रेलवे अस्पतालों में बाहरी भी करा सकेंगे इलाज, स्‍कूलों को भी न‍िजी हाथों में सौंपने की तैयारी

Railway News गोरखपुर सहित देश के 40 स्टेशनों के बाद हास्पिटल और स्कूलों को भी पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के हाथों में देने की योजना तैयार होने लगी है। हास्पिटल ही नहीं रेलवे के स्कूल भी पीपीपी माडल पर विकसित होंगे।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Thu, 23 Sep 2021 10:58 AM (IST) Updated:Thu, 23 Sep 2021 09:16 PM (IST)
रेलवे अस्पतालों में बाहरी भी करा सकेंगे इलाज, स्‍कूलों को भी न‍िजी हाथों में सौंपने की तैयारी
रेलवे अस्‍पतालों और स्‍कूलों को पीपीपी माडल पर व‍िकस‍ित करने जा रहा है। - प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। रेलवे के अस्पतालों में कर्मियों और उनके स्वजन के अलावा बाहर के लोग भी अपना इलाज करा सकेंगे। अस्पताल पूरी तरह डिजिटल तो होंगे ही पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी माडल) पर तैयार होंगे। यानी, अस्पतालों का समग्र विकास होगा। बाहरी लोगों को इलाज की अच्‍छी सुविधा मिलेगी।

पूरी तरह डिजिटल और पीपीपी माडल पर विकसित होंगे रेलवे के अस्पताल

गोरखपुर सहित देश के 40 स्टेशनों के बाद हास्पिटल और स्कूलों को भी पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के हाथों में देने की योजना तैयार होने लगी है। हास्पिटल ही नहीं रेलवे के स्कूल भी पीपीपी माडल पर विकसित होंगे। अगर कोई पार्टनरशिप नहीं मिला तो स्कूलों को केंद्र या राज्य सरकार के विद्यालयों से संबद्ध कर दिए जाएंगे। अभी तक रेलवे के विद्यालयों में बाहरी लोगों के बच्चों के लिए कोटा निर्धारित था, नई व्यवस्था रेलवे कर्मचारियों के लिए कोटा निर्धारित होगा।

फिलहाल, गोरखपुर स्थित ललित नारायण मिश्र केंद्रीय रेलवे अस्पताल में हास्पिटल मैनेजमेंट इंफार्मेशन सिस्टम (एचएमआइएस) लागू हो गया है। रेलकर्मी उम्मीद कार्ड पर अपना इलाज कराने लगे हैं। उन्हें अपने साथ डाक्टर की पर्ची या जांच रिपोर्ट लेकर अस्पताल पहुंचने की जरूरत नहीं पड़ रही।

रेलवे के स्कूलों को भी पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के हाथों देने की है योजना

जानकारों के अनुसार स्टेशन, स्कूल और अस्पतालों के विकास के साथ संबद्ध संगठनों को आपस में समाहित करने की तैयारी भी शुरू हो गई है। एनई रेलवे मजदूर यूनियन (नरमू) के महामंत्री केएल गुप्ता शुरू से ही रेलवे बोर्ड पर कार्मिक विभाग को खत्म करने, उत्पादन इकाइयों को मिलाकर प्रोडक्शन यूनिट बनाने तथा यांत्रिक, विद्युत विभाग को आपस में विलय करने तथा स्टेशनों, ट्रेनों, कालोनियों और खाली भूमि को निजी हाथों में सौंपकर रेलवे के अस्तित्व को समाप्त करने का आरोप लगा रहे हैं। अब आरवीएनएल को इरकान में तथा क्रिस और रेलटेल को इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कार्पोरेशन (आइआरसीटीसी) से संबद्ध करने की योजना भी बनने लगी है।

फिर से स्पेशल क्लास शुरू करने की तैयारी

वर्षों से बंद चल रहे स्पेशल क्लास रेलवे अप्रेंटिस शुरू करने की भी तैयारी शुरू हो गई है। रेलवे भर्ती बोर्ड (आरआरबी) की जगह नेशनल भर्ती बोर्ड के तहत नई भर्ती कराने की भी योजना है।

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