बब्बर शेर रोज खाएगा 14 किलोग्राम मांस, एक दिन रखेगा उपवास Gorakhpur News
शहीद अशफाक उल्लाह खां प्राणि उद्यान (चिड़ियाघर) में इटावा लायन सफारी से लाए जाने वाले बब्बर शेर को जाड़े के दिनों में हर रोज खाने में भैंस का 14 किलोग्राम ताजा मांस दिया जाएगा। गर्मी के दिनों में मांस की मात्रा घटाकर 10 किलोग्राम कर दी जाएगी।
नवनीत प्रकाश त्रिपाठी, गोरखपुर : शहीद अशफाक उल्लाह खां प्राणि उद्यान (चिड़ियाघर) में इटावा लायन सफारी से लाए जाने वाले बब्बर शेर को जाड़े के दिनों में हर रोज खाने में भैंस का 14 किलोग्राम ताजा मांस दिया जाएगा। गर्मी के दिनों में मांस की मात्रा घटाकर 10 किलोग्राम कर दी जाएगी। सप्ताह में एक दिन वह उपवास भी करेगा। बाघ को सर्दी में 12 किग्रा और गर्मी में आठ किग्रा मांस दिया जाएगा। बाघ सहित अन्य मांसाहारी वन्यजीवों को भी सेहत ठीक रखने के लिए एक दिन का उपवास रखना होगा।
11 फरवरी को विनाेद वन से चीतल और पाढ़ा (हाक डियर) लाए जाने के साथ ही गोरखपुर चिड़ियाघर में वन्यजीवों को लाने का सिलसिला शुरू हो गया था। बाघिन, तेंदुआ व मगरमच्छ सहित कई वन्यजीव लखनऊ और कानपुर से लाए जा चुके हैं। वन्यजीवों को लाने से पहले ही पशु चिकित्सकों की टीम ने कानपुर और लखनऊ चिड़ियाघर के आधार पर उनका डाइट चार्ट तैयार कर लिया था। अभयारण्यों से लाए जाने वाले वन्यजीवों का भी उनके हिसाब से डाइट चार्ट तैयार है।
सांपों को खाने में मिलेगा मेढक, चूहा या खरगोश
चिड़ियाघर के सर्पेटेरियम में देशी-विदेशी प्रजाति के कई सांप हैं। अजगर व कुछ अन्य प्रजातियों के सांप लाए भी जा चुके हैं। सांपों को सात से 10 दिन के अंतराल पर जरूरत के अनुसार भोजन दिया जाएगा। डाक्टरों की टीम भोजन की मात्रा निर्धारित करेगी। सांपों को खाने में जिंदा मेढक, खरगोश, मुर्गियां, चूजे और चूहे दिए जाएंगे।
बर्फ में जमा फल खाएगा भालू
चिड़ियाघर में अलग-अलग प्रजाति के भालू भी लाए जाने हैं। उन्हें खाने में फल व सब्जियां दी जाएंगी। कुछ फलों को बर्फ में जमाकर उन्हें खाने के लिए दिया जाएगा। ऐसा इसलिए होगा ताकि उनके दांत व नाखूनों में घिसाव होता रहे।
इस डाइट चार्ट से दिया जाएगा खाना
शेर - गर्मी में 10 किग्रा व ठंड में 14 किग्रा ताजा मांस
बाघ - गर्मी में आठ किग्रा व ठंड में 12 किग्रा ताजा मांस
तेंदुआ - चार किग्रा ताजा मांस
सियार - एक किग्रा मांस
मगरमच्छ व घड़ियाल - एक किग्रा जिंदा मछली
भेड़िया, लकड़बग्घा व लोमड़ी - तीन किग्रा मांस
बंदर - एक अंडा, 500 ग्राम प्याज व दो सेब
हिरण - छह किग्रा बरसीन, 10 किग्रा चारा पत्ती, एक किग्रा एनिमल फीड, एक किग्रा हरी सब्जी
भालू - तीन किग्रा सब्जी, 18 केले, तीन किलो अन्य फल, आठ सौ ग्राम ब्रेड, पांच लीटर दूध, सौ ग्राम शहद
दरियाई घोड़ा व गैंडा : 80 किग्रा बरसीम, 2.5 किग्रा केला, 2.25 किग्रा एनिमल फीड, दो किग्रा आलू व दो किग्रा अन्य सब्जी। गैंडा को 40 से 50 किग्रा गन्ना भी हर रोज खाने में दिया जाएगा।
संतुलित भोजन दिया जाता है वन्यजीवों को
गोरखपुर प्राणि उद्यान के पशु चिकित्साधिकारी डा.योगेश प्रताप सिंह ने कहा कि प्राणि उद्यान के वन्यजीवों को संतुलित भोजन दिया जाता है, ताकि उनकी सेहत ठीक रहे। इसके लिए प्रत्येक वन्यजीव का डाइट चार्ट तैयार किया गया है। इसका कड़ाई से पालन किया जा रहा है। उम्र, वजन और मौसम के हिसाब से वन्यजीवों की डाइट घटती-बढ़ती रहती है। जरूरत के हिसाब से उनके डाइट में बदलाव होता रहता है।
कानपुर से चिड़ियाघर में लाए गए छह मगरमच्छ
शहीद अशफाक उल्लाह खां प्राणि उद्यान में जलीय व वन्यजीवों को लाने का सिलसिला जारी है। कानपुर चिड़ियाघर से छह मगरमच्छ तथा सिही (सेही), लंगूर, रीसस मकाक (बंदर की एक प्रजाति) को लाया गया। सभी को फिलहाल क्वारंटाइन रखा गया है। चिड़ियाघर के पशु चिकित्सकों की टीम बदले परिवेश में उनके व्यवहार पर नजर रख रही है। दरियाई घोड़ा और लकड़बग्घा भी कानपुर चिड़ियाघर से लाया जाना था। उन्हें पकड़ने के लिए पिंजरे लगाए गए थे, लेकिन वह पिंजरे में आए ही नहीं। अब कुछ दिन बाद उन्हें गोरखपुर लाने का प्रयास किया जाएगा। छह मगरमच्छ (तीन नर व तीन मादा), दो सिही (एक नर व एक मादा), दो रीसस मकाक (एक नर व एक मादा) और दो लंगूर (एक नर व एक मादा) कानपुर चिड़ियाघर से गोरखपुर लाए गए हैं। वन्यजीवों को लाने के लिए प्राणि उद्यान के निदेशक डा. एच राजा मोहन की निगरानी में पशु चिकित्साधिकारी डा.आरके सिंह व डा.योगेश प्रताप सिंह, राजकीय निर्माण निगम के प्रोजेक्ट मैनेजर डीबी सिंह, उप प्रभागीय वनाधिकारी संजय मल्ल, उप राजिक अजय तिवारी सहित 30 सदस्यीय टीम गठित की गई थी।