AIIMS Gorakhpur: तीन महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां संभाल कर लोगों को राहत देगा एम्स

कोरोना संक्रमित गर्भवती महिलाओं की सुरक्षित डिलीवरी एवं किडनी की बीमारी से जूझ रहे संक्रमितों के डायलसिस की समस्या काफी गंभीर है। सामान्य अस्पतालों में इनका इलाज नहीं हो रहा और कई कोविड अस्पतालों में इस तरह की सुविधा नहीं है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Mon, 17 May 2021 11:16 AM (IST) Updated:Mon, 17 May 2021 06:35 PM (IST)
AIIMS Gorakhpur: तीन महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां संभाल कर लोगों को राहत देगा एम्स
एम्स गोरखपुर इस समय तीन जिम्मेदारियों का निर्वहन कर रहा है। - प्रतीकात्मक तस्वीर

गोरखपुर, जेएनएन। कोरोना संकट काल में इस वायरस से संक्रमित गर्भवती महिलाओं की सुरक्षित डिलीवरी एवं किडनी की बीमारी से जूझ रहे संक्रमितों के डायलसिस की समस्या काफी गंभीर है। सामान्य अस्पतालों में इनका इलाज नहीं हो रहा और कई कोविड अस्पतालों में इस तरह की सुविधा नहीं है। ऐसी स्थिति में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ये सुविधाएं देने के लिए राजी हो गया है।

जिला प्रशासन की अपील पर एम्स प्रबंधन ने अपनी सहमति दे दी है और जल्द ही ये सुविधाएं शुरू हो जाएंगी। इसके अतिरिक्त एम्स के लैब में जल्द ही कोरोना की आरटीपीसीआर रिपोर्ट भी तैयार हो सकेगी। इन तीन महत्वपूर्ण सुविधाओं से जिला प्रशासन को भी काफी आसानी होगी।

कोरोना संक्रमित गर्भवती महिलाओं की हो सकेगी डिलेवरी, डायलसिस की भी सुविधा

जिले में करीब 44 निजी अस्पताल कोविड के लिए डेडिकेटेड अस्पताल घोषित किए गए हैं। यहां कोरोना संक्रमित मरीजों का ही इलाज किया जाता है। ऐसी गर्भवती महिलाएं, जिन्हें कोरोना नहीं है, उनकी डिलीवरी सामान्य अस्पतालों में हो जा रही है लेकिन कई गर्भवती महिलाएं संक्रमण से भी जूझ रही हैं। उनकी डिलीवरी के लिए स्वजन को परेशान होना पड़ता है। इस समस्या को लेकर जिला प्रशासन भी परेशान था। इसलिए किसी एक जगह इसकी व्यवस्था करने का निर्णय लिया गया। 

जिला प्रशासन की ओर से की गई अपील पर बनी बात

बातचीत के बाद एम्स प्रबंधन इसके लिए तैयार हो गया है। इसी तरह किडनी की बीमारी से जूझ रहे कई लोगों को नियमित डायलसिस की जरूरत होती है। जिन्हें कोरोना का संक्रमण नहीं है, उनकी डायलसिस तो हो जा रही है लेकिन जो लोग संक्रमित हो चुके हैं, ऐसे लोगों के लिए डायलसिस कराना समस्या है। जिला प्रशासन ने एम्स से बात कर इस समस्या का समाधान भी निकाल लिया है। बीआरडी मेडिकल कालेज व आरएमआरसी के बाद एम्स में भी आरटीपीसीआर रिपोर्ट तैयार करने के लिए लैब की व्यवस्था हो चुकी है। एम्स प्रबंधन जल्द ही आरटीपीसीआर रिपोर्ट देने लगेगा। प्रतिदिन करीब 3000 रिपोर्ट जारी करने की क्षमता एम्स की लैब के पास होगी।

कोविड के समय कोरोना से संक्रमित गर्भवती महिलाओं की सुरक्षित डिलीवरी, किडनी के मरीजों की डायलसिस आदि बड़ी समस्या था। बातचीत के बाद इन सुविधाओं के लिए एम्स प्रबंधन राजी हो गया है। जल्द ही वहां ये सुविधाएं मिलने लगेंगी। इसके साथ ही आरटीपीसीआर जांच भी हो सकेगी। - के. विजयेंद्र पाण्डियन, जिलाधिकारी।

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