प्राइवेट अस्पताल में प्रसव के बाद सरकारी में कर रहे भर्ती
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. एके श्रीवास्तव ने बताया कि कुछ प्राइवेट अस्पताल को छोड़कर अन्य को आपरेशन से डिलेवरी की अनुमति नहीं है। अगर इस तरह से किया जा रहा है तो अस्पतालों की जांच के लिए अभियान चलाया जाएगा और इसमें लिप्त संबंधित के विरुद्ध भी कार्रवाई की जाएगी। जनपद के चार सीएचसी पर भी दो-दो बेड का एसएनसीयू वार्ड क्रियाशील है।
महराजगंज: जिला अस्पताल की व्यवस्था मनमानी की शिकार हो गई है, तो प्राइवेट अस्पताल में भी अंधेरगर्दी का आलम है। एकाध को छोड़कर किसी भी प्राइवेट अस्पताल में सिक एंड बार्न यूनिट केयर (एसएनसीयू) वार्ड की व्यवस्था नहीं। बावजूद जिला अस्पताल के कुछ चिकित्सक प्राइवेट अस्पतालों में गर्भवती का प्रसव करा रहे हैं और उनके कमजोर व बीमार नवजात को जिला अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में भर्ती कर रहे हैं।
जिला अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में केवल बीस बेड है। आंकड़ों पर गौर करें तो जिला अस्पताल पर डिलेवरी की संख्या प्राइवेट अस्पतालों की अपेक्षा बहुत कम है। हालांकि वही प्राइवेट अस्पताल प्रसव पीड़िता का आपरेशन कर सकता है, जिनके अस्पताल पर सर्जन व महिला डाक्टर हो। इसके अलावा उसे यह बताना होगा कि उसके वहां कौन महिला डाक्टर आती हैं। लेकिन यहां सब सांठगांठ कर मनमानी का खेल चल रहा है। मोटी रकम वसूल कर डिलेवरी कराने के बाद बीमार व कमजोर बच्चों को जिला अस्पताल के हवाले कर दिया जाता है। प्रसव के बाद नवजातों को सरकारी अस्पताल के एसएनसीयू में भर्ती करने से दिक्कत बढ़ गई है। जिसका खामियाजा गरीब मरीजों को भुगतना पड़ रहा है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. एके श्रीवास्तव ने बताया कि कुछ प्राइवेट अस्पताल को छोड़कर अन्य को आपरेशन से डिलेवरी की अनुमति नहीं है। अगर इस तरह से किया जा रहा है, तो अस्पतालों की जांच के लिए अभियान चलाया जाएगा और इसमें लिप्त संबंधित के विरुद्ध भी कार्रवाई की जाएगी। जनपद के चार सीएचसी पर भी दो-दो बेड का एसएनसीयू वार्ड क्रियाशील है। सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों के भर्ती बच्चे
21 जून से 20 जुलाई तक कुल 278 नवजात एसएनसीयू में भर्ती हुए हैं। इसमें 34 का जिला अस्पताल, 140 का सीएचसी तथा 96 का प्राइवेट अस्पतालों में जन्म हुआ है। इसी प्रकार 21 जुलाई से 20 अगस्त तक कुल 359 नवजात एसएनसीयू में भर्ती हुए। इसमें 40 का जिला अस्पताल, 175 का सीएचसी तथा 144 का प्राइवेट अस्पताल में जन्म हुआ। 21 अगस्त से 20 सितंबर तक एसएनसीयू में कुल 454 नवजात भर्ती हुए। इसमें 36 का जिला अस्पताल, 227 का सीएचसी में तथा 191 का प्राइवेट अस्पताल में जन्म हुआ है।