आइएएस बनीं गोरखपुर की अपूर्वा त्रिपाठी, सिविल सेवा परीक्षा अंतिम परिणाम में मिली 68वीं रैंक
गोरखपुर में बेलीपार इलाके के मलाव गांव की रहने वाली अपूर्वा त्रिपाठी का चयन भारतीय प्रशासनिक सेवा में हुआ है। इस प्रतिष्ठित परीक्षा में उन्होंने 8वीं रैंक हासिल किया है। इंजीनियरिंग मेंं स्नातक की डिग्री हासिल करने के बाद उन्होंने प्रशासनिक सेवा में जाने की तैयारी शुरू की थी।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। 24 सितंबर की शाम जारी हुए सिविल सेवा परीक्षा के अंतिम परिणाम में गोरखपुर के बेलीपार क्षेत्र के मलांव गांव की रहने वाली अपूर्वा त्रिपाठी को शानदार सफलता हासिल हो हुई है। उन्हे 68वीं रैंक हासिल हुई है। रैंक के मुताबिक उनका चयन आइएएस प्रापर में हुआ है। पीसीएस की परीक्षा में दो बार सफलता हासिल कर चुकीं अपूर्वा फिलहार प्रयागराज में रहती हैं। उन्होंने अपनी प्रारंभिक और माध्यमिक शिक्षा भी प्रयागराज से ही ग्रहण की है।
प्रयागराज में रहकर अपूर्वा ने की है प्रारंभिक पढाई
प्रयागराज के राजापुर रह रहीं अपूर्वा ने वाईएमसीए से वर्ष 2011 में हाईस्कूल और 2013 में इंटरमीडिएट की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद उन्होंने छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर से 2018 में इलेक्ट्रानिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग से बीटेक की डिग्री हासिल की।
बीटेक करने के बाद शुरू की प्रशासनिक सेवा में जाने की तैयारी
इंजीनियरिंग की पढाई पूरी करने के बाद वह भारतीय प्रशासनिक सेवा की तैयारी में जुट गईं। इस बची उन्होंने पीसीएस की भी परीक्षा दी। 2019 में उनका चयन नायब तहसीलदार के पद पर हुआ। फिर 2020 में वह एआरटीओ पद के लिए चुनी गईं। अपूर्वा ने बताया कि उनके पिता दिनेश कुमार त्रिपाठी प्रयागराज में सिंचाई विभाग में सहायक अभियंता के पद पर तैनात हैं जबकि मां सीमा त्रिपाठी गृहिणी हैं।
माता-पिता को दिया सफलता का श्रेय
अपूर्वा ने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता और दोस्त अरजीत के अलावा लखनऊ-गोरखपुर के इनकम टैक्स कमिश्नर वीरेंद्र ओझा को दिया है। उन्होंने बताया कि वीरेंद्र ओझा के निर्देशन में ही उन्होंने साक्षात्कार की तैयारी की। अपूर्वा ने बताया कि वह परीक्षा करीब आने पर केवल पढ़ाई पर फोकस करतीं थीं। मनोरंजन के लिए इंटरनेट मीडिया का भी हल्का-फुल्का सहारा लेती थीं।
विवि के शिक्षिका के भाई का हुआ चयन
दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के रसायन विभाग की शिक्षिका डॉ. विनीता के छोटे भाई शिवांशु कुमार का चयन भी सिविल सेवा परीक्षा में हुआ है। उसे यह सफलता पहले प्रयास में मिली। इसकी सूचना मिलने के बाद विवि के शिक्षकों ने डा. विनीता को बधाई दी। शिक्षिका ने बताया कि वह सबसे छोटा भाई है। उसने आईआईटी दिल्ली से बीटेक किया है। उसे पहले प्रयास में ही सफलता मिली है।