गोरखपुर में फिर बढ़ने लगा वायु प्रदूषण, 100 पर पहुंचा एक्यूूआइ

Air Pollution in Gorakhpur गोरखपुर में वायु प्रदूषण फ‍िर बढ़ने लगा है। रविवार को एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्युआइ) 88 रहा लेकिन सोमवार को 131। बीते नवंबर माह से इसकी तुलना करें तो एक्युआइ के स्तर में भारी गिरावट आयी।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Wed, 08 Dec 2021 09:30 AM (IST) Updated:Wed, 08 Dec 2021 12:58 PM (IST)
गोरखपुर में फिर बढ़ने लगा वायु प्रदूषण, 100 पर पहुंचा एक्यूूआइ
गोरखपुर का वायु प्रदूषण लगातार बढ़ रहा है। - फाइल फोटो

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। गोरखपुर में डेढ़ माह बाद रव‍िवार को किसी तरह से वायु प्रदूषण काबू में आया। रविवार को एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूूआइ) 88 रहा, लेकिन सोमवार को 131। बीते नवंबर माह से इसकी तुलना करें तो एक्यूूआइ के स्तर में भारी गिरावट आयी। बावजूद इसके इस पर इतराने की नहीं, बल्कि समझदारी से काम लेने की जरूरत है। लोगों ने जागरूकता नहीं दिखाई तो ठंड में फिर वायु प्रदूषण बढ़ेगा।

ठंड के मौसम में बढ़ जाता है प्रदूषण

ठंड का मौसम कई मायनों में बेहतर माना जाता है, लेकिन सेहत के लिहाज से इस मौसम में लोगों को थोड़ा सजग रहने की जरूरत है। इसकी प्रमुख वजह है कि कोहरे के साथ वातावरण में जैसे ही नमी बढ़ेगी और उसके साथ वाहनों के धुएं व धूल के कणों की जुगलबंदी होगी वायु प्रदूषण बढ़ेगा। पिछले दो दिनों के एक्यूूआइ पर ध्यान दिया जाए तो रविवार को मौसम साफ रहा। पछुआ हवाएं 10 किलोमीटर की रफ्तार से चलीं तो हवा से धूल के कण बहकर दूर चले गए। इसका नतीजा रहा कि गोरखपुर शहर का एक्युआइ 88 रहा। सोमवार को जैसे ही वातावरण में थोड़ी सी नमी बढ़ी एक्यूूआइ 133 पर पहुंच गया। बीते माह की अपेक्षा यह स्थिति फिर भी राहत भरी है।

चार सौ तक पहुंच गया था एक्यूूआइ

नवंबर का औसत एक्युआइ 250 से अधिक है। नवंबर में कई दिन ऐसे रहे हैं, जब एक्यूूआइ चार सौ के करीब रहा है। आगे लोगों को फिर थोड़ी सावधानी अपनानी होगी। मौसम के जानकारों का मानना है कि इस बार ठंड के सीजन में औसत से करीब दो गुना कोहरा पड़ेगा। वातावरण में नमी बढ़ेगी तो वायु प्रदूषण भी बढ़ेगा। मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के सहायक वैज्ञानिक सतेन्द्र नाथ यादव का कहना है कि वायु को प्रदूषित करने में धूल के कण व वाहनों के धुएं की प्रमुख भूमिका है। वाहनों से निकलने वाले धुएं से करीब 85 से 90 प्रतिशत हवा दूषित होती है। मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी परिसर में हो रहे कंस्ट्रक्शन से परिसर में वाहनों के आवागमन से भी धूल कण मौजूद है। परिसर में मौजूद धूल के कण दिन के समय में आसमान में चले जाते हैं और वहां पर स्ट्रेटोस्फीयर में उपस्थित हो जाते हैं और रात में यही धूल कण मौसम में नमी होने के कारण कोहरे के साथ फिर पृथ्वी की तरफ आते हैं। इससे अत्यधिक मात्रा में सुबह में कोहरे की परत का निर्माण होता है और यह वायु प्रदूषण का प्रमुख माध्यम बनता है।

अपनाएं सावधानी

वाहनों का कम से कम प्रयोग करें।

जाम पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है। जाम लगने पर वाहनों का धुआं अधिक निकलता है।

बिजली के संसाधनों का कम से कम उपयोग करें।

अधिक से अधिक पौधे रोपें।

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