शरीर में आक्सीजन की कमी दूर करेगा अनुलोम-विलोम प्राणायाम Gorakhpur News
कोरोना की वजह से फेफड़ों में संक्रमण के चलते आक्सीजन की मात्रा कम होने लगती है। पतंजलि योग समिति के शिक्षक राजेंद्र प्रसाद यादव ने बताया कि अनुलोम-विलोम एक ऐसा प्राणायाम है जिसके अभ्यास से आक्सीजन की कमी दूर होती है।
गोरखपुर, जेएनएन : कोरोना की वजह से फेफड़ों में संक्रमण के चलते आक्सीजन की मात्रा कम होने लगती है। पतंजलि योग समिति के शिक्षक राजेंद्र प्रसाद यादव ने बताया कि अनुलोम-विलोम एक ऐसा प्राणायाम है, जिसके अभ्यास से आक्सीजन की कमी दूर होती है। साथ ही सभी नाड़ियां शुद्ध होकर सभी कोशिकाओं तक ऊर्जा का संचार करती हैं। प्रत्येक ग्रंथि क्रियाशील होकर संतुलित रूप से कार्य करने लगती है।
लाभ
आक्सीजन की कमी दूर होती है। रक्तचाप ठीक होता है। तनाव, डिप्रेशन से होने वाले हार्मोंस के असंतुलन दूर होते हैं। नकारात्मक चिंतन से मुक्ति मिलती है और हृदय धमनियों में शक्ति आती है। आनंद, उत्साह व निर्भयता बढ़ती है।
कैसे करें
सुबह नित्यकर्म से निवृत्त होकर किसी ध्यानात्मक आसन में बैठें। ज्ञान मुद्रा- तर्जनी एवं अंगूठे के सिरे को मिलाएं, शेष अंगुलियां सीधी, हथेली की दिशा आसमान की तरफ, रीढ़ की हड्डी सीधी रखें। ओंकार का पांच बार जप करें। दाहिना हाथ ऊपर उठाएं एवं अंगूठे से दाहिनी नासिका को बंद करके बायीं नाक से धीरे-धीरे श्वांस भरें। श्वांस भर जाने पर बायीं नाक को बीच वाली दो अंगुलियों से बंद करें और दाहिनी नाक से श्वांस छोड़ें। पुन: दाहिनी नाक से श्वांस लें, जब श्वांस पूरी तरह भर जाए तो अंगूठे से दायीं नाक बंद कर बायीं से श्वांस छोड़ें। यह एक च्रक पूरा हुआ। 15 मिनट नित्य इसका अभ्यास करना चाहिए। इसे दिन में दो बार भी कर सकते हैं। इसके पूर्व भस्त्रिका प्राणायाम कर लें और और उत्तम है।
एम्स में देखे जा रहे गंभीर मरीज
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में मरीजों के लिए ओपीडी संचालित है। गंभीर और लंबे समय से इलाज करा रहे मरीजों को ओपीडी में प्रवेश दिया जा रहा है। नए मरीजों के लिए टेलीमेडिसिन से भी ओपीडी संचालित हो रही है। एम्स की ओपीडी में 615 मरीजों का इलाज हुआ। टेलीमेडिसिन से 13 मरीजों ने परामर्श लिया। शुक्रवार को 1133 मरीजों ने एम्स में पहुंचकर इलाज कराया था। इनमें 249 मरीज मेडिसिन की ओपीडी में इलाज कराने पहुंचे थे।