गोरखपुर की बढ़ती रहे आबादी तब भी कोई बात नहीं, मिलती रहेगी 24 घंटे बिजली Gorakhpur News
उपकेंद्र स्थापित होने से 33केवी के करीब 25 विद्युत उपकेंद्रों को बिजली दी जा सकेगी। एक उपकेंद्र के अंतर्गत औसतन 20 से 25 हजार उपभोक्ता होते हैं।
गोरखपुर, जेएनएन। आने वाले पांच सालों में शहर की आबादी भले बढ़े, लेकिन लोगों को निर्बाध बिजली मिलती रहेगी। लो वोल्टेज की समस्या से जूझना नहीं पड़ेगा। इसकी तैयारियां अभी से शुरू हो गई हैं। इसके लिए खोराबार क्षेत्र में 220 केवी ट्रांसमिशन उपकेंद्र स्थापित करने पर विभाग में सहमति बन गई है।
चिह्नित हुई जमीन
खोराबार क्षेत्र में उपकेंद्र के लिए जमीन चिह्नित कर ली गई है। इस ट्रांसमिशन उपकेंद्र की स्थापना पर करीब 180 करोड़ रुपये की लागत आएगी। जमीन को लेकर मंडलायुक्त के साथ जल्द ही बिजली निगम के अधिकारी बैठक करेंगे। जमीन की कीमत ज्यादा हुई तो उपकेंद्र तारामंडल क्षेत्र में शिफ्ट किया जा सकता है। वितरण के मुख्य अभियंता उपकेंद्र के स्थान पर ट्रांसमिशन उपकेंद्र लगाने की अनुमति देने को तैयार हैं। इस उपकेंद्र में 160 एमवीए के दो ट्रांसफार्मर लगाए जाने हैं।
सीधे 33 केवी उपकेंद्र को जाएगी बिजली
जिले का यह पहला 220 केवी उपकेंद्र होगा, जिससे लाइन सीधे वितरण के 33केवी उपकेंद्र को जाएगी। अबतक स्थापित अन्य उपकेंद्रों से पहले 132 केवी ट्रांसमिशन उपकेंद्र को लाइन जाती है और वहां से 33 केवी उपकेंद्र को।
लाखों उपभोक्ताओं को कनेक्शन देने की होगी क्षमता
उपकेंद्र स्थापित होने से 33केवी के करीब 25 विद्युत उपकेंद्रों को बिजली दी जा सकेगी। एक उपकेंद्र के अंतर्गत औसतन 20 से 25 हजार उपभोक्ता होते हैं।
जिले में तीन ट्रांसमिशन उपकेंद्र
गोरखपुर में तीन ट्रांसमिशन उपकेंद्र हैं। इसमें बरहुआ में 520 एमवीए क्षमता का ट्रांसमिशन उपकेंद्र 1978 में स्थापित है। जबकि मोतीराम अड्डा में 815 एमवीए का ट्रांसमिशन उपकेंद्र 2005 में स्थापित है और गोला में 320 एमवीए क्षमता का ट्रांसमिशन उपकेंद्र अभी दो साल पहले 2018 में स्थापित हुआ है। शुरू हो गई है तैयारी इस संबंध में मुख्य अभियंता ई. पीएन उपाध्याय ने कहा कि आने वाले समय में बड़ी इमारतें, मॉल एवं होटल बनने से लोड बढ़ेगा। निर्बाध आपूर्ति के लिए 220 केवी ट्रांसमिशन का नया उपकेंद्र स्थापित किया जाना है। इसकी तैयारी चल रही है।
बढ़ेगी बरहुआ ट्रांसमिशन उपकेंद्र की क्षमता
बरहुआ में स्थापित 220 केवी ट्रांसमिशन उपकेंद्र की क्षमता बढ़ाई जाएगी। अभी यहां 160 एमवीए के दो, 100 एमवीए के दो ट्रांसफार्मर हैं। यहां 100 एमवीए के एक ट्रांसफार्मर के स्थान पर 200 एमवीए का ट्रांसफार्मर स्थापित किया जाएगा।