एयर बबल समझौता से उड़ान की राह हुई आसान
कुशीनगर एयरपोर्ट से उड़ान के मामले में सरकार का विभिन्न देशों से किया गया समझौता सहायक सिद्ध होगा सरकार ने श्रीलंका नेपाल भूटान व जापान सहित 18 देशों से उड़ान संबंधी समझौता किया है इसके तहत कोरोना काल में भी उड़ान में कोई व्यवधान नहीं आएगा।
कुशीनगर : कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट से विमानों की उड़ान में कोविड-19 के चलते लगे प्रतिबंध का असर नहीं पड़ेगा। सरकार ने चार बौद्ध देशों श्रीलंका, नेपाल, भूटान व जापान सहित 18 देशों से एयर बबल समझौता किया है। जिसके तहत विशेष अनुमति व निगरानी में विमान एक-दूसरे देशों में जा सकेंगे। कुशीनगर एयरपोर्ट पर भी अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट उतर सकने में कोई बाधा नहीं है। इससे श्रीलंका से प्रस्तावित कोलंबो-कुशीनगर उद्घाटन उड़ान की राह आसान हो गई है।
कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के उद्घाटन के लिए भारत सरकार व श्रीलंका सरकार के बीच सहमति पहले ही बन चुकी है। गत वर्ष आने वाली उद्घाटन उड़ान से श्रीलंका के बौद्ध भिक्षुओं के कुशीनगर आने की बात थी। इसके लिए भारतीय उच्चायुक्त गोपाल बागले ने श्रीलंका के प्रमुख बौद्ध धर्मगुरु प्रो. कोटपिटी राहुला अनुनायका थेरो से भी मुलाकात की थी। फ्लाइट 5 से 10 अक्टूबर 2020 के मध्य में श्रीलंका से बोइंग 737 विमान से 180 यात्रियों, बौद्ध भिक्षुओं को लेकर कुशीनगर आने वाली थी। कितु कोविड-19 के चलते यह उड़ान टल गई। अब उद्घाटन के मौके पर श्रीलंका की फ्लाइट आने की चर्चा पुन: तेज हो गई है। एयरपोर्ट निदेशक एके द्विवेदी ने बताया कि फ्लाइट का कोई शिड्यूल नहीं आया है। एयरपोर्ट पर किसी भी वक्त फ्लाइट लैंडिग व टेक आफ की तैयारियां पूरी हैं।
क्या है एयर बबल समझौता
एयरपोर्ट प्रबंधक संतोष मौर्य ने बताया कि एयर बबल समझौता एक द्विपक्षीय समझौता है जो रेगुलर इंटरनेशनल फ्लाइट सेवा बंद होने पर कामर्शियल पैसेंजर सर्विस को दोबारा शुरू करने के लिए दो देशों के बीच किया जाता है। इसमें एक खास एयर कारिडोर बनाया जाता है, उसे ही एयर बबल कहते हैं। इस समझौते के तहत दोनों देश एक-दूसरे की सीमा में कुछ पाबंदियों या शर्तों के साथ विशेष अंतरराष्ट्रीय यात्री उड़ानों का संचालन कर सकते हैं। भारत का अभी तक 28 देशों से यह समझौता हुआ है।
पांच लाख निश्शुल्क वीजा से चमकेगा पर्यटन उद्योग
एयरपोर्ट से उड़ान के साथ-साथ भारत सरकार द्वारा पांच लाख निश्शुल्क पर्यटन वीजा देने की योजना से कुशीनगर के पर्यटन को पंख लगने की बात कही जा रही है। भारत सरकार के इस कदम से विदेशी पर्यटकों की संभावित आवाजाही होने से ठप पर्यटन उद्योग के पटरी पर आने की उम्मीद है।