पूर्वांचल की बीमारियों पर शोध करेगा एम्स, ऐसे लेंगे जानकारी Gorakhpur News

एम्स की कम्युनिटी मेडिसिन की टीम गठित हो गई है। टीम स्वास्थ्य केंद्रों व गांवों में लोगों के बीच जाकर पता करेगी कि वहां लोगों को किस तरह की बीमारियां हो रही हैं और क्यों हो रही हैं

By Satish ShuklaEdited By: Publish:Thu, 12 Sep 2019 06:08 PM (IST) Updated:Fri, 13 Sep 2019 07:02 AM (IST)
पूर्वांचल की बीमारियों पर शोध करेगा एम्स, ऐसे लेंगे जानकारी Gorakhpur News
पूर्वांचल की बीमारियों पर शोध करेगा एम्स, ऐसे लेंगे जानकारी Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। अच्‍छे इलाज व पढ़ाई के साथ ही एम्स अच्‍छे शोध के लिए भी जाना जाता है। गोरखपुर में भी एम्स ने क्षेत्रीय बीमारियों पर शोध की प्रक्रिया शुरू कर दी है। कम्युनिटी मेडिसिन के अंतर्गत अब एम्स के चिकित्सक स्वास्थ्य केंद्रों व गांवों में लोगों के बीच जाएंगे और बीमारियों की जानकारी लेंगे। इसके बाद उन बीमारियों पर शोध होगा। साथ ही बीमारियों की रोकथाम के उपाय भी मरीजों को बताएंगे।

कम्युनिटी मेडिसिन की टीम गठित

एम्स की कम्युनिटी मेडिसिन की टीम गठित हो गई है। टीम स्वास्थ्य केंद्रों व गांवों में लोगों के बीच जाकर पता करेगी कि वहां लोगों को किस तरह की बीमारियां हो रही हैं और क्यों हो रही हैं? यदि किसी को कोई बीमारी है तो टीम जानने का प्रयास करेगी कि यह बीमारी उस परिवार में किसी और को है। यदि परिवार के अन्य सदस्यों को भी है, तो उनके क्रिया-कलापों के बारे में पता किया जाएगा, स्वच्‍छता आदि के बारे में जानकारी ली जाएगी। साथ ही प्रथमदृष्टया जो कारण सामने आएंगे, उससे उन्हें सचेत किया जाएगा। यदि स्वच्‍छता के अभाव में कोई बीमारी पूरे परिवार या कम्युनिटी में फैल रही है, तो उन्हेें स्वच्‍छता के प्रति जागरूक किया जाएगा। साथ ही जो बीमारियां मुख्य रूप से उभर कर सामने आएंगी, उनके बारे में एम्स में शोध होगा। उनकी तह तक जाकर बीमारियों के कारण पता किए जाएंगे ताकि उनका समुचित निदान किया जा सके। इसके लिए विभिन्न मॉडलों के अध्ययन पर भी काम शुरू हो गया है।

शुरू हो चुकी है प्रक्रिया

एम्‍स के डिप्‍टी डायरेक्‍टर डा. अश्‍वनी माहौर का कहना है कि शोध की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। हमारी टीम स्वास्थ्य केंद्रों व गांवों में जाकर बीमारियों के बारे में पता करेगी। लोगों को बीमारियों से बचने के तौर-तरीके भी बताए जाएंगे तथा स्वच्‍छता के बारे में जागरूक किया जाएगा। हमारे छात्र भी गांवों में लोगों के बीच जाकर बहुत कुछ सीखेंगे।     

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