राष्ट्रीय जल पुरस्कार के लिए 10 फरवरी तक कर सकेंगे आवेदन

मुख्य विकास अधिकारी इंद्रजीत सिंह ने बताया कि इस पुरस्कार के अंतर्गत सर्वोत्तम जिला सर्वोत्तम ग्राम पंचायत सर्वोत्तम स्थानीय निकाय सर्वोत्तम स्कूल सर्वोत्तम मीडिया औद्योगिक इकाईयों एनजीओ धार्मिक संस्थाएं/निवास कल्याण संघ तथा जल संरक्षण में योगदान करने वाले आम लोगों की श्रेणी में यह पुरस्कार दिया जाएगा।

By Satish chand shuklaEdited By: Publish:Thu, 28 Jan 2021 12:56 PM (IST) Updated:Thu, 28 Jan 2021 06:05 PM (IST)
राष्ट्रीय जल पुरस्कार के लिए 10 फरवरी तक कर सकेंगे आवेदन
मुख्य विकास अधिकारी इंद्रजीत सिंह की फाइल फोटो।

गोरखपुर, जेएनएन। जल संरक्षण एवं प्रबंधन से जुड़ी गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के लिए केंद्र सरकार की ओर से तृतीय राष्ट्रीय जल पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। इसके लिए 10 फरवरी तक आवेदन किया जा सकता है।

यह जानकारी देते हुए मुख्य विकास अधिकारी इंद्रजीत सिंह ने बताया कि इस पुरस्कार के अंतर्गत सर्वोत्तम जिला, सर्वोत्तम ग्राम पंचायत, सर्वोत्तम स्थानीय निकाय, सर्वोत्तम स्कूल, सर्वोत्तम मीडिया, औद्योगिक इकाईयों, एनजीओ, धार्मिक संस्थाएं/निवास कल्याण संघ, तथा जल संरक्षण में योगदान करने वाले आम लोगों की श्रेणी में यह पुरस्कार दिया जाएगा। अधिक जानकारी के लिए लघु सिंचाई विभाग के कार्यालय से किसी भी कार्य दिवस में संपर्क किया जा सकता है। इसके लिए आवेदन जरूरी है। आवेदन के लिए भी तिथि निर्धारित कर दी गई है। 10 फरवरी के बाद किए गए आवेदनों पर किसी तरह का कोई विचार नहीं जाएगा।

नई शिक्षा नीति से होगा चुनौतियों का समाधान

दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय  स्थित यूजीसी-ह्यूमन रिसोर्स डेवलपमेंट सेंटर की ओर से 30 दिवसीय ऑनलाइन फैकल्टी इंडक्शन कार्यक्रम का शुभारंभ कार्य संपन्‍न हुआ। उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि जेआरएन राजस्थान विद्यापीठ उदयपुर, राजस्थान के कुलपति प्रो. एसएस सारंगदेवत ने आनलाइन व्याख्यान में कहा कि विश्वविद्यालय तथा कालेजों के बीच उ'चशिक्षा की गुणवत्ता के लिए प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी क्योंकि विश्वविद्यालय एवं कालेजों को तीन स्तर पर विभक्त किया जाएगा। जिसमें एक स्तर पर केवल स्नातक स्तर की पढ़ाई होगी। उससे ऊंचे वाले स्तर में स्नातक एवं परास्नातक की पढ़ाई होगी और उ'च स्तर पर शोध कार्य का भी अवसर मिलेगा। जिसके फलस्वरूप आने वाले दिनों में स्नातक स्तर के कालेज उ'च स्तर पर पहुंचने के लिए अपनी गुणवत्ता में अभिवृद्धि करेगें। अध्यक्षता कर रहे कुलपति प्रो. राजेश सिंह ने कहा कि करीब तीन दशक बाद उ'च शिक्षा प्रणाली में परिवर्तन का दौर शुरू हुआ। राष्ट्रीय शिक्षा प्रणाली पिछले वर्ष तक पूरे भारत में सभी शिक्षण संस्थान में प्रभावी रूप से लागू हो गया। कोर्स कोआॢडनेटर प्रो. जीएच बेहरा ने कोर्स के महत्ता एवं सार्थकता पर प्रकाश डाला। स्वागत प्रो. हिमांशु पांडेय ने किया।

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