ध्वजारोहण के बाद बीजक पाठ से गूंजी कबीर की वाणी
मगहर के कबीर चौरा में मना सद्गुरु कबीर साहेब का 623वां प्राकट्य दिवस
संतकबीर नगर : सद्गुरु संत कबीर साहेब के 623वें प्राकट्य दिवस पर गुरुवार को परिनिर्वाण स्थली मगहर में गुरु पूजन हुआ। ध्वजारोहण व बीजक पाठ करके संत की महिमा का गुणगान किया गया। समाधि मंदिर व मजार पर कबीर वाणी की गूंज रही। सत्संग व भजन-कीर्तन से कबीरपंथियों ने सद्गुरु का वंदना कर उनके विचारों को जन-जन में पहुंचाने व उनके आदर्शों पर चलने का संकल्प लिया। गुरु पूजा व चौका आरती में साधु-संतों ने शारीरिक दूरी का पालन करते हुए हिस्सा लिया। भंडारा में प्रसाद ग्रहण करने के लिए हर वर्ग का उत्साह बना रहा।
कबीर स्थली पर हुए सत्संग में साधु-संतों ने धर्म के स्वरूप को परिभाषित करते हुए मानवता को ही सच्चा धर्म बताया। संत वचन से सौहार्द बनाएं रखने की अपील की। महंत विचार दास ने कहा कि सद्गुरु कबीर ने लोक कल्याण व मानव धर्म पर जोर दिया है। उन्होंने सदैव सकारात्मक रहने की सीख दी। इससे दूसरे में बुराई नहीं दिखती है। साहेब ने किसी जाति व संप्रदाय की बात न करके मानवता की बात की है। संत आनंद दास ने कहा कि साहेब की वाणी, वचन व कर्म में एक समानता रही। उनके सत्य, अहिसा, प्रेम और आपसी भाईचारा के विचार आज भी प्रासंगिक हैं। व्यक्ति का जीवन एक स्वरूप है। उसे परमात्मा को अपने अंदर ढूंढ़ना चाहिए। ऐसा करने वाले व्यक्ति को सुख व शांति की प्राप्ति होती है। संत अरविद दास शास्त्री व शांतिदास ने कहा कि सद्गुरु की वाणी को आत्मसात करने पर ही समाज में खुशहाली लाई जा सकती है। कोरोना संक्रमण से बचाव में इस बार नगर भ्रमण व दूर-दराज के संगत का कार्यक्रम स्थगित रहा। इस अवसर पर डा. हरिशरण दास, रामशरण दास, डा. राकेश सिंह, अजय पांडेय, ओमप्रकाश निर्भीक, अविलाष दास, मोतवल्ली खादिम हुसैन, शत्रुधन, रमाशंकर गुप्ता, आनंद जी, अनीता यादव सहित दिल्ली, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गोंडा, गोरखपुर, महाराजगंज सहित विभिन्न स्थानों के कबीर पंथी मौजूद रहे।