Manish Murder Case:गिरफ्तारी के बाद एसआइटी के सामने इंस्पेक्टर जेएन सिंह अड़ा, अक्षय रो पड़ा
Manish gupta murder case गिरफ्तारी के बाद इंस्पेक्टर-दारोगा उसी रामगढ़ताल थाने में बेबस और मायूस नजर आए जहां वे तैनात थे। पांच घंटे चली पूछताछ के दौरान हत्यारोपित इंस्पेक्टर जेएन सिंंह अपने रुख पर अड़ा रहा जबकि अक्षय मिश्रा रोकर पश्चाताप करता नजर आया।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। Manish gupta murder case मातहत और फरियादियों पर रौब दिखाने वाले इंस्पेक्टर-दारोगा रविवार को उसी रामगढ़ताल थाने में बेबस और मायूस नजर आए। पांच घंटे चली पूछताछ के दौरान हत्यारोपित इंस्पेक्टर जेएन सिंंह अपने रुख पर अड़ा रहा, जबकि अक्षय मिश्रा रोकर पश्चाताप करता नजर आया। जेएन सिंह ने एसआइटी को बताया कि मनीष गुप्ता और उसके दोस्त नशे में थे। पैर फिसलने की वजह से मनीष कमरे में गिर गया। उसे बचाने के लिए वह अपनी टीम के साथ उसे अस्पताल ले गए लेकिन सिर में गंभीर चोट लगने से उसकी मौत हो गई। पूछताछ के बाद एसआइटी जब अक्षय मिश्रा को पुलिस वैन से लेकर रिमांड मजिस्ट्रेट की कोर्ट के लिए रवाना हुई तो वह बिलख पड़ा। सुरक्षा में लगे पुलिसकर्मियों ने उसे संभाला, वहीं जेएन सिंंह के चेहरे पर कोई शिकन नहीं थी।
सुरक्षा में लगे पुलिसकर्मियों ने समझा-बुझाकर चुप कराया
रामगढ़ताल थाने में एसआइटी ने पहले दोनों से एक साथ फिर अलग-अलग बातचीत कर घटना की जानकारी ली। थाने में मेडिकल होने से पहले तक दोनों आरोपित हत्या को हादसा बताते रहे। जेल जाने की तैयारी शुरू होने पर अक्षय मिश्रा की कभी आंख भर आती तो कभी गला। सवाल से बचने के लिए वह बार-बार गमछे से अपनी आंख व पसीना पोछता रहा। न्यायालय में पेश करने के लिए जैसे ही एसआइटी ने दोनों को पुलिस वैन में बैठाया अक्षय मिश्रा बिलख पड़ा। सुरक्षा में लगे पुलिसकर्मियों ने समझा-बुझाकर चुप कराया।
अधिवक्ता ने कोर्ट पहुंचकर ली मामले की जानकारी
रविवार की रात में एसआइटी जब हत्यारोपित पुलिसकर्मियों को न्यायालय में लेकर पहुंची तो रिमांड मजिस्ट्रेट ने उनसे पूछा कि आपके अधिवक्ता कहां हैं। उन्होंने कोई उत्तर नहीं दिया। जेएन ङ्क्षसह और अक्षय मिश्रा के अधिवक्ता पीके दूबे ने सोमवार की सुबह सीजेएम कोर्ट में पहुंचकर मामले की जानकारी ली। जेल में भी उनसे मिलने का प्रयास किया लेकिन देर होने की वजह से मुलाकात नहीं हो पाई।