एम्स के मेडिकल छात्र बिना चीरा लगाए समझेंगे शरीर के सभी अंगों की कार्यप्रणाली Gorakhpur News

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के मेडिकल छात्र चीरा लगाए बिना शरीर के सभी अंगों की कार्यप्रणाली समझेंगे। अंगुलियों की सहायता से छात्र आपरेशन की विधि की भी जानकारी लेंगे। यह संभव होगा वर्चुअल डिसेक्शन टेबल से। एम्स में वर्चुअल डिसेक्शन टेबल लगा दी गई है।

By Rahul SrivastavaEdited By: Publish:Sun, 28 Feb 2021 09:20 AM (IST) Updated:Sun, 28 Feb 2021 09:20 AM (IST)
एम्स के मेडिकल छात्र बिना चीरा लगाए समझेंगे शरीर के सभी अंगों की कार्यप्रणाली Gorakhpur News
एम्स के छात्र समझेंगे शरीर के सभी अंगों की कार्यप्रणाली। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जेएनएन : अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के मेडिकल छात्र चीरा लगाए बिना शरीर के सभी अंगों की कार्यप्रणाली समझेंगे। अंगुलियों की सहायता से छात्र आपरेशन की विधि की भी जानकारी लेंगे। यह संभव होगा वर्चुअल डिसेक्शन टेबल से। एम्स में वर्चुअल डिसेक्शन टेबल लगा दी गई है। एम्स प्रशासन का दावा है कि प्रदेश की यह पहली टेबल है।

शरीर की संरचना की पूरी जानकारी दी जाएगी थ्री डी तकनीक से

थ्री डी तकनीक से शरीर की संरचना की पूरी जानकारी दी जाएगी। देहदान को लेकर जागरूकता की कमी के कारण एम्स और मेडिकल कालेजों में शव न के बराबर मिलते हैं। शव न मिलने के कारण मेडिकल छात्रों को शरीर की संरचना समझने और आपरेशन के तरीकों की जानकारी लेने में दिक्कत होती है। प्लास्टिक के कैडवर पर जानकारी दी जाती है, लेकिन अंदर के अंगों को लेकर जानकारी किताबी ही रह जाती है। छात्रों को सटीक जानकारी देने के उद्देश्य से वर्चुअल डिसेक्शन टेबल मंगाई गई है।

ऐसे समझेंगे

वर्चुअल डिसेक्शन टेबल पर थ्री डी तकनीक से मानव का पूरा शरीर दिखेगा। अंगुलियों की सहायता से शरीर के जिस अंग को देखना होगा, उसके अंदर की पूरी कार्यप्रणाली सामने आ जाएगी। शरीर के पीछे के हिस्से को भी इसकी मदद से देखा जा सकेगा। रीढ़ की हड्डी, दिमाग, हृदय, लिवर, किडनी के साथ ही हड्डियों की जानकारी के लिए एक क्लिक पर पूरा कंकाल सामने आ जाएगा। नसों में खून के प्रवाह, भोजन के खाने की नली से आंत में पहुंचने और वहां इसके पाचन की पूरी विधि, पित्त का प्रवाह आदि इस देखा जा सकता है।

शरीर विज्ञान समझने में होगी आसानी : डा. सुरेखा

एम्स की कार्यकारी निदेशक डा.सुरेखा किशोर ने कहा कि प्रदेश में पहली बार वर्चुअल डिसेक्शन टेबल एम्स गोरखपुर में मंगाई गई है। मेडिकल के छात्रों को शरीर विज्ञान समझने में बहुत आसानी हो जाएगी। थ्री डी तकनीक से सभी अंगों के अंदरूनी हिस्सों की पूरी कार्यप्रणाली समझने में कोई दिक्कत नहीं होगी। अब तक शव की मदद से शरीर के अंगों की जानकारी दी जाती थी। एनाटमी विभाग के लैब में इसे रखा गया है। इसकी सहायता से सीटी स्कैन, एमआरआइ की जांच को शरीर के आधार पर देखा जा सकेगा।

chat bot
आपका साथी