पेट के दाएं ऊपरी हिस्से में दर्द तो हो सकती है पथरी Gorakhpur News

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में पित्ताशय व पित्त की नली के रोगों से जागरूकता के रूप में मनाया जा रहा है। एम्स के सर्जरी विभाग की ओपीडी में पित्त की थैली (गाल ब्लैडर) में होने वाले रोगों की जानकारी दी गई।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Sun, 14 Feb 2021 09:30 AM (IST) Updated:Sun, 14 Feb 2021 09:08 PM (IST)
पेट के दाएं ऊपरी हिस्से में दर्द तो हो सकती है पथरी Gorakhpur News
पेट के दाएं ऊपरी हिस्से में दर्द पथरी का लक्षण हो सकता है। - प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जेएनएन। पेट के दांए ऊपरी हिस्से में दर्द हो रहा हो तो यह पित्त की थैली में पथरी के लक्षण हो सकते हैं। ऐसी स्थिति में तत्काल डाक्टर से सलाह लें। ज्यादातर मामलों में पित्त की थैली को दूरबीन विधि से आपरेशन कर निकाल दिया जाता है।

हिमालय के तराई वाले इलाकों में ज्यादा मिलते हैं पथरी के मामले

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में फरवरी माह को पित्ताशय व पित्त की नली के रोगों से जागरूकता के रूप में मनाया जा रहा है। एम्स के सर्जरी विभाग की ओपीडी में पित्त की थैली (गाल ब्लैडर) में होने वाले रोगों की जानकारी दी गई। कार्यकारी निदेशक डा. सुरेखा किशोर की देखरेख में आयोजित गोष्ठी में सर्जरी विभाग के डा. गौरव गुप्ता ने पित्त की थैली में पथरी के लक्षण, जांच और इलाज के बारे में बताया। बताया कि लिवर के पास पित्त की थैली होती है। यह पित्त का संग्रहण करती है और पाचन में सहयोग करती है। पित्त की थैली व नली से संबंधित बीमारियां हिमालय के तराई क्षेत्र जैसे उत्तर प्रदेश, दिल्ली, बिहार में सबसे अधिक मिलती है। बाहर के देशों में चिली और बुल्गारिया में सबसे अधिक रोगी पाए जाते हैं। डा. धर्मेंद्र कुमार और डा. रवि गुप्ता ने पित्त की थैली के कैंसर और पित्त की नली में होने वाली पथरी के बारे में जानकारी दी।

यह होती है बीमारी

पित्ताशय में पथरी, कैंसर, पित्त की नली के रोग, सिस्ट, सिकुडऩ आदि बीमारी होती है।

लक्षण

पेट के दाएं ऊपरी हिस्से में तेज दर्द, पीलिया, भूख न लगना, वजन में गिरावट।

टीबी के मरीज जरूर लगाएं मास्क

क्षय रोग (टीबी) के मरीज मास्क जरूर लगाएं। इससे वे स्वयं तो सुरक्षित रहेंगे ही, दूसरों में भी टीबी का संक्रमण नहीं जा पाएगा। मास्क उतारने के बाद उसे जमीन में गड््ढा खोदकर दबा दें। इधर-उधर न फेंके। यह बातें जिला क्षय रोग नियंत्रण अधिकारी डा. रामेश्वर मिश्र ने कही। प्रेस विज्ञप्ति जारी कर उन्होंने कहा कि मास्क कोरोना के साथ ही टीबी व अन्य बीमारियों से भी बचाता है। इसलिए सभी को घर से बाहर निकलने पर मास्क जरूर लगाना चाहिए। टीबी के मरीज यदि मास्क नहीं लगाए हैं तो छींकते या खांसते वक्त मुंह पर कोई रुमाल रख लें और बाद में उसे साबुन से ठीक से धो दें। लोगों के बीच में न बैठें।

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