80 दिन बाद श्रद्धालुओं के लिए खुलेंगे गोरखनाथ मंदिर के कपाट Gorakhpur News

21 मार्च से अपने धार्मिक अनुष्ठान से वंचित गोरखनाथ मंदिर का कपाट आठ जून को खुल जाएगा। 80 दिन बाद मंदिर खुलने की सूचना से श्रद्धालु काफी प्रसन्‍न हैं।

By Satish ShuklaEdited By: Publish:Mon, 01 Jun 2020 07:30 PM (IST) Updated:Mon, 01 Jun 2020 07:30 PM (IST)
80 दिन बाद श्रद्धालुओं के लिए खुलेंगे गोरखनाथ मंदिर के कपाट Gorakhpur News
80 दिन बाद श्रद्धालुओं के लिए खुलेंगे गोरखनाथ मंदिर के कपाट Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। आठ जून से मठ-मंदिरों को खोले जाने की शासन की गाइड लाइन के बाद गोरखनाथ मंदिर प्रबंधन ने भी तैयारी शुरू कर दी है। श्रद्धालुओं के लिए मंदिर के कपाट खोले जाने की सूचना से उन श्रद्धालुओं मेें खासा उल्लास है, जो प्रतिदिन पूजा-अर्चना के लिए गोरखनाथ मंदिर आते थे, लेकिन बीते 21 मार्च से अपने धार्मिक अनुष्ठान से वंचित हैं। गोरखनाथ मंदिर कार्यालय में ऐसे श्रद्धालुओं के आने वाले अनवरत फोन इसके प्रमाण हैं।

श्रद्धालु थे काफी परेशान

मंदिर के सचिव द्वारिका तिवारी ने बताया कि मंदिर बंद रहने से श्रद्धालु काफी परेशान थे। गोरखनाथ मंदिर के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि श्रद्धालुओं के लिए कपाट इतने दिन तक बंद रहे। कुछ लोगों के मुंडन, सगाई, विवाह जैसे मांगलिक कार्य रुके हैं, तो कुछ की मनौती पूजा लंबित है। इसे लेकर हर दिन दर्जनों फोन कार्यालय में आते थे। ऐसे लोगों ने फोन करके खुशी जाहिर की है।

सुबह पांच बजे से रात नौ बजे तक खुला रहेगा मंदिर

गाइड लाइन मिलने के बाद श्रद्धालुओं के लिए मंदिर के द्वार खोलने की योजना बनाई जा रही है। निर्धारित नियम के मुताबिक ही श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश दिया जाएगा। सुबह पांच बजे से रात नौ बजे तक द्वार खोला जाएगा। दर्शन-पूजन के दौरान फिजिकल डिस्टेंसिंग का विशेष ख्याल रखा जाएगा। गोरखनाथ मंदिर के द्वार कोरोना संक्रमण को देखते हुए बीते 21 मार्च से बंद हैं।

मास्क के बिना मंदिर में प्रवेश नहीं

मंदिर सचिव ने बताया कि गोरखनाथ मंदिर में दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को मास्क अनिवार्य रूप से लगाना होगा। भीड़ की स्थिति से बचना होगा। लोगों को जागरूक करने के लिए मंदिर के स्वयंसेवकों की ड्यूटी लगाई जाएगी। इसे लेकर मंदिर के हर महत्वपूर्ण स्थान पर सूचना भी चस्पा की जाएगी।

शुरू हुआ रामचरित मानस पाठ

मंदिर खुलने की सूचना के बाद प्रबंधन और संतों ने खुशी जाहिर करने के लिए रविवार की सुबह परिसर में मौजूद राम दरबार में रामचरित मानस का पाठ शुरू कर दिया। पाठ सोमवार की सुबह सम्पन्न हो गया।  

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