गोरखपुर में प्‍याज के स्‍टाक को कब्‍जे में लेगा प्रशासन, जमाखोरी पर लगेगा अंकुश

यदि प्‍याज की कीमत नियंत्रित नहीं हुई तो एसेंसियल कमोडिटी एक्ट लागू किया जाएगा और स्टाक अपने कब्जे में लेकर प्रशासन दाम नियंत्रित करेगा। लाकडाउन की तर्ज पर दुकानें लगाकर सस्ते रेट पर बिक्री भी की जा सकती है।

By Satish ShuklaEdited By: Publish:Mon, 26 Oct 2020 12:48 PM (IST) Updated:Mon, 26 Oct 2020 12:48 PM (IST)
गोरखपुर में प्‍याज के स्‍टाक को कब्‍जे में लेगा प्रशासन, जमाखोरी पर लगेगा अंकुश
जमाखोरी में एकत्र प्‍याज की फाइल फाटो।

गोरखपुर, जेएनएन। प्याज की तेजी से बढ़ती कीमतों ने आम आदमी को परेशान कर दिया है। पुराने रेट पर मंगाई गई प्याज को स्टाक कर बढ़े दर पर बेचा जा रहा है और जमकर मुनाफाखोरी हो रही है। प्याज का दाम पिछले एक महीने में करीब 40 रुपये तक बढ़ चुका है। प्रशासन इस मामले में सख्त रुख अपनाने जा रहा है। डीएम के. विजयेंद्र पांडियन ने कहा कि प्याज की कीमत बढ़ रही है। 31 अक्टूबर तक इंतजार किया जाएगा, यदि कीमत नियंत्रित नहीं हुई तो एसेंसियल कमोडिटी एक्ट लागू किया जाएगा और स्टाक अपने कब्जे में लेकर प्रशासन दाम नियंत्रित करेगा। लाकडाउन की तर्ज पर दुकानें लगाकर सस्ते रेट पर बिक्री भी की जा सकती है।

80 रुपये प्रतिकिलो के हिसाब से बिक रहा प्‍याज

थोक मंडी में प्याज 55 रुपये से लेकर 65 रुपये प्रतिकिलो की दर से बिका रहा है। फुटकर बाजार में यह कीमत 80 रुपये प्रतिकिलो तक है। दाम बढ़ने के पीछे व्यापारियों का तर्क है कि दक्षिण भारत में हुई बरसात के कारण नई फसल नहीं आ सकी है और कुछ स्थानों पर फसल लेट हो चुकी है। ऐसी स्थिति में प्याज के दाम बढ़ रहे हैं। जबकि दाम बढ़ने का एक पहलू जमाखोरी से भी जुड़ा है। थोक मंडी में कुछ व्यापारियों ने बड़ी मात्रा में प्याज का स्टाक कर रखा है। अपनी दुकान के साथ ही कुछ और दुकानों में माल भरा गया है। व्यापारियों के घरों में भी प्याज का स्टाक है। चर्चा है कि यह प्याज 32 रुपये से लेकर 36 रुपये प्रतिकिलो तक खरीदी गई है और इसे 65 रुपये प्रतिकिलो तक बेचा जा रहा है। बिक्री अधिक रेट पर हो रही है जबकि टैक्स का भुगतान पुरानी दर पर हो रहा है। इस समय नासिक में भी प्याज के दाम बढ़े हैं और इसी को आधार बनाकर यहां भी पुराना स्टाक नए रेट पर बेच कर जबदरस्त लाभ कमाया जा रहा है। सोमवार तक प्याज 40 से 45 रुपये प्रतिकिलो तक बिका था। व्यापारियों की मानें तो दाम में उछाल के कारण प्याज की मांग में कमी भी आयी है।

जांच के लिए लगाई गई है टीम

प्याज की जमाखोरी की जांच के लिए प्रशासन की ओर से जांच टीम लगाई गई है। पर, अभी तक टीम को इस तरह का कोई मामला नहीं मिला है। थोक मंडी में जमाखोरी की चर्चा आम है लेकिन जमाखोरी करने वाले जांच टीमों के हाथ नहीं आ सके हैं। जिलाधिकारी के. विजयेंद्र पांडियन ने बताया कि प्याज की आवक कम होने से दिक्कत आ रही है। यदि आम नागरिक के पास भी जमाखोरी की सूचना हो तो वे बता सकते हैं, जमाखोरी करने वालों पर शिकंजा कसा जाएगा। जांच के लिए टीमें लगाई भी गई हैं।

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