छिटपुट घटनाओं के बीच जनपद में 70 फीसद हुआ मतदान
जनपद के 12 लाख 49 हजार पांच सौ 44 मतदाताओं में से 9 लाख लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। इन लोगों ने जिला पंचायत सदस्य पद के 509 ग्राम प्रधान के लिए 4545 क्षेत्र पंचायत सदस्य पद के 3962 के साथ ही ग्राम पंचायत सदस्य पद के 6770 में से अपने प्रतिनिधि का चयन करने के लिए वोट दिया।
संतकबीर नगर: जनपद में गुरुवार को पंचायत चुनाव छिटपुट घटनाओं के साथ शांति पूर्वक संपन्न हुआ। प्रशासन व पुलिस के अधिकारी सक्रिय रहे। यहां कुल 70 फीसद मतदान हुआ। देर शाम तक कई बूथों पर वोट डालने के लिए लोग कतार में लगे रहे। जानकारी एडीएम मनोज कुमार सिंह ने दी।
जनपद के 12 लाख 49 हजार पांच सौ 44 मतदाताओं में से 9 लाख लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। इन लोगों ने जिला पंचायत सदस्य पद के 509, ग्राम प्रधान के लिए 4545, क्षेत्र पंचायत सदस्य पद के 3962 के साथ ही ग्राम पंचायत सदस्य पद के 6770 में से अपने प्रतिनिधि का चयन करने के लिए वोट दिया।
संवेदनशील बूथों पर तैनात रहे एसएसबी के जवान पंचायत चुनावों को लेकर जनपद के मतदान केंद्रों पर 147 उपनिरीक्षक, 118 हेड कांस्टेबल,2377 कांस्टेबल के साथ ही 12 सेक्शन पीएसी लगाई गई थी। इसके अतिरिक्त संवेदनशील बूथों पर एसएसबी के जवान भी तैनात रहे। कहीं से भी किसी प्रकार की अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली। कहीं नाम कटने की शिकायत तो कहीं पुलिस से हुई नोकझोंक बघौली विकास खंड के ग्राम जूरी में मूतदाता सूची से नाम गायब होने को लेकर ग्राम निवासियों ने प्रदर्शन किया। धर्मसिंहवा थानाक्षेत्र के ग्राम हकीमराई में पुलिस पर ईंट-पत्थर चलाने के साथ ही कौवाटार में अनुचित रूप से मतदाता पर्ची के साथ प्रधान पद के एक उम्मीदवार द्वारा अपना चुनाव चिह्न बताने के प्रयास को लेकर थोड़ा विवाद हुआ। इसी प्रकार जनपद के अनेक स्थानों पर छिटपुट झड़प की घटनाएं हुईं। मतदान आरंभ होने के पहले ही क्षेत्र में निकल गए डीएम-एसपी पंचायत चुनावों को शांतिपूर्वक करवाने के लिए सुबह छह बजे से ही डीएम दिव्या मित्तल, एसपी डा. कौस्तुभ के साथ क्षेत्र का भ्रमण करने के लिए निकल पड़ीं। आइजी अनिल कुमार राय ने भी दोपहर में जनपद के अनेक बूथों का भ्रमण किया।
कोरोना को लेकर लापरवाह रहे जिम्मेदार चुनाव के दौरान कोरोना से बचाव के लिए जारी निर्देशों का पालन करवाने में जिम्मेदारों की सुस्ती सामने आई। लगभग सभी बूथों पर शारीरिक दूरी समेत मास्क के प्रयोग को लेकर उदासीनता सामने आई। लोगों के मन पर सिर्फ चुनावी रंग छाया दिखा।