श्रीलंका की फ्लाइट को लेकर प्रशासनिक तैयारियां तेज
कुशीनगर के डीएम व ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने किया एयरपोर्ट का निरीक्षण 26 अप्रैल को 1
कुशीनगर: कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर कोविड प्रोटोकाल के बीच श्रीलंका के एयर बस ए-320 से 180 सदस्यीय बौद्ध प्रतिनिधि मंडल के 26 अप्रैल के संभावित आगमन को लेकर प्रशासन की सक्रियता बढ़ गई है।
शनिवार को डीएम एस. राजलिगम और ज्वाइंट मजिस्ट्रेट पूर्ण बोरा ने एयरपोर्ट का निरीक्षण किया। टर्मिनल बिल्डिंग, रोड कनेक्टिविटी, एटीसी बिल्डिग को ऊपर चढ़कर देखा और अथार्टी के अधिकारी अमर सिंह से सुरक्षा, सिगनल आदि अन्य जरूरी जानकारी प्राप्त की। कई जरूरी निर्देश दिए। बताया जाता है कि एयरपोर्ट लैंडिग व टेकआफ के लिए तैयार है।
ज्वाइंट मजिस्ट्रेट कसया पूर्ण बोरा ने कहा कि कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर श्रीलंका से आने वाली पहली फ्लाइट के मद्देनजर डीएम के साथ तैयारियों का जायजा लिया गया। श्रीलंका से आने वाली पहली फ्लाइट की संभावित तिथि 26 अप्रैल है। वैश्विक महामारी कोरोना का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। संक्रमण को देखते हुए तिथि में बदलाव भी हो सकता है।
तथागत की लेटी प्रतिमा पर स्वर्ण लेपन कराने की मांग
अंतरराष्ट्रीय पर्यटक केंद्र कुशीनगर के महापरिनिर्वाण बुद्ध मंदिर स्थित तथागत की लेटी प्रतिमा पर कुशीनगर भिक्षु संघ ने बुद्ध जयंती (बुद्ध पूर्णिमा) 26 मई के पूर्व स्वर्ण लेपन (सुनहरा रंग) कराने की मांग भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण से की है।
संघ का कहना है कि लंबे समय से बुद्ध प्रतिमा पर स्वर्ण लेपन नहीं हुआ है। इससे प्रतिमा धूमिल हो गई है। इस बार 2565 वीं बुद्ध जयंती 26 मई के पूर्व संघ प्रतिमा का लेपन कराना चाहता है। संघ के अध्यक्ष एबी ज्ञानेश्वर ने कहा कि भापुस स्वयं बुद्ध प्रतिमा का लेपन कराए या उन्हें कराने की अनुमति प्रदान करे।
महापरिनिर्वाण बुद्ध मंदिर में स्थापित बुद्ध की 21 फुट लंबी सिंह शैया में लेटी प्रतिमा पांचवीं सदी में मथुरा में निर्मित है। इसका निर्माण हरिबल स्वामी ने दीन नामक मिस्त्री से करवाया था। सन 1876 की पुरातात्विक खोदाई में बलुए पत्थर से निर्मित प्रतिमा इसी स्थान पर मिली थी। भारत सहित विदेशों से आने वाले पर्यटक/श्रद्धालु इसकी पूजा और इस पर चीवर चढ़ाकर अपने को धन्य समझते हैं। संरक्षण सहायक भापुस कुशीनगर शादाब खान ने कहा कि महापरिनिर्वाण बुद्ध मंदिर में स्थित बुद्ध प्रतिमा पर स्वर्ण लेपन का कार्य विभागीय उच्चाधिकारियों की अनुमति से विभाग ही करा सकता है।