चिंता करने की जरूरत नहीं, अब घर बैठे मिलेगा आयुष्मान गोल्डेन कार्ड, गांव-गांव लगेंगे कैंप

एक नवम्बर को विशेष अभियान चलाया जाएगा। इसके तहत उन गांवों में शिविर लगेगा जहां एक भी गोल्डेन कार्ड नहीं बने हैं। ऐसे गांवों की सूची तैयार कर ली गई है और आशा के माध्यम से लाभार्थियों तक शिविर की सूचना पहुंचायी जाएगी।

By Satish ShuklaEdited By: Publish:Mon, 26 Oct 2020 12:34 PM (IST) Updated:Mon, 26 Oct 2020 05:22 PM (IST)
चिंता करने की जरूरत नहीं, अब घर बैठे मिलेगा आयुष्मान गोल्डेन कार्ड, गांव-गांव लगेंगे कैंप
प्रधानमंत्री जन आरोग्‍य योजना आयुष्‍मान भारत का प्रतीकात्‍मक फाइल फोटो।

गोरखपुर, जेएनएन। शासन का प्रयास है कि जिले में कोई भी ऐसा गांव न रह जाए जहां एक भी गोल्डेन कार्ड न बना हो । प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (आयुष्मान भारत) के तहत हर गांव तक गोल्डेन कार्ड की सुविधा पहुंचाने के लिए एक नवम्बर को विशेष अभियान चलाया जाएगा। इसके तहत उन गांवों में शिविर लगेगा जहां एक भी गोल्डेन कार्ड नहीं बने हैं। ऐसे गांवों की सूची तैयार कर ली गई है और आशा के माध्यम से लाभार्थियों तक शिविर की सूचना पहुंचायी जाएगी।

कोरोना के कारण पड़ा प्रतिकूल असर

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. श्रीकांत तिवारी ने बताया कि कोविड-19 के प्रसार के कारण गोल्डेन कार्ड बनाने के अभियान पर प्रतिकूल असर पड़ा  था। जिसे अब दुरूस्त किया जा रहा है। इस संबंध में अपर मुख्य सचिव चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण अमित मोहन प्रसाद का दिशा-निर्देश भी प्राप्त हुआ है।

वितरित करने के लिए जल्‍द मिलेगा कार्ड

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि योजना के नोडल अधिकारी डॉ. नीरज कुमार पांडेय की देखरेख में पूरे जनपद में यह अभियान चलना है। अभियान के दौरान गोल्डेन कार्ड बनवाने के लिए प्रोत्साहित करने पर 10 रुपये प्रति कार्ड आशा कार्यकर्ता को भी देने का प्रावधान है। प्रयास है कि जल्‍द ही संबंधित गांवों की आशा कार्यकर्ताओं को लाभार्थियों का प्रिंटेड डेटा उपलब्ध करवा दिया जाए। जागरूकता के उद्देश्य से प्रत्येक आशा को योजना से सम्बंधित 50 लीफलेट भी दिये जायेंगे ।

30 रुपये देने होंगे

आशा कार्यकर्ता प्रिंटेड डेटा के आधार पर गांव के लाभार्थी को सूचना देंगी कि कॉमन सर्विस सेंटर द्वारा एक नवम्बर को गांव में कैंप लगा कर कार्ड बनाया जाएगा। इच्छुक लाभार्थी प्रति कार्ड 30 रुपये का शुल्क देकर गोल्डेन कार्ड बनवा सकते हैं। इस अभियान की सफलता के लिए जिलाधिकारी स्तर से सेक्टर ऑफिसर भी तैनात किये जाएंगे। वह यह सुनिश्चित करेंगे कि छूटे हुए गांवों के अधिकाधिक लाभार्थी परिवारों के कार्ड बनवा लिये जाएं।

गोल्डेन कार्ड के आवश्यक दस्तावेज

मूल राशन कार्ड (अनिवार्य)।

मूल आधार कार्ड (अनिवार्य)।

वोटर आईडी कार्ड (अनिवार्य)।

प्रधानमंत्री का मूल पत्र अगर प्राप्त हुआ हो तो,

मुख्यमंत्री का मूल पत्र अगर प्राप्त हुआ हो तो।

लाभार्थी होंगे तभी बनेगा कार्ड

आयुष्मान भारत योजना के नोडल अधिकारी डॉ. नीरज कुमार पांडेय ने बताया कि अभियान के लिए जिला स्तर पर एक समर्पित टीम बनी है। इस टीम में  डॉ. संचिता मल्ल, शशांक शेखर और विनय पांडेय शामिल हैं जो योजना की नियमित रूप से मॉनिटरिंग करते हैं। योजना के तहत उन्हीं लाभार्थियों का गोल्डेन कार्ड बनता है जिनका 2011 की सूची में नाम हो। टोल फ्री नंबर 180018004444 या 14555 पर फोन कर कोई भी पता कर सकता है कि वह योजना का लाभार्थी है या नहीं।

गोल्डेन कार्ड के फायदे

इस कार्ड के ऱखने से अस्पताल पहुंचने पर लाभार्थी का घंटों का समय बच जाता है।

अगर यह कार्ड है तो आरोग्य मित्र वेरीफाई कर मरीज का तुरंत इलाज शुरू करवा देते हैं।

सामान्य दिनों में भी तीस रुपये देकर किसी भी जनसेवा केंद्र से लाभार्थी यह कार्ड बनवा सकता है।

सूचीबद्ध अस्पतालों पर भी गोल्डेन कार्ड बनवाये जा सकते हैं।

मरीजों को इलाज में सहूलियत देने के मकसद से कार्ड की व्यवस्था लागू की गयी है।

जिले में योजना पर एक नजर

कुल लाभार्थी परिवार-3,06,698,

कुल लाभार्थी-15,33,490,

गोल्डेन कार्ड बने-2,59,769,

योजना का लाभ मिला-23224 लोगों को,

सूचीबद्ध अस्पताल- कुल 89 (26 सरकारी और 63 निजी अस्पताल)

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