मानव सभ्यता की याद दिलाती हैं कलाकृतियां

कुशीनगर में विश्व संग्रहालय दिवस पर आनलाइन प्रदर्शनी का आयोजन किया गया लोगों ने किया इसका अवलोकन इंटरनेट मीडिया के जरिये लोगों को दिखाई गई बौद्ध संग्रहालय में संग्रहित कलाकृतियां संग्रहालय की वस्तुएं प्रदर्शित करती हैं देश की सांस्कृतिक विरासत।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 19 May 2021 06:55 AM (IST) Updated:Wed, 19 May 2021 06:55 AM (IST)
मानव सभ्यता की याद दिलाती हैं कलाकृतियां
मानव सभ्यता की याद दिलाती हैं कलाकृतियां

कुशीनगर: विश्व संग्रहालय दिवस पर मंगलवार को राजकीय बौद्ध संग्रहालय कुशीनगर की ओर से संग्रहित कलाकृतियों की आनलाइन प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। प्रभारी संग्रहालयाध्यक्ष धनजंय कुमार राय ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय दिवस को पूरे विश्व में मनाने का विचार सबसे पहले इंटरनेशनल काउंसिल आफ म्यूजियम की ओर से रखा गया था। 18 मई 1977 से विश्व संग्रहालय दिवस मनाने की शुरुआत हुई थी।

अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय परिषद के मुताबिक संग्रहालयों में ऐसी अनेक चीजें सुरक्षित रखी जाती हैं जो मानव सभ्यता की याद दिलाती हैं। संग्रहालयों में रखी गई वस्तुएं प्रकृति और सांस्कृतिक धरोहरों को प्रदर्शित करती हैं। प्रदर्शनी का उद्देश्य विकासशील समाज में संग्रहालयों की भूमिका के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण के कारण संग्रहालय बंद हैं। भूमिका में बदलाव करते हुए संग्रहालयों की ओर से इंटरनेट मीडिया एवं अन्य डिजिटल माध्यमों से घर बैठे लोगों तक संग्रहित वस्तुओं की जानकारी पहुंचाई गई। संग्रहालयों की बदली भूमिका के ²ष्टिगत अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय परिषद ने इस वर्ष की थीम संग्रहालय का भविष्य, पुनर्कल्पना और क्षतिपूर्ति रखा है। प्रदर्शनी को संग्रहालय के फेसबुक पेज, यू-ट्यूब, इंस्टाग्राम और ट्वीटर पर शेयर किया गया।

एयरपोर्ट विस्तार के लिए 13 किसानों की भूमि का हुआ बैनामा

कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के विस्तार को गति देने के क्रम में मंगलवार को भलुही मदारीपट्टी के बैजनाथ दूबे, उमेश दूबे, रमाशंकर दूबे, राकेश दूबे, रामविधि प्रजापति, रामनारायन प्रजापति, रेनू पाठक, स्नेहलता समेत 13 किसानों की भूमि सरकार के पक्ष में रजिस्ट्री कराई गई। इसके लिए 78.02 लाख किसानों के खाते में भुगतान किया गया।

एयरपोर्ट के विस्तार के लिए अधिग्रहित 8.834 हेक्टेयर भूमि की रजिस्ट्री की प्रक्रिया कुछ दिनों के लिए रुक गई थी। शासन ने इस मद में 23 करोड़ 88 लाख रुपये जारी किया है। परसहवा, नकहनी, भलुही मदारीपट्टी, बेलवा दुर्गा राय, नरायनपुर गांव के 157 किसानों की भूमि विस्तार में प्रभावित हो रही है। ग्रामीण क्षेत्र की भूमि का भुगतान सर्किल रेट से चार गुना व शहरी क्षेत्र का सर्किल रेट के दोगुना के हिसाब से भुगतान किया जा रहा है। रजिस्ट्री की औपचारिकता रजिस्ट्रार एसके रावत ने पूरी कराई। लेखपाल हरिशंकर सिंह व ब्रजेश मणि त्रिपाठी ने सहयोग किया। ज्वाइंट मजिस्ट्रेट पूर्ण बोरा ने बताया कि मकानों के मुआवजा की डिमांड भेजी गई है। रकम आते ही मकानों की भी रजिस्ट्री शुरू की जाएगी।

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