गोरखपुर के निजी अस्‍पतालों में इलाज के नाम पर मनमाना वसूली, मुकदमा भी नहीं लिख रही पुलिस

बाबा राघव दास मेडिकल कालेज के पास एक निजी अस्पताल में कोरोना संक्रमितों के इलाज के नाम पर मनमानी कीमत वसूली जा रही है। एक परिजन ने तहरीर देकर आरोप लगाया है कि अस्पताल में इलाज के नाम पर चार घंटे में 51 हजार रुपये वसूल लिए गए।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Mon, 03 May 2021 08:05 AM (IST) Updated:Wed, 05 May 2021 09:31 AM (IST)
गोरखपुर के निजी अस्‍पतालों में इलाज के नाम पर मनमाना वसूली, मुकदमा भी नहीं लिख रही पुलिस
गोरखपुर में निजी अस्‍पताल कोविड मरीजों से मनमाना वसूली कर रहे हैं। - प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जेएनएन। बीआरडी मेडिकल कालेज के सामने एक अस्पताल में कोरोना संक्रमित लोगों के इलाज के नाम पर मनमानी कीमत वसूली जा रही है। गोरखनाथ थाना क्षेत्र के यादव टोला हुमायूपुर निवासी उदय प्रताप सिंह ने चिलुआताल थाना क्षेत्र में तहरीर देकर आरोप लगाया है कि उनकी भाभी से अस्पताल में इलाज के नाम पर चार घंटे में 51 हजार रुपये वसूल लिए गए और उन्हें झिकझिक के बाद में सिर्फ 27 हजार रुपये की रिसीविंग दी। शेष धनराशि की कोई रिसीविंग नहीं दी। उदयवीर ने थाने में प्रार्थना पत्र देकर अस्पताल प्रबंधन के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की है।

किसी से चार घंटे में वसूले 51 हजार रुपये तो किसी से शव इलाज के नाम पर लिए 77 हजार रुपये

उदय प्रताप ने थाने में तहरीर देकर कहा है कि उन्होंने अपनी भाभी नीलम सिंह को शुक्रवार दोपहर बीआरडी मेडिकल कालेज के सामने स्थित निजी अस्पताल में भर्ती कराया था। अस्पताल के लोगों ने उनसे इलाज के नाम पर 51 हजार रुपये जमा करा लिए। इसमें सिर्फ 27 हजार रुपये की रसीद दी। शाम पांच बजे तक मेडिकल कालेज में बेड का प्रबंध होने पर वह अपनी भाभी को उपचार के लिए ले जाने लगे तो अस्पताल प्रशासन के लोग उनसे 27 हजार रुपये अतिरिक्त मांगने लगे। रुपये नहीं देने की दशा वह मारपीट पर आमादा हो गए। बाद में उनके रिश्तेदार भी वहां जुट गए तो उन्होंने किसी तरह से मरीज को अस्पताल से डिस्चार्ज किया। लेकिन वह शेष 24 हजार रुपये की कोई रसीद देने को तैयार नहीं है। 

शव से गहने भी हो रहे गायब

उदय प्रताप ने थाने में तहरीर देकर आरोपित के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की है। ऐसे ही बांसगांव थाना क्षेत्र के ग्राम देउरवीर निवासिनी गंगोत्री देवी के पुत्र बबलू मौर्य ने आरोप लगाया है कि उनकी मां के मौत के बाद भी अस्पताल प्रबंधन उनके उपचार का स्वांग करता रहा। सुबह 25 हजार रुपये देकर शव ले जाने को कहा। रुपये नहीं देने पर शव से अंगूठी व कान की बाली निकाल ली। गंगोत्री के स्वजन का भी कहना है कि वह भी तहरीर देने की तैयारी कर रहे हैं।

मतगणना की व्यस्तता के चलते हो सकता है कि इस मामले की जांच न हो सकी हो, लेकिन इस प्रकरण को दिखवा कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। - मनोज कुमार अवस्थी, पुलिस अधीक्षक उत्तरी

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