26 हजार वर्ग फीट में विकसित होगा एयरपोर्ट का उद्यान
कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट को और भी खूबसूरत बनाने के लिए तैयारी शुरू कर दी गई है उद्यान बनने के बाद निखरेगी टर्मिनल बिल्डिग की छटा यात्रियों को मिलेगा बेहतर माहौल गोरखपुर की कंपनी विकसित करेगी उद्यान इसके लिए विभाग ने सारी तैयारी कर ली है।
कुशीनगर : कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट की टर्मिनल बिल्डिग की खूबसूरती और निखरेगी। एयरपोर्ट प्रशासन ने सामने की 26 हजार वर्ग फीट क्षेत्रफल की खाली भूमि को उद्यान के रूप में विकसित करने का निर्णय है। गोरखपुर की गैलेंट इंडस्ट्री इस उद्यान को विकसित करेगी।
उद्यान में नर्म हरी गद्दीदार घास, देसी-विदेशी प्रजाति के शोभाकार पौधे, स्माल पांड्स, पाथ-वे, बेंच, डिस्पले आदि लगाए जाएंगे। रात में भी परिसर की खूबसूरती और निखर कर सामने आए, इसके लिए जगह-जगह एंटीक लाइट लगाई जाएगी। पार्क के मध्य में गौतम बुद्ध की ध्यान मुद्रा वाली प्रतिमा लगाए जाने की योजना है। परिसर में कंपनियां एयरपोर्ट प्रशासन की शर्तों व अनुमति पर प्रचार-प्रसार के लिए ग्लोशाइन बोर्ड आदि भी लगा सकेंगी। एयरपोर्ट प्रशासन ने उद्यान से सटे 12 हजार वर्ग फीट की जमीन कार पार्किंग के रूप में विकसित की है।
29 को आ रही स्पाइस जेट की टीम
प्रबंधक सुरक्षा संतोष मौर्य ने बताया कि 29 अक्टूबर को एयरलाइंस कंपनी स्पाइस जेट की उच्च स्तरीय टीम दिल्ली से कुशीनगर आएगी। एयरपोर्ट पर कंपनी की तरफ से मुहैया कराई जानी वाली सुविधाएं, संसाधन और स्टाफ के संबंध में एयरपोर्ट प्रशासन से विमर्श करेगी।
एयरपोर्ट निदेशक एके द्विवेदी ने कहा कि टर्मिनल बिल्डिग के सामने की भूमि लो लैंड थी। बरसात में पानी भर गया था। 20 अक्टूबर को प्रधानमंत्री के आगमन के पूर्व एयरपोर्ट प्रशासन ने इस भूमि को मिट्टी भरवाकर समतल करवा दिया। बताया कि गैलेंट कंपनी ने जल्द ही कार्य शुरू करने का वादा किया है।
विवादित बिदुओं को शीघ्र निपटाएं : डीएम
26 नवंबर से शुरू हो रहे घरेलू उड़ान की तैयारियों में एयरपोर्ट अथारिटी और प्रशासन जुट गया है। डीएम ने सोमवार को एयरपोर्ट पर अथारिटी अधिकारियों संग बैठक कर सभी विवादित बिदुओं पर चर्चा की और अधिकारियों को निर्देशित किया। शाम को ही एसडीएम वरूण कुमार पांडेय ने भलुही मदारी पट्टी एवं बेलवा दुर्गा राय गांव में जाकर एयरपोर्ट के रेड जोन में आ रही अड़चनों को चिह्नित किया। उन्होंने कुछ ऊंचे घरों की छत पर रखी गई पानी की टंकी को हटाने का निर्देश दिया। बताया कि अथारिटी ने आइएलएस सिस्टम (इंस्ट्रूमेंट लैंडिग सिस्टम) लगाने के लिए 34 एकड़ भूमि मांगी है। इसमें से ज्यादातर भूमि किसानों से ली जा चुकी है। शेष भूमि का क्रय भी शीघ्र कर लिया जाएगा।