Pulses Price Rise: सब्जी के बाद अब दाल का भाव आसमान पर, एक माह में 25 फीसद तक बढ़े मूल्‍य

पिछले एक महीने से दालों की थोक कीमतों में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। अरहर एवं मूंग दाल की कीमतें ही सौ का आंकड़ा पार कर चुकी है और अब भी इनकी कीमतों में तेजी जारी है। फुटकर बाजार में अरहर दाल 120 रुपये किलो पहुंच गया है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Mon, 12 Oct 2020 08:35 AM (IST) Updated:Mon, 12 Oct 2020 11:39 PM (IST)
Pulses Price Rise: सब्जी के बाद अब दाल का भाव आसमान पर, एक माह में 25 फीसद तक बढ़े मूल्‍य
अरहर दाल की कीमतें पिछले एक माह में 25 फीसद तक बढ़े हैं। - प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जेएनएन। सब्जियों ने पहले ही आम आदमी की थाली का स्वाद बिगाड़ रखा था और अब दाल-रोटी खाना भी पहुंच से बाहर हो गया है। पिछले एक महीने से दालों की थोक कीमतों में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। अरहर एवं मूंग दाल की कीमतें ही सौ का आंकड़ा पार कर चुकी है और अब भी इनकी कीमतों में तेजी जारी है। फुटकर बाजार में अरहर दाल 120 रुपये किलो पहुंच गया है, जबकि पिछले महीने यही 90 रुपये बिक रही थी। इसी तरह पैक सरसों के तेल में प्रतिलीटर दस रुपये वृद्धि हुई है। अगले सप्ताह से त्योहार शुरू हो रहे हैं ऐसे में खाद्य सामग्रियों का भाव और बढ़ने के आसार हैं।

अरहर, मूंग और चने की दाल में अधिक बढ़ोतरी 

सब्जी के बाद अब दाल एवं तेल महंगा हो गया है। सबसे ज्यादा बढ़ोतरी अरहर, मूंग और चने की दाल में हुई है। दालों की कम आपूर्ति के मुकाबले मांग मजबूत बनी हुई है और त्योहारों के इस मौसम में लोगों के पास महंगी दालें खरीदने के अलावा और कोई विकल्प नहीं होगा। लाकडाउन में अरहर की कीमतें 90 रुपये प्रति किलो के स्तर तक पहुंच गईं और बाद में दाम घटकर 80 रुपये प्रति किलो रह गया था। हालांकि अब दाम फिर से बढ़ने लगे हैं। 

इसलिए बढ़ रहा है दाम

जानकारों के मुताबिक इस बार कर्नाटक में अरहर की फसल को ज्यादा बारिश से नुकसान होगा और पैदावार 10 फीसदी तक घट सकती है। यानी फिलहाल दालों के दाम में गिरावट आने की उम्मीद करना बेकार है। थोक विक्रेता अमरजीत के मुताबिक अरहर और उड़द दाल की कीमत में सबसे ज्यादा बढ़ोत्तरी हुई है। एक महीने पहले तक 80 से 90 रुपये प्रति केजी मिलने वाला अरहर दाल इन दिनों 20 से 25 रुपये प्रति किलो महंगा हो चुका है। इसी तरह उड़द दाल का भाव भी चढ़ा है। किराना कारोबारी पुनीत कुमार के मुताबिक आटा, चीनी व मैदा को छोड़कर दिया जाए तो सभी खाद्य सामग्री में 10 से 20 फीसद तक की बढ़ोतरी हुई है। सरसो के तेल का भाव भी लगातार चढ़ रहा है। मोहम्मद जावेद के मुताबिक दाल का भाव सुनकर ग्राहक नाराज हो जा रहे हैं। महंगी दालों की बिक्री भी बीते कुछ महीनों के मुकाबले कम हो गई है।

ऐसे बढ़े दाम

खाद सामग्री            सितंबर अक्टूबर

अरहर की दाल 90-95 115-120 रुपये किलो

चना की दाल       60-65 70-80

चना              60-65 54-56

बेसन             75-80 65-70

मसूर की दाल      72-80 65-70

मूंग की दाल       110-115 120-130

उड़द दाल         110-115 125-140

चीनी             38-40 40-42

आटा             24-30 24-28

मैदा              25-28 24-27

सूजी             30-32 34-40            

सरसो का तेल 120-122 126-130 रुपये लीटर

सोया आयल 104-106 110-112

सनफ्लावर ऑयल 104-105 110-112

चाय की चुस्की भी महंगी

काेरोना काल में जिन चीजों की सबसे ज्यादा खपत हाे रही है उनमें चाय पत्ती भी एक है। किराना दुकानों व शॉपिंग मॉल में पचास से अधिक कंपनियाें की चाय बिकती है, जबकि 100 रिटेल कारोबारी खुली चाय पत्ती बेचते हैं। बीते दो माह में चाय पत्ती के दाम में 70 से लेकर 125 रुपये प्रतिकिलो तक का इजाफा हुआ है। बिक्री करीब 25 फीसद तक बढ़ी है। थोक कारोबारी दाम बढ़ने के लिए आसाम व पश्चिम बंगाल के चाय बागानों में मजदूरों की कमी और बाढ़ को जिम्मेदार मान रहे हैं। जुलाई से अक्टूबर तक चाय के उत्पादन का सीजन रहता है, लेकिन इस बार बाढ़ की वजह से फसल खराब हो गई है और उसका उसर कीमतों पर पड़ रहा है। लॉकडाउन की वजह से भी दो महीना मजदूर बागान नहीं जा सके जिस वजह से पत्तियां सूख गई थीं।

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