कुशीनगर में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा के बाद अब रेलवे स्टेशन की बारी, सीएम योगी घोषणा से उम्‍मीदों को लगे पंख

कुशीनगर में नई रेल लाइन की मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद लोगों की उम्‍मीदें परवान चढ़ गई हैं। वैसे भी गोरखपुर-कुशीनगर रेल लाइन प्रकरण पहले ही रेल मंत्रालय तक पहुंच गया है। छह सितंबर को कुशीनगर में एनईआर प्रशासन के साथ रेलवे संसदीय स्थायी सलाहकार समिति की बैठक हुई थी।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Sat, 23 Oct 2021 08:02 AM (IST) Updated:Sat, 23 Oct 2021 12:07 PM (IST)
कुशीनगर में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा के बाद अब रेलवे स्टेशन की बारी, सीएम योगी घोषणा से उम्‍मीदों को लगे पंख
उत्‍तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आद‍ित्‍यनाथ। - फाइल फोटो

जागरण संवाददाता, गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कुशीनगर को नई रेल लाइन की सौगात देने की घोषणा के बाद लोगों की उम्मीदों को पंख लग गए हैं। यूपी, बिहार और नेपाल के स्थानीय लोगों को भी लगने लगा है कि भगवान बुद्ध की महापरिनिर्वाण स्थली में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बनने के बाद जल्द रेलवे स्टेशन का भी निर्माण हो जाएगा। सरकार ने भी अपनी मंशा साफ कर दी है। तभी तो 20 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा के लोकार्पण कार्यक्रम के ठीक बाद मुख्यमंत्री ने पत्रकारवार्ता में कुशीनगर तक जल्द रेल लाइन बिछाने की घोषणा कर दी। उन्होंने बताया कि गोरखपुर से कुशीनगर को रेल लाइन से जोड़ने के लिए 1476 करोड़ रुपये खर्च होंगे। जिसका 50 फीसद अंशदान राज्य सरकार को देना है।

कुशीनगर में हो चुकी है रेलवे की संसदीय स्थायी सलाहकार समिति की बैठक

मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद नई रेल लाइन को लेकर आम जनमानस ही नहीं रेलवे परिसर में भी चर्चा तेज हो गई है। वैसे भी गोरखपुर-कुशीनगर रेल लाइन प्रकरण पहले ही रेल मंत्रालय तक पहुंच गया है। छह सितंबर को कुशीनगर में पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन के साथ रेलवे की संसदीय स्थायी सलाहकार समिति की बैठक हुई थी। जिसमें स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने कुशीनगर को रेल लाइन से जोड़ने का मुद्दा उठाया था, जिसे समिति के पदाधिकारियों ने गंभीरता से लिया। ऐसे में अब स्पष्ट हो गया है कि पूर्वोत्तर रेलवे और पूर्वांचल की यह महत्वाकांक्षी परियोजना जल्द ही रेलवे के फाइलों से बाहर आने वाली है।

दरअसल, यह परियोजना नई नहीं है। वर्ष 2017 के रेल बजट में ही मंत्रालय ने गोरखपुर से कुशीनगर तक रेल लाइन बिछाने की हरी झंडी दे दी। 1345 करोड़ रुपये का बजट भी स्वीकृत हो गया। रेलवे प्रशासन ने आनन-फानन पड़रौना से कुशीनगर और हाटा होते हुए सरदारनगर तक लगभग 65 किमी नए रेलमार्ग का सर्व भी कर दिया। सर्वे के बाद भूमि अधिग्रहण के लिए सरकार ने धन भी अवमुक्त कर दिया। लेकिन मामला सर्व तक ही सिमट कर रह गया।

पूर्वोत्तर रेलवे को मिलेगी नई लूप लाइन

कुशीनगर तक रेल लाइन तैयार होने के साथ ही पूर्वोत्तर रेलवे को नई लूप लाइन (साइड लाइन) भी मिल जाएगी। गोरखपुर से सदरदारनगर, कुशीनगर और पडरौना होते हुए ट्रेनें नरकटियागंज और थावे -छपरा रूट पर भी चलने लगेंगी। छपरा और नरकटियागंज रूट की ट्रेनों को भी पडरौना से कुशीनगर और सरदार नगर होते हुए गोरखपुर के लिए नया रेलमार्ग मिल जाएगा।

बढ़ेंगे पर्यटन और रोजगार के अवसर

भगवान बुद्ध के महापरिनिर्वाण स्थली पर रोजाना देश-विदेश से सैकड़ों आवागमन करते हैं। रेल लाइन बिछ जाने से पर्यटकों की संख्या तो बढ़ेगी ही स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा। रेल लाइन निर्माण और ट्रेनों के संचालन में भी रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। पूर्वांचल में स्थित बौद्ध सर्किट भी रेल लाइन से जुड़ जाएंगे। भगवान बुद्ध से जुड़े लोगों को उत्तर प्रदेश और पूर्वांचल में स्थित एक से दूसरे बौद्ध तीर्थस्थलों तक आवागमन करने में सुविधा होगी।

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