AIIMS Gorakhpur की ओपीडी बंद, अब सिर्फ पंजीकृत मरीजों को फोन पर परामर्श

एम्स गोरखपुर ने 24 अप्रैल से फ्लू ओपीडी के अलावा सभी ओपीडी को बंद करने का निर्णय लिया है। अब पंजीकृत मरीजों को फोन से परामर्श दिया जाएगा। निर्धारित समयसीमा में मरीज डाक्टर से परामर्श ले सकेंगे। इसके लिए नंबर जारी किए गए हैं।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Fri, 23 Apr 2021 12:25 PM (IST) Updated:Fri, 23 Apr 2021 07:28 PM (IST)
AIIMS Gorakhpur की ओपीडी बंद, अब सिर्फ पंजीकृत मरीजों को फोन पर परामर्श
कोरोना संक्रमण के चलते एम्‍स गोरखपुर की ओपीडी बंद कर दी गई है। - प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जेएनएन। कोरोना का संक्रमण बढ़ने के साथ ही अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ने 24 अप्रैल से फ्लू ओपीडी के अलावा सभी ओपीडी को बंद करने का निर्णय लिया है। अब पंजीकृत मरीजों को फोन से परामर्श दिया जाएगा। निर्धारित समयसीमा में मरीज डाक्टर से परामर्श ले सकेंगे। इसके लिए नंबर जारी किए गए हैं। हालांकि कोरोना से बचाव का टीका पहले की तरह लगेगा।

इन नंबरों पर कर सकते हैं संपर्क

0551- 2205501

0551-2205585

नोटः सोमवार से शुक्रवार को सुबह 9 से शाम 4 बजे तक और शनिवार को सुबह 9 से एक बजे दोपहर तक संंपर्क किया जा सकता है।

अब मोबाइल से संक्रमितों का हाल जानेगा रेलवे

उधर, रेलवे प्रशासन अब मोबाइल से संक्रमित रेलकर्मियों का हाल जानेगा। वाट्सएप पर कोरोना से संबंधित बचाव और उपचार का सुझाव भी देगा। इसके लिए पूर्वोत्तर रेलवे के महाप्रबंधक विनय कुमार त्रिपाठी ने समस्त अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिया है।

महाप्रबंधक सभी प्रमुख विभागाध्यक्षों, चिकित्सा निदेशकों और मंडल रेल प्रबंधकों के साथ वर्चुअल बैठक कर रहे थे। स्वास्थ्य सेवाओं और कोविड-19 प्रोटोकाल की समीक्षा करते हुए उन्होंने रेलवे अस्पतालों में आवश्यक दवाओं और उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए निगरानी बढ़ाने पर जोर दिया। कोरोना से बचाव व उपचार की तैयारियों की समीक्षा के दौरान चिकित्सा निदेशकों से उन्होंने कहा कि रेलवे चिकित्सालयों में कोविड उपचार से संबंधित सभी आवश्यकताओं की उपलब्धता सुनिश्चित करें। 

मोबाइल पर मरीजों का उत्‍साह बढ़ाएंगे चिकित्‍सक

चिकित्सक संक्रमित मरीजों से उनके मोबाइल पर संपर्क कर उनका उत्साह बढ़ाएं। साथ ही वाट्सएप पर आवश्यक सुझाव भी दें। ताकि उनका मनोबल बना रहे। जरूरत पड़ने पर उनका समुचित इलाज कराया जाए। अभियान चलाकर 45 वर्ष य उससे अधिक उम्र के सभी रेलकर्मियों का टीका लगवाएं। समस्त वरिष्ठ अधिकारी अपने अधीनस्थ अधिकारियों और कर्मचारियों से निरंतर संवाद स्थापित करें। आवश्यकता पड़ने पर उनके उपचार की भी व्यवस्था करें। इस मुश्किल घड़ी में कोविड प्रोटोकाल का पालन करते हुए अपने दायित्वों का निर्वहन करें।

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