गोरखपुर में मरीज की मौत के बाद नर्सिंग होम में बवाल, परिजनों से मारपीट

गोरखपुर नर्सिंगहोम में भर्ती मरीज की मौत होने के बाद हंगामा शुरू हो गया। हंगामा बढ़ने के बाद अस्‍पताल के कर्मचारियों ने मरीज के परिजनों के साथ मारपीट की।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Sun, 21 Apr 2019 11:51 AM (IST) Updated:Mon, 22 Apr 2019 09:41 AM (IST)
गोरखपुर में मरीज की मौत के बाद नर्सिंग होम में बवाल, परिजनों से मारपीट
गोरखपुर में मरीज की मौत के बाद नर्सिंग होम में बवाल, परिजनों से मारपीट

गोरखपुर, जेएनएन। पैडलेगंज में राजवंशी न्यूरो एंड मल्टी स्पेशियालिटी नर्सिंगहोम में भर्ती मरीज की मौत होने के बाद हंगामा शुरू हो गया। आरोप है कि मरीज की तबीयत बिगडऩे पर परिजनों ने डॉक्टर को बुलाने के लिए कहा तो कर्मचारियों ने उनके साथ दुर्व्‍यवहार शुरू कर दिया। विरोध करने पर बाहरी लोगों को साथ लेकर आए डॉक्टर ने उनके साथ मारपीट तो की ही, महिलाओं से छेड़छाड़ भी की। डॉक्टर के साथ आए लोग अस्पताल से जाते समय महिलाओं के गले से सोने की चेन और 17 हजार रुपये लूटकर फरार हो गए।

आरोप है कि मारपीट करते समय नर्सिंगहोम कर्मचारियों ने अस्पताल में लगे सीसीटीवी कैमरे बंद कर दिए थे। घटना के शुरुआत का कुछ हिस्सा सीसीटीवी कैमरे में रिकॉर्ड हो गया था। जिसे पुलिस के पहुंचने से पहले ही डॉक्टर ने डिलीट करवा दिया। इस मामले में मृतक के भाई ने नर्सिंगहोम संचालक समेत कई लोगों के खिलाफ मारपीट और डकैती सहित कई संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया है। तहरीर में उन्होंने डॉक्टर पर उपचार में लापरवाही करने का भी आरोप लगाया है।

झगहा क्षेत्र के मीठाबेल निवासी हनुमान दूबे के पुत्र सचिन गोरखपुर में रहकर निजी कंपनी में काम करते थे। 14 अपै्रल को बाइक से वह गोरखपुर आ रहे थे। रास्ते में अचानक सामने आए सांड़ से टकराकर घायल हो गए। उसी दिन से राजवंशी नर्सिंगहोम के आइसीयू में उनका उपचार चल रहा था। परिजनों के मुताबिक शुक्रवार रात तक सचिन की तबीयत ठीक थी। डॉक्टर ने शनिवार को उन्हें आइसीयू से वार्ड में शिफ्ट करने की बात कही थी।

शनिवार को सुबह अचानक सचिन की तबीयत बिगडऩे लगी। परिजनों के कई बार कहने के बाद भी कर्मचारियों ने डॉक्टर को नहीं बुलाया। इसी बीच सचिन की मौत हो गई। परिजनों ने डॉक्टर के न आने से मरीज की मौत होने का आरोप लगाना शुरू कर दिया। इसी बात पर कर्मचारी उनके साथ दुव्र्यवहार करने लगे। थोड़ी देर में ही डॉ. अजय कुमार सिंह व अशुंमान सिंह, 14-15 लोगों के साथ नर्सिंगहोम में पहुंचे और परिजनों के साथ मारपीट करने लगे। इसमें मृतक की बुजुर्ग चाची कुसुम दूबे तथा रिश्तेदारी की संध्या पांडेय, चंदन तिवारी व संजय तिवारी घायल हो गए।

इन धाराओं में दर्ज हुआ मुकदमा

सचिन के बड़े भाई अमित कुमार दूबे की तहरीर पर कैंट पुलिस ने डॉक्टर अजय कुमार सिंह और अंशुमान सिंह तथा 14-15 अज्ञात के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया है। आरोपितों पर बलवा, मारपीट, गाली-गलौच करने, धमकी देने, छेड़खानी करने, डकैती और गैर इरादतन हत्या की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है।

पोस्टमार्टम हाउस में मृतक को जीवित बताने पर हुआ परीक्षण

परिजन शाम को शव को एंबुलेंस से लेकर मेडिकल कॉलेज स्थित पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे। शव एंबुलेंस से उतारे जाने की तैयारी चल रही थी। इसी बीच मृतक का एक हाथ नीचे लटक गया। इस पर एंबुलेंस में बैठा युवक सचिन को जीवित बताने लगा। इस पर शव को मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी में ले जाया गया। जहां परीक्षण के बाद डॉक्टरों ने सचिन को मृत बताया।

इंस्पेक्टर ने कहा

इंस्पेक्टर कैंट रवि राय ने कहा कि नर्सिंगहोम में लगे सीसीटीवी कैमरे की जांच की जाएगी। फुटेज यदि डिलीट की गई होगी तो उसे रिकवर करवाया जाएगा। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से मौत की वजह पता चलने के बाद दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।

बेटे की लाश के सामने जान की दुहाई मांग रहे थे परिजन

आइसीयू में जवान बेटे की लाश पड़ी थी। परिजन गम में डूबे थे। उन्हें लग रहा था शनिवार को सुबह हालत बिगडऩे पर डॉक्टर ने देख लिया होता तो सचिन की जान बच गई होती। इस वजह से गम के साथ वह गुस्से में भी थे। इसको लेकर प्रतिक्रिया करना स्वाभाविक भी है। परिजनों की यही प्रतिक्रिया नर्सिंगहोम संचालक और कर्मचारियों को नागवार गुजरी। बाहर से आए लोगों के साथ उन्होंने उन पर हमला कर दिया। इसके बाद एक तरफ बेटे की लाश पड़ी थी, दूसरी तरफ परिजन जान की दुहाई मांगते हुए इधर से उधर भाग रहे थे।

शादी की चल रही थी तैयारी

परिवार के लोग इसी साल सचिन की शादी करने की तैयारी कर रहे थे। कई जगह रिश्ते की बात भी चल रही थी, लेकिन अ'छे परिवार और घरेलू लड़की की तलाश पूरी नहीं हो पा रही थी।

इसी माह होना था भतीजे का मुंडन

सचिन दो भाइयों में छोटे थे। उनके बड़े भाई अमित इंजीनियर हैं। इस समय वह एचसीएल, दिल्ली में कार्यरत हैं। उनके बेटे नमो का मुंडन होना है। इसके लिए 29 अप्रैल तिथि निर्धारित की गई है। घर में इसकी तैयारी चल रही थी।

नर्सिंगहोम में कई घंटे रहा अफरा-तफरी का माहौल

सचिन की मौत के बाद कई घंटे तक नर्सिंगहोम में अफरा-तफरी का माहौल रहा। सुबह बाहर से आए लोगों के सचिन के परिजनों को पीटने के साथ ही इसकी शुरुआत हो गई थी। बाद में मौत की खबर उनके गांव पहुंची तो काफी लोग गांव से नर्सिंगहोम पर आ गए। परिजनों के साथ मारपीट की जानकारी होने पर उन्होंने हंगामा करना शुरू किया लेकिन पहले से मौजूद पुलिस ने उन्हें शांत करा दिया।

एक साल पहले सील भवन में चल रहा है नर्सिंगहोम

राजवंशी न्यूरो एंड मल्टी स्पेशियलिटी नर्सिंगहोम जिस भवन में चल रहा है। एक साल पहले 12 मार्च,2018 को जीडीए ने उसे सील कर दिया था। उस समय नर्सिंगहोम संचालक के भर्ती मरीजों का हवाला देने पर पूरा भवन नहीं सील किया गया था। तब जीडीए ने मरीजों को दूसरी जगह शिफ्ट करने के लिए 10 दिन की मोहलत दी थी। इसके बाद पूरा भवन सील करने की बात कही थी। मगर एक बार सील करने के बाद जीडीए की टीम दोबारा नर्सिंगहोम में झांकने तक नहीं पहुंची। इस संबंध में पूछे जाने पर जीडीए सचिव रामसिंह गौतम ने कहा कि नर्सिंगहोम के कुछ कमरों को सील करने के साथ ही पूरा भवन खाली करने को कहा गया था। यदि सील तोड़ी गई होगी तो कार्रवाई होगी। जेई को मौके का मुआयना कर रिपोर्ट देने को कहा गया है। कार्रवाई के लिए सोमवार को यह रिपोर्ट जीडीए उपाध्यक्ष के समक्ष पेश की जाएगी।

chat bot
आपका साथी