कुशीनगर में स्वास्थ्य सेवाओं का बुरा हाल, रात में विरान हो जाती है सीएचसी
शासन का फरमान है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर इमरजेंसी सेवाएं हर हाल में बहाल रखीं जाएं ताकि कोरोना काल में मरीजों को समय पर इलाज मुहैया हो सके। लेकिन कुशीनगर जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र इससे अछूता है।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। कुशीनगर जिले में स्वास्थ्य सेवाओं का बुरा हाल है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर 24 घंटे इमरजेंसी सेवाएं बहाल रखने के निर्देश के बाद भी दिन ढलते ही उन पर ताला लटक जाता है। कोविड-19 के संक्रमण काल में भी स्थित में बदलाव नहीं आया। तब जबकि कोविड काल में बड़ी संख्या में लोग इलाज के लिए परेशान थे। सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में किस दिन किस डाक्टर की ड्यूटी है, इसका बोर्ड भी लगा हुआ है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र देवतहा को उदाहरण के तौर पर लिया जा सकता है। इस स्वास्थ्य केंद्र पर दिन के हिसाब से डाक्टर ड्यूटी का लगा है, लेकिन दिन ढलने के बाद यहां न तो कोई डाक्टर मौजूद रहता है और न ही अन्य कर्मचारी मिलते हैं।
कोविड काल में इलाज के लिए परेशान रहे लोग
कोविड-19 की दूसरी लहर से गोरखपुर मंडल के चारों जिले बुरी तरह से प्रभावित थे। लोग तेजी से संक्रमण की चपेट में आ रहे थे। हर कोई उपचार के लिए भटक रहा था। महामारी की इस स्थ्ज्ञिति में भी सामुदयिक स्वास्थ्य केंद्रों पर रात में डाक्टर मौजूद नहीं रहते थे। यही हाल सामुदयिक स्वास्थ्य केंद्र देवतहां का भी था। स्थानीय लोगों की माने तो यह स्वास्थ्य केंद्र सुबह नौ बजे से लेकर 10 बजे के बीच खुलता है। दोपहर दो बजे के आसपास डाक्टर और कर्मचारी चले जाते हैं। इसके बाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर ताला लटका रहता है। चाहे कितनी भी इमरजेंसी हो, दो बजे के बाद उपचार के लिए शहर के अस्पतालों का रुख करना लोगों की मजबूरी हो जाती है।
दवाओं का भी रहता है अभाव
स्वास्थ्य केंद्रों पर दवाओं का हर समय अभाव रहता है। तब जबकि शासन ने इन स्वास्थ्य केंद्रों पर जरूरत की सभी दवाएं उपलब्ध रखने का निर्देश दे रखा है। दवाएं न मिलने की समस्या पर बात करने पर स्वास्थ्य केंद्रों के डाक्टर और कर्मचारी ऊपर के अधिकारियों और प्रशासनिक व्यवस्था को जिम्मेदार बताकर पल्ला झाड़ लेते हैं। देवतहां गांव के शंकर, लल्लान, विनोद आदि बताते हैं कि स्वास्थ्य केंद्र खुलने पर मरीजों की लंबी कतार लग जाती है, लेकिन दो बजे के बाद इलाज बंद हो जाता है। दवाएं तो शायद ही किसी को मिलती हों।
चुनिंदा स्वास्थ्य केंद्रों पर ही है इमरजेंसी सेवा
देवतहा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्साधिकारी डा: हेमंत वर्मा बताते हैं कि चुनिंदा स्वास्थ्य केंद्रों पर ही इमरजेंसी सेवा की सुविधा है। कुशीनगर के हाटा इलाके में प्रथमिक स्वास्थ्य केंद्र सुकरौली में ही इमरजेंसी सेवा चलाई जाती है। अन्य स्वास्थ्य केंद्रों पर भी इमरजेंसी सेवा चालू करने की ग्रामीण मांग कर रहे हैं। इस पर उच्चाधिकारी ही फैसला ले सकते हैं।