास फीसद का आंकड़ा दर्शाया हैं। आंकड़े के रेस में बस्ती समेत 11 जनपद पीछे रह गए हैं। इन्हें बैड-इंट्री तक मिल गई। अब सवाल यह कि सबकुछ इतना जल्दी कैसे हो गया? क्या सरकारी सिस्टम इस हद तक तेज हो चला है कि जनपद के सभी स्कूलों में स्वेटर वितरित करने के लिए केवल दो-तीन दिन ही पर्याप्त है।
कैसे इतने कम समय में हुआ स्वेटर वितरण
शासन से 5 नवंबर को सभी जिलों को स्वेटर वितरण का धन आवंटित होता है। विद्यालय तक पहुंचने में इसे सप्ताह भर लग जाता है। इसी बीच दीपावली के दौरान लगातार पांच दिनों तक बैं¨कग कार्य भी ठप रहे। बस दो चार दिन में स्वेटर वितरण का आंकड़ा कुछ जनपदों में पूरा होने को पहुंच गया। बहरहाल बैड-इंट्री वाले जनपदों में अन्य जनपद का आंकड़ा इस अवधि में छू पाना व्यवहारिक रूप से संभव नहीं बताया जा रहा है। यहां इस तिथि तक 20 से 30 फीसद ही स्वेटर वितरण हो पाया था।
इधर के तीन दिनों में इस आकड़े में कुछ और वृद्धि हुई है। अभी भी कुछ स्कूल ऐसे भी हैं जहां धन नहीं पहुंचा है। कहीं बड़ा खेल तो नहीं हुआ कयास यह भी लगाया जा रहा है कि मुख्यमंत्री की प्राथमिकता वाली स्कीम के नाते स्वेटर वितरण के आकड़ों में बड़ा खेल हुआ है। वितरण का 80 फीसद से अधिक आंकड़ा इतनी कम अवधि में पार करने वाले जनपदों में अमरोहा, हापुर, सुलतानपुर, कन्नौज, इटावा, गोरखपुर, लखनऊ, बागपत, औरैया, भदोही, कानपुर नगर, लखीमपुर खीरी शामिल हैं। 26 जनपदों में 50 से 80 फीसद तक यह आकड़ा पहुंचा है। अच्छी प्रगति वाले जनपद सवालों के घेरे में हैं।
यह है धन आवंटन की प्रक्रिया
मुख्यालय से सूची के अनुसार जनपदवार बजट एलाट कर दिया जाता है। धन आवंटन की स्वीकृति जब कागज में होती है तो वही रिली¨जग तिथि मानी जाती है। व्यवहारिक रूप से 75 जनपदों में धन भेजना होता है इसलिए एक-दो दिन आवंटन में लग जाता है। जिला कोषागार में यह धन प्राप्त होता है। इसके बाद इसे अवमुक्त कराने की प्रक्रिया दो से तीन दिन की होती है। बेसिक शिक्षा विभाग विद्यालयवार सूची ट्रेजरी को उपलब्ध कराता है। ई-कुबेर के माध्यम से विद्यालय के खाते तक पहुंचने में हफ्तों लग जाता है। पूरे जनपद में हजारों की संख्या में विद्यालय हैं। फिर विद्यालय स्तर पर धन का आहरण कर स्वेटर बांटना होता है। यह लगभग 15 से 20 दिन की प्रक्रिया तब है जब एक भी दिन शिथिलता न बरती जाए।
शासन को भेजी जा रही वास्तविक रिपोर्ट
इस संबंध में बस्ती के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अरुण कुमार का कहना है कि स्वेटर वितरण की सूचना प्रतिदिन शासन को भेजी जा रही है। जनपद में चालीस फीसद से ऊपर स्वेटर वितरण अभी तक सुनिश्चित कर लिया गया है। 16 नवंबर तक 24.47 फीसद वितरण का ग्राफ था। अन्य जनपदों में 80-90 फीसद आंकड़ा कैसे पहुंचा यह हम नहीं बता सकते।
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