प्रदेश के कई मेडिकल कालेजों का अनुमोदन बाकी, खर्च हो गए लाखों रुपये
सिद्धार्थनगर के सांसद जगदंबिका पाल का कहना है कि एनएमसी के निरीक्षण और मान्यता की प्रक्रिया पूरी नहीं होने के चलते प्रधानमंत्री का कार्यक्रम टाला गया है। जल्द ही सारी प्रक्रिया पूरी हो जाएंगी। प्रधानमंत्री ही मेडिकल कालेज का लोकार्पण करेंगे।
जागरण संवाददाता, सिद्धार्थनगर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 30 जुलाई को प्रस्तावित सिद्धार्थनगर का दौरा स्थगित होने के बाद कई सवाल तैर रहे हैं। पहला सवाल यही है कि अगर सिद्धार्थनगर, देवरिया, प्रतापगढ़ आदि जिलों के मेडिकल कालेजों को नेशनल मेडिकल कमीशन से अनुमोदन ही नहीं मिला था तो प्रधानमंत्री का कार्यक्रम किसने तय कराया। शासन से प्रधानमंत्री के कार्यक्रम की मौखिक सूचना मिलने के बाद अब आला अधिकारी स्पष्ट रूप से कुछ कहने से बच रहे हैं।
नौ मेडिकल कालेजों का होना था लोकार्पण
प्रधानमंत्री को सिद्धार्थनगर समेत देवरिया, एटा, फतेहपुर, गाजीपुर, जौनपुर, हरदोई, मीरजापुर, प्रतापगढ़ के नए मेडिकल कालेज का लोकार्पण करना था। प्रशासन 30 जुलाई को प्रस्तावित कार्यक्रम मानकर तैयारी कर रहा था। जब मुख्यमंत्री निरीक्षण के लिए आए तब स्थिति स्पष्ट हुई कि लोकार्पण नेशनल मेडिकल कमीशन के अनुमोदन के बाद होगा। सवाल यही उठता है कि जब अनुमोदन और अनुमति नहीं थी तो आननफानन तैयारी में पानी की तरह लाखों रुपये क्यों बहा दिए गए। अनुमोदन केवल सिद्धार्थनगर और देवरिया मेडिकल कालेज को नहीं मिला, ऐसा नहीं है। प्रतापगढ़, गाजीपुर, मीरजापुर, जौनपुर आदि जिलों के मेडिकल कालेजों को भी एनएमसी के निरीक्षण और अनुमोदन का इंतजार है। खैर, सीएम के जाने के बाद तैयारियों पर ब्रेक लग गया है। कार्यक्रम स्थल पर जुटाया गया सामान वापस होने लगा है। जिलाधिकारी दीपक मीणा ने कहा कि प्रधानमंत्री का कार्यक्रम स्थगित हुआ है। जरूरी प्रक्रिया पूरी करने के बाद फिर कार्यक्रम तय हो सकता है।
मान्यता की प्रक्रिया पूरी नहीं होने के चलते टला कार्यक्रम
सिद्धार्थनगर के सांसद जगदंबिका पाल का कहना है कि एनएमसी के निरीक्षण और मान्यता की प्रक्रिया पूरी नहीं होने के चलते प्रधानमंत्री का कार्यक्रम टाला गया है। जल्द ही सारी प्रक्रिया पूरी हो जाएंगी। प्रधानमंत्री ही मेडिकल कालेज का लोकार्पण करेंगे। वहीं चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश कुमार खन्ना का कहना है कि नवनिॢमत नौ राजकीय मेडिकल कालेजों केप्रथम चरण के संचालन के लिए नेशनल मेडिकल कमीशन का निरीक्षण होना है। उनका अपना शेड्यूल होता है। अनुमोदन मिलने के बाद प्रधानमंत्री द्वारा सभी मेडिकल कालेजों का लोकार्पण प्रस्तावित है। जबकि चिकित्सा शिक्षा के प्रमुख सचिव आलोक कुमार का कहना है कि
एनएमसी किसी भी समय मानकों की जांच के लिए मेडिकल कालेजों का आकस्मिक निरीक्षण कर सकता है। वह कब निरीक्षण करेगा, पहले से इसकी जानकारी नहीं होती है। सभी नौ मेडिकल कालेजों का निर्माण तय मानक के अनुसार कर लिया गया है। फैकल्टी आदि भी मानक के अनुसार भर्ती कर ली गई हैं। अब एनएमसी की मुहर लगना बाकी है।